बढ़ने लगा गंगा का जल स्तर, बक्सर में बाढ़ की आशंका से सहमें तटवर्ती लोग
- बाढ़ पूर्व तैयारी में जुटा प्रशासन, बाढ़ की आशंका जता चुका है आपदा विभाग
केटी न्यूज/बक्सर
जिले में गंगा का जल स्तर धीरे-धीरे बढ़ने लगा है। बुधवार को जलस्तर 49 मीटर को पार कर गया था। हालांकि जल स्तर बढ़ने का रफ्तार काफी कम है तथा अभी भी खतरे के निशासन से काफी नीचे है। बावजूद जिले में बाढ़ की आशंका गहराने लगी है।
जिसे देखते हुए एकतरफ जिला प्रशासन बाढ़ पूर्व तैयारियों में जुट गया है तो दूसरी तरफ तटवर्ती इलाके के लोग भी सुरक्षित स्थानों की टोह शुरू कर दिए है। पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश, लैंड स्लाईड तथा उतराखंड, यूपी व दिल्ली में गंगा व सहायक नदियों में उफान से बाढ़ की संभावना बनी हुई है। आपदा विभाग इस बार बाढ़ की आशंका जता चुका है।
जिस कारण लोग बाढ़ की विभिषिका से सहमे हुए है। बाढ़ आने पर जिले के चौसा, सिमरी, ब्रह्मपुर व चक्की प्रखंड के दियारे इलाके के दर्जनों गांव जलमग्न हो जाते हैं। पानी घटने का दियारा का सड़क संपर्क भी टूट जाता है। जिस कारण लोगों को भारी फजीहत का सामना करना पड़ता है।
जिला प्रशासन ने शुरू कर दिया है सतर्कता
बता दें कि बाढ़ पूर्व जिला प्रशासन तैयारियों में जुट गया है। पिछले सप्ताह ही डीएम अंशुल अग्रवाल व एसपी मनीष कुमार सिमरी प्रखंड के दियारा इलाके में जाकर कोईलवर तटबंध का निरीक्षण किए थे। इस दौरान बांध में कटाव देख डीएम ने तत्काल उसके मरम्मत का निर्देश दिया था तथा तटबंध के अंदर स्थायी घर बना रहने वाले लोगों के सुरक्षित ठिकाने पर पहुंचाने का निर्देश दिया है।
जबकि तटबंध की सुरक्षा के साथ ही बाढ़ से बचाव के उपकरण तैयार रखने का निर्देश डीएम ने दिया था। वही सीएस को बाढ़ आने पर जरूरी दवाओं के साथ डॉक्टर तथा अन्य स्टॉफो को तैयार रहने को कहा है। इसके अलावे पशुचारा, प्रभावित लोगों के पुनर्वासन तथा उनके अस्थायी कैंप में ठहराने, भोजन तथा दवा की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। डीएम के निर्देश के बाद स्थानीय प्रशासन तैयारियों में जुट गया है।
गंगा के रफ्तार से सहमे दियारावासी
जानकारी के अनुसार पिछले एक पखवाड़े से अधिक समय से गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। जिससे दियारावासी सहमें हुए है। सिमरी अंचल के गंगौली के अरूण ठाकुर, श्रीकांत राय के डेरा के मनोज राय, तिलक राय के हाता के मदन बिंद आदि ने कहा कि इस बार गंगा का जल स्तर बहुत पहले से बढ़ना शुरू हो गया है। जिस कारण बाढ़ की आशंका बनी हुई है।
बड़का राजपुर के मोहन मिश्र, नियाजीपुर के पंकज पाठक आदि ने कहा कि बाढ़ आने पर खेती का बड़ा नुकसान होगा। बता दें कि बाढ़ आने पर दियारा इलाके में हजारों एकड़ खेत डूब जाते है। जिससे किसानों को बड़ा नुकसान होता है।
बाढ़ से प्रभावित होते है पांच प्रखंड
बता दें कि बाढ़ से जिले के चौसा, सदर, सिमरी, चक्की व ब्रह्मपुर प्रखंड के चार दर्जन से अधिक गांव प्रभावित होते है। इनमें चौसा प्रखंड में तो मुख्य पथ तक बाढ़ का पानी आ जाता है। जबकि सदर प्रखंड के अर्जुनपुर के पास, सिमरी प्रखंड के केशोपुर तथा ब्रह्मपुर प्रखंड के नैनीजोर व ढाबी में कटाव का सामना करना पड़ता है। जिससे प्रभावित इलाके के हजारों की आबादी को करीब महीने भर तक विस्थापितों जैसी जिंदगी बितानी पड़ती है।