बिजली विभाग की नाकामी पर स्वयं-शक्ति का हल्लाबोल, पुतला-दहन कर जताई नाराजगी
बिजली विभाग की लापरवाही और वादाखिलाफी से तंग आकर अब डुमरांव के लोगों ने आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। डुमरांव में बिजली की अनियमित आपूर्ति और जर्जर व्यवस्था को लेकर पिछले कई दिनों से सामाजिक संस्था स्वयं शक्ति लगातार आंदोलनरत है, लेकिन विभाग के अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही। नतीजा यह हुआ कि गुरुवार से आंदोलनकारियों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी। शुक्रवार को गुस्साए कार्यकर्ताओं ने ऊर्जा मंत्री सहित विभागीय अधिकारियों का पुतला फूंक कर अपना आक्रोश जाहिर किया। यह पहला मौका नहीं है जब डुमरांव की जनता ने बिजली विभाग को उसकी नाकामी का आईना दिखाया हो। लेकिन विडंबना यह है कि विभाग के जिम्मेदार अफसर हर बार वही पुराना रटा-रटाया वाक्य दोहराते हैं।

पांच दिन से धरने पर बैठे हैं सामाजिक संस्था के सदस्य, गुरुवार से भूख हड़ताल पर भी विभाग ने नहीं ली सुध
केटी न्यूज, डुमरांव।
बिजली विभाग की लापरवाही और वादाखिलाफी से तंग आकर अब डुमरांव के लोगों ने आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। डुमरांव में बिजली की अनियमित आपूर्ति और जर्जर व्यवस्था को लेकर पिछले कई दिनों से सामाजिक संस्था स्वयं शक्ति लगातार आंदोलनरत है, लेकिन विभाग के अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही। नतीजा यह हुआ कि गुरुवार से आंदोलनकारियों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी। शुक्रवार को गुस्साए कार्यकर्ताओं ने ऊर्जा मंत्री सहित विभागीय अधिकारियों का पुतला फूंक कर अपना आक्रोश जाहिर किया। यह पहला मौका नहीं है जब डुमरांव की जनता ने बिजली विभाग को उसकी नाकामी का आईना दिखाया हो। लेकिन विडंबना यह है कि विभाग के जिम्मेदार अफसर हर बार वही पुराना रटा-रटाया वाक्य दोहराते हैं।
सात सूत्री मांगें, जो बनी जनता की आवाज- स्वयं शक्ति संस्था के आंदोलनकारियों ने साफ कहा है कि अब केवल आश्वासन से काम नहीं चलेगा। उनकी सात सूत्री मांगें जनता की सुरक्षा और सुविधा से सीधा जुड़ा मुद्दा है। इनमें नए ट्रांसफार्मर की स्थापना, ग्रिड को पर्याप्त बिजली आपूर्ति, जगह-जगह लटक रहे जर्जर तारों का प्रतिस्थापन, तकनीकी कर्मियों की बहाली, टोल-फ्री नंबर का प्रभावी संचालन, लो वोल्टेज का स्थायी समाधान और आपदा प्रभावित क्षेत्रों में तारों को अंडरग्राउंड करना शामिल है। इसके अलावा खराब पड़े पुराने बॉक्स को बदलने की भी मांग की गई है। संस्था के सदस्य 8 सितंबर से ही इन मांगों को लेकर धरने पर डटे थे। तीन दिन तक अधिकारियों से बातचीत हुई, लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात। अधिकारियों ने दिवाली तक तार बदलने और बॉक्स दुरुस्त करने का भरोसा दिया, पर संगठन ने इसे झूठा दिलासा मानने से इनकार कर दिया।
विभाग का रवैया बर्दाश्त के बाहर-
