मकर संक्रांति पर लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई गंगा में डुबकी, दान-पूण्य के बाद खाया दही-चूड़ा

मकर संक्रांति का त्योहर मंगलवार को जिलेभर में उत्साह के साथ मनाया गया। इस मौके पर परंपरा के अनुसार बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई तथा दान-पूण्य के बाद परंपरा के तहत सुबह में दही-चूड़ा व शाम में खिचड़ी चोखा खा, त्योहार को संपन्न किया। इस मौक पर कई जगहों पर चूड़ा-दही के सामूहिक भोज का आयोजन भी किया गया था।

मकर संक्रांति पर लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई गंगा में डुबकी, दान-पूण्य के बाद खाया दही-चूड़ा

- अहले से लगी रही गंगा स्नान करने वालों की भीड़, शीतलहर का परवाह छोड़ श्रद्धालुओं ने किया गंगा स्नान

- मंदिरों में पूजा अर्चना, दान-पूण्य का है बड़ा महत्व, सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर मनाया जाता है मकर संक्रांति का त्योहार

केटी न्यूज/बक्सर

मकर संक्रांति का त्योहर मंगलवार को जिलेभर में उत्साह के साथ मनाया गया। इस मौके पर परंपरा के अनुसार बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई तथा दान-पूण्य के बाद परंपरा के तहत सुबह में दही-चूड़ा व शाम में खिचड़ी चोखा खा, त्योहार को संपन्न किया। इस मौक पर कई जगहों पर चूड़ा-दही के सामूहिक भोज का आयोजन भी किया गया था। मकर संक्रांति पर पतंगबाजी की मान्यता भी है, इस मौके पर जिलेभर में युवाओं ने पतंगबाजी किया। जिला प्रशासन की ओर से भी पतंगबाजी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था।

मकर संक्रांति पर बक्सर के रामरेखा घाट पर दोपहर तक श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही। सूर्य के उतरायण होने तथा मेष से मकर राशि में प्रवेश करने के उपलक्ष्य में मनाए जाने वाले इस त्योहार में पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व है।

यही कारण है कि मंगलवार को पूरे दिन चली शीतलहर व ठंड के बावजूद लोगों में गंगा स्नान के प्रति उत्साह दिखा। बक्सर के रामरेखा घाट के अलावे जहाज घाट, नाथ बाबा घाट, सती घाट, रानी घाट, सुमेश्वर स्थान आदि घाटों पर भी गंगा स्नान करने वालों की भीड़ लगी रही। इसके अलावे ग्रामीण क्षेत्र के घाटों पर भी श्रद्धालुओं ने पवित्र गंगा में डूबकी लगाई। वही, जिले के सभी मंदिरों में पूजा अर्चना करने वालों की भीड़ लगी रही। 

जिला प्रशासन द्वारा सिपाही घाट पर मनाया संक्रांति महोत्सव

कला संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार एवं जिला प्रशासन बक्सर के संयुक्त तत्वावधान में मकर संक्रांति के मौके पर सिपाही घाट, सेन्ट्रल जेल रोड बक्सर में मकर संक्रांति महोत्सव 2025 का आयोजन किया गया। इसका उद्घाटन जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल ने फीता काटकर किया। उद्घाटन के मौके पर पुलिस अधीक्षक शुभम आर्य, जिला परिषद अध्यक्ष सरोज देवी, अध्यक्ष नगर परिषद बक्सर कमरून निशा, जिला परिषद सदस्य, सिविल सोसाइटी के सदस्य आदि उपस्थित थे।

जिलाधिकारी ने अपने संबोधन में जिलेवासियों को मकर संक्रांति की बधाई दी। उन्होंने कहा कि सूर्य का मकर राशि में प्रवेश होता है उस दिन मकर संक्रांति मनाया जाता है। इसे हम खिचड़ी के रूप में भी जानते है। यह शुभता और समृद्धि का संकेत देता है। मकर संक्रांति के दिन में चूड़ा- दही, तिल और गुड़ से बने व्यंजन जैसे तिलकुट, तिलवा तथा रात को खिचड़ी विशेष रूप से खाया जाता है। लोग गंगा या अन्य पवित्र नदियों में स्नान कर पूजा-अर्चना करते हैं और अपने परिवार, मित्रों और जरूरतमंदों के साथ यह खुशी बांटते हैं।

यह पर्व सूर्य देवता को ही समर्पित है। इसके साथ-साथ सामाजिक मेल-जोल का प्रतीक है। यह पर्व सिर्फ धार्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है। यह पर्व किसानों के लिए नई फसल के आगमन का प्रतीक है, जिससे हमारे जीवन में समृद्धि और खुशहाली आती हैं। यह एक ऐसा समय है जब हम अपनी संस्कृति और धरोहर के प्रति गर्व महसूस करते हैं।

महोत्सव में बक्सर से जुड़ी विभिन्न प्रकार की कलाकृतियों का स्टाल भी लगाया गया था, ताकि बक्सरवासी अपने जिले में तैयार होने वाली विभिन्न प्रकार के लोकल हैंडीक्राफ्ट इत्यादि के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें। बक्सर का आध्यात्मिक परिवेश में भी एक अलग इतिहास रहा है। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम, खेल प्रतियोगिता जैसे सैक रेस, चम्मच दौड़, वॉलीबॉल, जूडो, खो खो, म्यूजिकल चेयर, पतंगबाजी, नशा मुक्ति पर नुक्कड़ नाटक, दहेज प्रथा एवं बाल विवाह को रोकने हेतु सेल्फी स्टैंड आदि का आयोजन किया गया।

विशेष रूप से वैसे युवा जो रील मेकिंग और फोटोग्राफी में दिलचस्पी लेते है उनके लिए भी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। डीएम ने विभिन्न विभागों के द्वारा लगाये गये स्टॉल का भी निरीक्षण किया।कार्यक्रम में जिला प्रशासन, सिविल सोसाइटी एवं जनप्रतिनिधि के बीच रस्साकशी का फ्रेंडली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें जिला प्रशासन की टीम विजयी रही।