डुमरांव सीओ ने कागज में हटाया अतिक्र्रमण, डीएम को सौंपी गलत रिपोर्ट

जल जीवन हरियाली योजना के शुरू होने के बाद पूरे बिहार में प्राथमिकता के तौर पर सरकारी अहरा तथा जलाशयों को अतिक्रमणमुक्त कराया गया है। लेकिन, डुमरांव अंचल में स्थिति इसके उलट है। आज भी सार्वजनिक जलाशयों पर अंचल प्रशासन की मनमानी तथा मिलीभगत से अतिक्रमण कायम है।

डुमरांव सीओ ने कागज में हटाया अतिक्र्रमण, डीएम को सौंपी गलत रिपोर्ट

- मामला कसिया पंचायत के सिकठा गांव का, आवेदिका ने डीएम को बताई सच्चाई, अब जांच का आदेश

- लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के निर्देश पर हटाना था सरकारी अहरा से अतिक्रमण, महिला को झांसे में ले सीओ ने करा लिया था सादे कागज पर दस्तखत

केटी न्यूूज/डुमरांव

जल जीवन हरियाली योजना के शुरू होने के बाद पूरे बिहार में प्राथमिकता के तौर पर सरकारी अहरा तथा जलाशयों को अतिक्रमणमुक्त कराया गया है। लेकिन, डुमरांव अंचल में स्थिति इसके उलट है। आज भी सार्वजनिक जलाशयों पर अंचल प्रशासन की मनमानी तथा मिलीभगत से अतिक्रमण कायम है। अलबत्ता लोक शिकायत निवारण तथा डीएम के आदेश पर सिर्फ खानापूरी की जा रही है।

कागजों में अतिक्रमण हटाने का एक चौंकाने वाला मामला अंचल के कसिया पंचायत के सिकठा गांव में सामने आया है। जहा आहर की सार्वजनिक जमीन पर लोक शिकायत निवारण के निर्देेश पर अतिक्रमण हटाने गए सीओ ने आवेदिका को बरसात का हवाला दे कहा कि इस मौसम में झोपड़ी हटाने पर दूसरे पक्ष को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। सीओ ने आवेदिका तारा देवी से दो महीने का समय ले तथा उनसे सादे कागज पर हस्ताक्षर कराने के बाद डीएम को अतिक्रमण हटाने की रिपोर्ट सौंप दी। संयोग से इस दौरान आवेदिका भी वहां मौजूद थी।

उन्होंने डीएम को पूरी कहानी बताई और कहा कि सीओ साहब 31 जुलाई को अतिक्रमण हटाने गए थे। इस दौरान वहां झोपड़ी थी, उन्होंने कहा कि बरसात में झोपड़ी हटाने पर उनलोगों को रहने में काफी दिक्कत होगी। तारा ने डीएम को बताया कि सीओ ने उनसे दो महीने का समय लिया है। यह सुनते ही डीएम सीओ पर नाराज हो गए। उन्होंने तत्काल इस मामले की जांच के आदेश दिए है। अब देखना है कि जिला प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई कर रहा है। वही, दाखिल खारिज व जमाबंदी में मनमानी तथा सेटिंग के किस्से के लिए चर्चित डुमरांव अंचल में कागजों पर अतिक्रमण हटाने की बात सुर्खियों में आ गई है। 

 क्या है मामला

सिकठा के स्वर्गीय कृष्ण चौबे की विधवा तारा देवी ने लोक शिकायत में आवेदन देकर आनावाद बिहार सरकार की जमीन आहर पर दबंग लोगों के द्वारा कब्जा करने की शिकायत की गई थी। द्वितीय अपीलीय प्राधिकार में डीएम अंशुल अग्रवाल ने अतिक्रमण वाद संख्या 41- 2022 / 23 की सुनवाई करते हुए सीओ डुमरांव को लोकसभा चुनाव से पहले ही अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया था।

लेकिन, अंचल प्रशासन ने इस मामले को आचार संहिता लागू होने का हवाला दे ठंडे बस्ते में डाल दिया था। विधवा तारा देवी के काफी दौड़ लगाने के बाद सीओ शमन प्रकाश 31 जुलाई 2024 को स्थल पर गए तथा बरसात का हवाला दे आवेदिका से दो महीने का समय ले लिए तथा अगले दिन ही डीएम को गलत रिपोर्ट दे दिए। लेकिन आवेदिका ने डीएम को सच्चाई से अवगत करा दिया है। अब देखना है कि डीएम इस मामले में क्या कार्रवाई करते है। वैसे इस खेल में मैनेज की बातें भी सामने आ रहीं

हैं।

कहते हैं डीएम

आवेदिका की शिकायत की जांच कराई जाएगी। लोक शिकायत की सुनवाई में लिए गए फैसले पर अमल होगा। आवेदिका का कथन सत्य है तो न्याय मिलेगा। - अंशुल अग्रवाल, डीएम, बक्सर।