मुडन संस्कार के लिए बक्सर में उमड़ी रिकार्ड भीड़, दोपहर तक बेपटरी रहा ट्रैफिक व्यवस्था

मुडन संस्कार के लिए बक्सर में उमड़ी रिकार्ड भीड़, दोपहर तक बेपटरी रहा ट्रैफिक व्यवस्था

- भीषण गर्मी व लू के बावजूद रामरेखा घाट पर तिलभर भी नहीं बची थी जगह, ट्रैफिक कंट्रोल करने में हांफती रही पुलिस

केटी न्यूज/बक्सर

शुक्रवार को मुंडन संस्कार को ले बक्सर में रिकॉर्ड भीड़ उमड़ गई थी। अहले सुबह से दोपहर तक मुंडन संस्कार कराने वालों के कारण ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो गई थी। वही गोलंबर से रामरेखा घाट तक मुंडन कराने वाले श्रद्धालुओं तथा उनके साथ आए लोगों का हुजूम उमड़ा रहा। तेज धूप व लू के बावजूद मुडन संस्कार कराने वालों का उत्साह देखते ही बन रहा था। इसका नतीजा था कि रामरेखा घाट पर तिलभर भी जगह नहीं बची थी।

वही इस दौरान पुलिस प्रशासन भी मुश्तैद था, बावजूद भीड़ इतनी अधिक थी कि उसे नियंत्रित कर पाना प्रशासन के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा था। हालांकि, प्रशासन द्वारा एहतियाती तौर पर कई व्यवस्थाएं की गई थी। वाहनों के पार्किंग की व्यवस्था भी की गई थी। लेकिन दोपहर तक ट्रैफिक कंट्रोल नहीं हो सका था। दोपहर बाद जब भीड़ कुछ कम हुई तो ट्रैफिक व्यवस्था कंट्रोल में हुई। 

मुंडन संस्कार के लिए था साल का सबसे उतम मुहुर्त 

विद्वान पंडितों के अनुसार शुक्रवार का दिन मुंडन संस्कार के लिए साल का सबसे उत्तम मुहूर्त था। इस कारण शाहाबाद परिक्षेत्र के अंतर्गत पड़ने वाले भोजपुर, रोहतास, कैमूर, बक्सर से लगायत उत्तरप्रदेश के सीमावर्ती गाजीपुर और बलिया से श्रद्धालुओं का हुजूम अपने नाते-रिश्तेदारों के साथ गंगा घाट पहुंचे हुए थे।

रामरेखा घाट के पंडा लाला बाबा ने बताया कि इस संस्कार की रस्मअदायगी से बच्चों का जीवन सुखमय व दीर्घायु होता है। वहीं ऋषि-महर्षियों की तपोस्थली और गंगा की धारा उत्तरायणी होने से इस स्थल का महत्व और भी बढ़ जाता है। इस कारण कई जिला क्षेत्रों से यहां लोगों का आगमन होते रहता है।

जीवन के 16 संस्कारों में शामिल है मुंडन संस्कार

हिंदू धर्म शास्त्रों में जन्म से लेकर मृत्यु तक 16 संस्कारों का वर्णन मिलता है। इनमें गर्भाधान संस्कार, नामकरण संस्कार, मुंडन संस्कार, उपनयन संस्कार, विवाह संस्कार और अन्त्येष्टि संस्कार आदि प्रमुख है। शिशु के जन्म के बाद नामकरण संस्कार के बाद मुंडन संस्कार किया जाता है।

इस संस्कार को बचपन क्रिया संस्कार, मुंडन संस्कार और चूड़ाकर्म संस्कार भी कहते हैं। मुंडन संस्कार में बच्चे के पहले वर्ष के अंत में या तीसरे, पांचवें, सातवें वर्ष के पूर्ण होने पर बाल पहली बार बाल की कटाई की जाती है। जिसे उत्सव के रूप में मनाया जाने की परंपरा है।

रामरेखा घाट पर डीएम के निर्देश पर चलाया गया मतदाता जागरूकता अभियान

वही, इस दौरान जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल के निर्देश पर रामरेखा घाट पर मुंडन संस्कार में उपस्थित हुए लोगों के बीच मतदाता जागरूकता अभियान चला एक जून 2024 को वोट देने के लिए जागरूक किया गया। एक जून 2024 को वोट करेगा बक्सर के माध्यम से नाव के

सहारे गंगा घाट पर उपस्थित लोगों के बीच यह कार्यक्रम चलाया गया। जागरूकता के क्रम में लोगों से शत प्रतिशत मतदान करने की अपील की गई। मतदाता जागरूकता कार्यक्रम में अवर निर्वाचन पदाधिकारी बक्सर, जिला परियोजना अधिकारी जिला गंगा समिति बक्सर, प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक उपस्थित थे।