तेज आंधी-पानी के साथ ओलावृष्टि ने तोड़ी किसानों की कमर
स्थानीय प्रखंड क्षेत्र में सोमवार की दोपहर को तेज आंधी-पानी के साथ ओलावृष्टि ने किसानों की कमर तोड दिया है। खेतों में पककर तैयार गेहूं, चना व सरसों की फसलों के साथ सब्जी फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। प्रखंड क्षेत्र के सोनवर्षा पंचायत के स्थानीय गांव व आसपास के गांवों के किसानों के अनुसार क्षेत्र गेहूं की खेती व्यापक पैमाने पर होती है। अभी खेतों में 75 फीसदी से अधिक फसल लगे हुए थे।

केटी न्यूज/नावानगर
स्थानीय प्रखंड क्षेत्र में सोमवार की दोपहर को तेज आंधी-पानी के साथ ओलावृष्टि ने किसानों की कमर तोड दिया है। खेतों में पककर तैयार गेहूं, चना व सरसों की फसलों के साथ सब्जी फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। प्रखंड क्षेत्र के सोनवर्षा पंचायत के स्थानीय गांव व आसपास के गांवों के किसानों के अनुसार क्षेत्र गेहूं की खेती व्यापक पैमाने पर होती है। अभी खेतों में 75 फीसदी से अधिक फसल लगे हुए थे। जिनकी कटाई होनी शेष थी। पर पिछले सप्ताह हुई बेमौसम बारिश, आंधी से किसान फसल को लेकर काफी चिंतित थे। रही सही कसर सोमवार दोपहर को ओलावृष्टि ने कर दिया। यूं कहा जाए कि ओलावृष्टि से खेतों में लगी गेहूं की फसलों को बर्बाद कर दिया।
ओलावृष्टि से पके हुए गेहूं के दाने झड़ गए। वहीं सब्जी की फसलों को काफी नुकसान पहुंचा। स्थिति ऐसी है कि तेज आंधी पानी के साथ ओलावृष्टि से किसानों के मेहनत पर पानी फिर गया है। क्षेत्र के हजारों एकड़ खड़ी गेहूं चना व सरसों की फसल धराशाई हो गई है और इसका सीधा नुकसान किसानों को पहुंचा है। इस क्षेत्र लिए लोगों के आजीविका का एकमात्र साधन कृषि ही है। किसान नेता मंटू पटेल, कलामुद्दीन, बीडीसी अजय गुप्ता, मुखिया प्रतिनिधि नंदकुमार, अरुण पांडेय, मनटन पाण्डेय समेत सैकड़ों किसानों संबंधित विभाग से फसल क्षति का आकलन कराकर मुआवजा देने की प्रक्रिया करने की मांग की है।