बक्सर में गंगा का रौद्र रूप, चार प्रखंडो में मंडराया बाढ़ का खतरा, प्रशासन अलर्ट मोड में
बक्सर में गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है और अब यह खतरनाक स्थिति की ओर बढ़ रहा है। हालात ऐसे बन गए हैं कि रामरेखा घाट की सभी सीढ़ियां पूरी तरह से जलमग्न हो चुकी हैं, यहां तक कि घाट पर स्थित विवाह मंडप तक पानी पहुंच गया है। यह स्थिति केवल गंगा नदी की नहीं, बल्कि इसकी सहायक नदियों ठोरा और कर्मनाशा भी उफान पर हैं। तेजी से बढ़ते जलस्तर ने प्रशासन और लोगों की चिंता बढ़ा दी है।

-- मंगलवार को तेजी से बढ़ रहा था जल स्तर, चेतावनी बिंदू के करीब पहुंची गंगा
-- दियारा इलाके में तेज हुआ कटाव, सहमें है तटीय इलाके के लोग, अबतक सैकड़ो एकड़ खेत हो चुके है गंगा में विलीन
केटी न्यूज/बक्सर
बक्सर में गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है और अब यह खतरनाक स्थिति की ओर बढ़ रहा है। हालात ऐसे बन गए हैं कि रामरेखा घाट की सभी सीढ़ियां पूरी तरह से जलमग्न हो चुकी हैं, यहां तक कि घाट पर स्थित विवाह मंडप तक पानी पहुंच गया है। यह स्थिति केवल गंगा नदी की नहीं, बल्कि इसकी सहायक नदियों ठोरा और कर्मनाशा भी उफान पर हैं। तेजी से बढ़ते जलस्तर ने प्रशासन और लोगों की चिंता बढ़ा दी है।
केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार मंगलवार को गंगा का जलस्तर 58.30 मीटर रिकॉर्ड किया गया है। यह चेतावनी बिंदु 59.32 मीटर से सिर्फ 1.02 मीटर नीचे है, जबकि खतरे का निशान 60.32 मीटर है। चिंताजनक बात यह है कि गंगा का जलस्तर 6 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है,
जो अगले 48 घंटों में स्थिति को और गंभीर बना सकता है। बाढ़ के संभावित खतरों को देखते हुए तटवर्ती इलाके के लोगों की चिंता बढ़ गई है। खासकर जुलाई में मध्य में गंगा का यह रूप लोगों ने इसके पहले नहीं देखा था। वहीं, गंगा के रौद्र रूप को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह से सर्तक व तैयार हो गया है।
तटवर्ती इलाकों में बढ़ी हलचल
-- चौसा प्रखंड के बनारपुर के निचले इलाकों में फैलने लगा है पानी
गंगा और उसकी सहायक नदियों में आए उफान का असर बक्सर जिले के कई इलाकों में साफ देखा जा रहा है। बनारपुर पंचायत के निचले और रिहायशी इलाकों की ओर बाढ़ का पानी तेजी से बढ़ रहा है। खेतों में पहले ही पानी भर गया है, जिससे फसलें बर्बाद होने का खतरा पैदा हो गया है।
कई ग्रामीण अब सुरक्षित स्थानों की तलाश में हैं।बाढ़ नियंत्रण विभाग भी स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए सतर्क हो गया है। कोईलवर तटबंध पर विशेष निगरानी रखी जा रही है और चौकीदारों को 24 घंटे के लिए तैनात कर दिया गया है। इसके अलावा आपात स्थिति से निपटने के लिए पांच लाख सैंड बैग तैयार रखे गए हैं। जरूरत पड़ने पर इसे तटबंधों पर डाल उन्हें मजबूत बनाया जाएगा।
-- बाढ़ आने पर प्रभावित होता है चार प्रखंड के दर्जनों गांव
बता दें कि गंगा में बाढ़ आने पर चौसा, सिमरी, चक्की और ब्रह्मपुर प्रखंड दर्जनों गांव प्रभावित होते है। एक अनुमान के मुताबिक बाढ़ आने पर करीब 1.25 लाख लोग प्रभावित होंगे। संभावित बाढ़ वाले इलाकों में पहले से ही सरकारी मशीनरी को अलर्ट कर दिया गया है और राहत केंद्रों की पहचान की जा रही है।जिला आपदा प्रबंधन विभाग ने हालात को देखते हुए नावों की उपलब्धता सुनिश्चित करने, राहत सामग्री स्टॉक करने और राहत शिविरों की पहचान करने की प्रक्रिया तेज कर दी है।
-- पहाड़ो पर भारी बारिश से बढ़ा है गंगा का जल स्तर
बता दें कि इस बार पहाड़ो पर भारी बारिश हुई है। खासकर उतरखंड व हिमाचल प्रदेश में भारी, बारिश, दर्जनों बार बादल फटने तथा पहाड़ टूटने जैसी घटनाएं हुई है। बादल फटने के कारण ही नदियों का जलस्तर बढ़ा है। यही कारण है कि इस बार बाढ़ की संभावना बनी हुुई है।