संगठन के संयोजक धीरज मिश्रा और सदस्य सर्वेश पांडेय भूख हड़ताल पर बैठे हैं। उनका कहना है कि विभाग की यह टालो-फोड़ो-भूलो नीति अब बर्दाश्त से बाहर है। सिर्फ तार और बॉक्स दिखाकर समस्या का समाधान नहीं होगा। जब तक सात सूत्री मांगें पूरी तरह लागू नहीं होतीं, आंदोलन जारी रहेगा। 8 सितंबर को धरने के शुरुआती दिन धरना स्थल पर पहुंचे कार्यपालक अभियंता कुमार अभिषेक, एईई आरके दुबे और जेई इम्तियाज हुसैन ने भरोसा दिया कि काम शीघ्र शुरू होगा। लेकिन संगठन ने आश्वासन मानने से इनकार कर दिया। संगठन का कहना था कि जबतक पूरी तरह से डुमरांव में कार्य शुरू नहीं हो जाता, अनियमिताएं खत्म नहीं हो जाती तबतक धरना समाप्त नहीं होगा। सवाल यह है कि आखिर विभाग को हर बार काम शुरू करने में महीनों क्यों लग जाते हैं जनता बार-बार आश्वासन के झुनझुने से खेलती रहे और विभाग आराम की नींद सोता रहे यह अब बर्दाश्त के बाहर है।
लो वोल्टेज और जर्जर तारो की सेवा से परेशान-
बता दें कि डुमरांव और आसपास के प्रखंडों में बिजली की हालत किसी से छिपी नहीं है। कभी ट्रांसफार्मर जल जाते हैं, तो कहीं वोल्टेज इतना कम होता है कि बल्ब तक टिमटिमाते रहते हैं। बरसात और आपदा के दिनों में जर्जर तार लोगों की जान के लिए खतरा बन जाते हैं। बावजूद इसके विभाग अब तक सिर्फ फाइलों में समाधान ढूंढ रहा है। वहीं धरने पर बैठे कार्यकर्ताओं को क्षेत्र की जनता का भरपूर समर्थन मिल रहा है। लोगों का कहना है कि विभाग अगर समय रहते गंभीर नहीं हुआ तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। बिजली विभाग की अकर्मण्यता की वजह से उपभोक्ताओं को बार-बार जानलेवा स्थिति का सामना करना पड़ता है। उपभोक्ताओं का सवाल है आखिर वे बिल किस बात का भरें? बदले में उन्हें सिर्फ लो वोल्टेज, ट्रांसफार्मर की खराबी और जर्जर तारों का डर ही मिलता है।
बुनियादी सुविधाओं के अधिकार का मायने नहीं-
डुमरांव की जनता आज बिजली विभाग से यही पूछ रही है कि क्या आपका काम सिर्फ मीटर लगाना और बिल भेजना है? उपभोक्ता की सुरक्षा, सुविधा और बुनियादी अधिकार आपके लिए कोई मायने नहीं रखते? विभागीय अधिकारियों की हालत उस डॉक्टर की तरह हो गई है जो मर्ज तो जानता है, लेकिन इलाज करने के बजाय मरीज को सिर्फ दवा की पर्ची थमाकर चलता बनता है।
निष्कर्षजनता का धैर्य अब जवाब दे चुका है- बिजली विभाग की लापरवाही से तंग आकर डुमरांव में भूख हड़ताल शुरू होना इस बात का संकेत है कि आने वाले दिनों में यह आंदोलन और बड़ा रूप ले सकता है। विभाग अगर अब भी नहीं चेता तो पुतला दहन की यह चिंगारी एक बड़े जनआंदोलन में बदल जाएगी। इस मौके कर अविनाश त्रिपाठी, विजय सिन्हा, राजेश मिश्रा, विकास ठाकुर सहित अन्य कई मौजूद रहें।
मनीष मिश्रा, राजन तिवारी, राजेश मिश्रा, डब्लू मिश्रा, बिट्टू चौधरी, नितेश सैनी, रॉबिन चौबे, अशोक राय, श्रीभगवान पासवान, परवेज आलम, विष्णु कसेरा, खुशीचंद कुशवाहा, अजय यादव, मुन्ना ठाकुर, अविनाश त्रिपाठी, आशीष वर्मा, विशाल शर्मा, दुर्गेश पाण्डेय, अजीत गुप्ता सहित अन्य सदस्य शामिल रहे।