चार जलमीनारों के साथ नगर में जलापूर्ति के बिछाए गए भूमिगत पाइपों की होगी देखभाल

नगर की जलापूर्ति की जिम्मेवारी अब नगर परिषद संभालेगा। पीएचइडी विभाग ने नप को अपनी सारी जिम्मेवारी को हैंडओवर कर दिया है। हैंडओवर की चर्चा तीन माह से चली आ रही थी, विभाग ने नप के अधिकारियों से संपर्क भी साधा था, लेकिन पीएचईडी के अभियंताओं को नप ने यह कहकर हैंडओवर नहीं लिया की सारे सिस्टम जबतक सही नहीं करके दिया जाएगा।

चार जलमीनारों के साथ नगर में जलापूर्ति के बिछाए गए भूमिगत पाइपों की होगी देखभाल

केटी न्यूज/डुमरांव 

नगर की जलापूर्ति की जिम्मेवारी अब नगर परिषद संभालेगा। पीएचइडी विभाग ने नप को अपनी सारी जिम्मेवारी को हैंडओवर कर दिया है। हैंडओवर की चर्चा तीन माह से चली आ रही थी, विभाग ने नप के अधिकारियों से संपर्क भी साधा था, लेकिन पीएचईडी के अभियंताओं को नप ने यह कहकर हैंडओवर नहीं लिया की सारे सिस्टम जबतक सही नहीं करके दिया जाएगा।

मालूम हो कि नगर में पीएचईडी के सारे कार्य जैसे-तैसे चल रहे थे। नगर में बिछाए गए भूमिगत पाइप दर्जनों स्थानों पर लीकेट है या टूटा हुआ है, जिससे हजारो लीटर पानी प्रतिदिन बर्बाद होता है। मालूम हो कि नगर में चार जलमीनार मौजूद हैं, लेकिन जलापूर्ति केवल दो ही जलमीनार से होता है।

शहर में जलापूर्ति के लिये भूमिगत पाइपों का जाल बिछा हुआ है। जलापूर्ति के लिये भूमिगत पाइपों को शहर में बने जलमीनारों से जोड़ा गया है। मालूम हो कि नगर में चार जलमीनार नगरवासियों को जलापूर्ति करने के लिये स्थापित किये गए है। इन चार जलमीनारों में पुराना भोजपुर व प्रखंड कार्यालय में स्थित जलमीनार से पानी की जलापूर्ति नहीं हो पाती है।

नगर के हर मोहल्ला और गली में जलापूर्ति के लिये बिछाए गए पाइप से घरेलू कनेक्शन हजारों घरों में दिये गए है। वर्तमान स्थिति ऐसी है कि अधिकांश मोहल्लों में पाइप और नल गायब हैं। इतना ही नहीं कई जगहों पर तो टूटे पाइप से हजारों लीटर पानी प्रतिदिन बर्बाद होता है। पीएचईडी विभाग द्वारा कभी इस पर संज्ञान नहीं लिया गया, लिहाजा स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है।

हैंडओवर लेने के बाद नप को नगरवासियों को जलमीनार का पानी पिलाने के लिये सबसे पहले भूमिगत पाइप को ठीक करना होगा, फिर जगह-जगह रोड और गलियों में जो नल लगाए गए है, उसे दुरूस्त करना होगा। इसके लिये नप को अलग से ऑपरेटर और मिस्त्री को रखना पड़ेगा।

बहरहाल आगे जो भी हो, लेकिन नप के हैंडओवर लिये जाने के बाद नगरवासियों में यह उम्मीद जगी है कि लोगों पीने का शुद्ध पानी मिलेगा।