बेटे चिराग पासवान को ह्रदयतल से बधाई और अनंत शुभकामनाएं-पशुपति पारस
बिहार से सांसद एवं लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख चिराग पासवान ने 11 जून को 'फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री' मंत्री का पदभार संभाल लिया।
केटी न्यूज़/नई दिल्ली
चिराग पासवान ने अपने दिवंगत पिता रामविलास पासवान के असली राजनीतिक उत्तराधिकारी के रूप में अपनी स्थिति मजबूत कर ली है।बिहार से सांसद एवं लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख चिराग पासवान ने 11 जून को 'फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री' मंत्री का पदभार संभाल लिया।खुद को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ‘हनुमान’ बताने वाले चिराग पासवान केंद्र में अब मंत्री के रूप में अपनी नई पारी शुरू कर रहे हैं।
अब इस मौके पर चौका मारते हुए चिराग के चाचा पशुपति पारस ने भी न सिर्फ उन्हें शुभकामनाएं दीं, बल्कि उनको अपना बड़ा बेटा भी बता दिया।पशुपति ने ‘एक्स’ पर लिखा, केंद्रीय मंत्री के रूप में मेरा पूर्व पदभार संभालने पर बड़े बेटे चिराग पासवान को ह्रदयतल से बधाई और अनंत शुभकामनाएं।इस बात से यह संकेत मिलता है कि भतीजे के लिए अब चाचा का दिल पिघल गया।
साल 2020 में लोक जनशक्ति पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष रामविलास पासवान के निधन के बाद अब बात बनती दिख रही है।इन दोनों के बीच उस वक्त तकरार बढ़ गई थी जब रामविलास के निधन के बाद पार्टी के छह में से पांच सांसदों ने अलग गुट बना लिया जिसका नेतृत्व पशुपति पारस ने किया।
चिराग पासवान ने लोक जनशक्ति पार्टी का गठन किया और पूरी तरह से पार्टी को आगे बढ़ाने में लग गए।चिराग ने संयम के साथ परिपक्वता का भी प्रदर्शन किया और उसका फल उन्हें 2024 के संसदीय चुनाव में मिला जब उन्हें बिहार में कुल 5 सीट मिलीं।चार जून को घोषित लोकसभा चुनाव परिणाम में चिराग ने हाजीपुर सीट अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी राष्ट्रीय जनता दल के शिवचंद्र राम को एक लाख 70 हजार से अधिक मतों के अंतर से हरा दिया। इसी के साथ अपनी पार्टी के उम्मीदवारों को बाकी चार सीट पर जिताने में भी कामयाब रहे।
पिता के मार्गदर्शन में चिराग ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी। उन्हें राजनीति में प्रवेश करने में मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ा। चिराग का राजनीति में प्रवेश 2012 में हुआ जब उन्हें लोजपा में संसदीय बोर्ड का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया। वह पहली बार 2014 में बिहार के जमुई लोकसभा सीट से चुने गए।2019 में भी वह इसी सीट से चुने गए।