सर्द पछिया हवा ने बढ़ाई कनकनी, पूरे दिन नहीं हुए सूर्य के दर्शन, शीतलहर से जनजीवन अस्त व्यवस्त

शीतलहर का प्रकोप अब अपने चरम पर पहुंच गया है। जिले में मंगलवार को दिन काफी सर्द रहा। सुबह से चल रही तेज पछिया हवा के कारण पारा लुढ़ककर 10 डिग्री के नीचे पहुंच गया। मंगलवार को बक्सर का न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। जबकि सर्द हवाओं के कारण कनकनी बढ़ी रही। पूरे दिन धूप नहीं निकलने से लोगों की परेशानी बढ़ी रही तथा लोग घरों में दुबके रहे।

सर्द पछिया हवा ने बढ़ाई कनकनी, पूरे दिन नहीं हुए सूर्य के दर्शन, शीतलहर से जनजीवन अस्त व्यवस्त

- 10 डिग्री के नीचे पहुंचा न्यूनतम तापमान, पूरे दिन घरों में दुबके रहे लोग

- आदमी से लेकर जानवर तक परेशान, बाजार में छाई मायूसी, फसलों के चौपट होने का बढ़ा खतरा

केटी न्यूज/बक्सर

शीतलहर का प्रकोप अब अपने चरम पर पहुंच गया है। जिले में मंगलवार को दिन काफी सर्द रहा। सुबह से चल रही तेज पछिया हवा के कारण पारा लुढ़ककर 10 डिग्री के नीचे पहुंच गया। मंगलवार को बक्सर का न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। जबकि सर्द हवाओं के कारण कनकनी बढ़ी रही। पूरे दिन धूप नहीं निकलने से लोगों की परेशानी बढ़ी रही तथा लोग घरों में दुबके रहे। 

बता दें कि जिले में पिछले एक सप्ताह से अधिक समय से शीतलहर का दौर जारी है। आज ठंडी पछिया हवा का रफ्तार भी काफी अधिक था, जिस कारण लोगों को पूरे दिन ठिठुरन महसूस हुई। वही, इस भीषण ठंड व शीतलहर के कारण आदमी से लगायत पशु पक्षी तक परेशान दिखे। शीतलहर के प्रकोप के कारण सड़के पूरे दिन वीरान रही। बहुत कम लोग घरों से निकल रहे थे। जो जरूरी काम से घर से बाहर आ रहे थे, वे भी पूरे शरीर को ढंक ही निकल रहे थे। सर्दी का सितम ऐसा था कि लोग घर में भी अलावे जलाने को मजबूर हुए। हालांकि, जो आर्थिक रूप से संपन्न है, वे अपने घरों को हिटर, ब्लोवर आदि इलेक्ट्रानिक संसाधनों से गर्म कर सर्दी से निजात पा रहे थे, लेकिन गरीब तबके के लिए यह सर्द मौसम किसी बड़ी मुसीबत से कम साबित नहीं हो रही है। 

झुग्गी बस्ती वालों की बढ़ गई है परेशानी

बता दें कि शहर के स्लम बस्तियों व झुग्गी-झोपड़ियों में निवास करने वालों की मुश्किल इस ठंड में बढ़ गई है। उनके घर तो इस कदर है कि बदन को भेद देने वाली ठंडी पछिया हवा से राहत दिला सकें और न ही उनके पास पर्याप्त गर्म कपड़े है। जिस कारण शीतलहर के दौरान वे जैसे तैसे जीवन यापन कर रहे है। इस शीतलहर के कारण लोगों की दिनचर्या भी पूरी तरह से गड़बड़ा गई है। 

नाकाफी साबित हो रहा है अलाव की व्यवस्था

हालांकि, ठंड से निजात दिलाने के लिए बक्सर व डुमरांव नगर परिषद प्रशासन द्वारा अलाव की व्यवस्था की गई है। दोनों शहरों के कई हिस्सों में व्यवस्था का अलाव तो जल रहा है, लेकिन लोगों की आबादी व शीतलहर में यह व्यवस्था भी नाकाफी साबित हो रहा है। जिस कारण लोगों को परेशान होना पड़ रहा है।

 

नहीं हुए सूर्य के दर्शन

मंगलवार को तेज पछिया हवा के साथ ही सूर्य देव भी गायब हो गए थे। पूरे दिन सूर्य के दर्शन नहीं हुए। धूप नहीं निकलने से भी लोगों को सर्दी का एहसास अधिक हुआ। बता दें कि सोमवार को चटक धूप निकली थी तथा हवा भी नहीं चल रही थी। जिससे लोगों को ठंड से राहत मिली थी, लेकिन मंगलवार की सुबह से ही जारी शीतलहर ने लोगों को परेशान कर दिया है। 

बाजार में पसरा रहा सन्नाटा

शीतलहर का सबसे बुरा असर व्यवसाय पर पड़ा है। बक्सर व डुमरांव के अलावे ग्रामीण क्षेत्रों के बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा, जबकि सड़के भी वीरान रही। शीतलहर के कारण बाजार में मंदी का दौर जारी है। डुमरांव के चर्चित कांत गारमेंट्स के प्रोपराइटर विवेक कांत, किराना व्यवसायी बबलू जायसवाल आदि ने बताया कि पूरे दिन ग्राहक नहीं आए। दुकानदारों का कहना है कि जबसे ठंड बढ़ी है तबसे दुकानदारी बाधित हो रही है। 

जानवर भी दिखे परेशान

ठंड का सितम ऐसा है कि आदमी के साथ जानवर भी परेशान दिखे। मंगलवार को बक्सर रेलवे स्टेशन पर बंदरों का एक झंुड ठंड के कारण आपस में सिकुड़कर बैठे थे। उन्हें देख ऐसा लगा रहा था जैसे वे एकजुट हो शीतलहर के थपेड़ो से बचने का प्रयास कर रहे है।