रक्षाबंधन पर्व पर नये परिधान में दिखेंगे कान्हा, खरीदारी शुरू
फोटो- केटी न्यूज/डुमरांव
रक्षाबंधन का त्योहार हिंदू धर्म मे विशेष महत्व रखता है। इस दिन बहन अपने भाई के कलाई पर राखी बांध उनके सलामती की दुआ करती है। इस बार रक्षाबंधन पर भाई की कलाई के साथ ही भगवान श्रीकृष्ण लला के हाथों में भी राखी बांधकर रक्षाबंधन के दिन उत्सव मनायेंगे। यह सबसे बड़े त्योहारों में एक होता है.
पंचाग के अनुसार रक्षाबंधन का पर्व हर साल सावन माह के पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। रक्षाबंधन भाई-बहन के प्रेम व स्नेह का प्रतीक होता है। इस पर्व पर बहने अपने भाई के माथे पर टीका और आरती उतारते हुए कलाई पर राखी बांधती है। राखी बांधते समय बहने भगवान से भाइयों की लंबी और सेहतमंद आयु, सुख-समृद्धि, धन-वैभव की कामना करती है। राखी बांधने के बदले में भाई अपनी बहनों को तोहफे के साथ जीवनभर रक्षा का वचन देता है।
आगामी पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जायेगा। रक्षाबंधन के दिन कान्हा नये परिधानों में दिखेंगे इसकी तैयारी शुरू हो गयी है। रक्षाबंधन भाई-बहन के अटूट प्यार के बंधन का प्रतीक के रूप में माना जाता है। शहर में सैकड़ो ऐसे परिवार है जो श्रीकृष्ण लला को राखी बांध रक्षाबंधन के दिन उत्सव मनायेंग। इन परिवारों ने स्थानीय बाजारों से खरीदारी शुरू कर दी है।
मंडियों में दुकानें भी सज गयी है। दुकानों पर कृष्ण लला के साजो-सामान उपलब्ध है। इनके परंपरागत झूले से लेकर बांसुरी, घुंघरू, नये परिधान, पलना आदि शामिल है। कान्हा के सामग्री बेच रहे गोला रोड के दुकानदार विजय साह, लक्ष्मण प्रसाद ने बताया कि रक्षाबंधन उत्सव पर कान्हा के सामानों की मांग बढ़ जाती है। इसके लिए हर मेल मंगाये जाते है। श्रीकृष्ण-राधा मंदिर के साथ सैकड़ो घरों में भी उत्सव मनाया जाता है। इन सामानों की खरीदारी शुरू हो गयी है।