खगौल में मनी महान खगोलविद आर्यभट्ट की जयंती

खगौल में मनी महान खगोलविद आर्यभट्ट की जयंती

- अखिल भारतीय श्री भट्ट ब्राह्मण महासभा ने आयोजित किया था कार्यक्रम

केटी न्यूज/ खगौल

महान खगोल विद और शून्य की खोज करने वाले आर्यभट्ट की जयंती गुरुवार को दानापुर रेलवे स्टेशन के सामने स्थित खगौल में मनाई गई। इसका आयोजन अखिल भारतीय श्री भट्ट ब्राह्मण महासभा द्वारा किया गया था। कार्यक्रम महासभा के प्रदेश अध्यक्ष जनार्दन शर्मा उर्फ योगीजी के नेतृत्व में आयोजित हुआ था।

इस दौरान जदयू के प्रदेश सचिव विनोद राय ने कहा कि आर्यभट्ट दुनिया के सबसे महान खगोलविद थे। आर्यभट्ट के कर्मभूमि और अनुसंधान की जगह  खगौल दानापुर  ही थी। यही पर एक वेद्यशाला स्थित था जो प्राकृतिक क्षरण शक्तियों का शिकार हो गया। लेकिन उसक्षेत्र की स्मिता अब भी बरकरार है

जिसे खगौल के रूप मे जाना जाता है। वक्ताओं की माने तो दानापुर रेलवे स्टेशन से सटे दक्षिण चक्रदाहा क्षेत्र में आर्यभट्ट की खगोलीय वेधशाला (एस्ट्रोनोमिकल ऑब्जर्वेटरी) के स्थित होने के कारण ही इस क्षेत्र का नामकरण खगौल हुआ। यहीं बैठकर आर्यभट्ट ने विश्वप्रसिद्ध ग्रन्थ “आर्यभट्टीय” की रचना की थी तथा शून्य के सिद्धांत का आविष्कार किया था 

यहीं बैठकर उन्होंने बीजगणित (अलजेब्रा), रेखागणित और त्रिकोणमिति के मूल सिद्धांतों की रचना की थी तथा पांचवीं शताब्दी में सर्वप्रथम पाई का मान निकाला था जो आज भी मान्य है। वक्ताओं ने इस जगह का संरक्षण तथा पुरातत्व विभाग से खुदाई कर यहां छुपे इतिहास को कुरेदने की मांग की। जयंती समारोह को अखिल भारतीय श्री भट्ट ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महावीर प्रसाद भट्ट तथा विनोद राय के अलावा दर्जनों लोगों ने संबोधित किया।