कैमूर में चुनाव को ले बताई समस्या- यहाँ के नौ प्रखंडों में बस स्टैंड नहीं, सड़कों पर खड़ी की जाती हैं बसें, जाम की गंभीर समस्या

जिले के नौ प्रखंडों में आज तक बस स्टैंड नहीं बना। इसमें भगवानपुर, चैनपुर, चांद, रामपुर, अधौरा, कुदरा, दुर्गावती, रामगढ़, नुआंव शामिल हैं। उक्त नौ प्रखंडों में बस स्टैंड नहीं होने के चलते सड़क पर ही वाहनों को खड़ा किया जाता है। इससे जाम की समस्या भी प्रतिदिन उत्पन्न होती है।

कैमूर में चुनाव को ले बताई समस्या- यहाँ के नौ प्रखंडों में बस स्टैंड नहीं, सड़कों पर खड़ी की जाती हैं बसें, जाम की गंभीर समस्या
केटी न्यूज़, भभुआ: जिले में वैसे तो कई समस्याएं हैं। लेकिन इनमें कुछ ऐसी समस्याएं हैं जिससे प्रतिदिन लोगों को जूझना पड़ता है। इन समस्याओं को दूर करने में न तो पदाधिकारी रुचि ले रहे हैं और न ही जनप्रतिनिधि। जिले में ऐसी ही एक समस्या बस स्टैंड की है। जिले के नौ प्रखंडों में आज तक बस स्टैंड नहीं बना। इसमें भगवानपुर, चैनपुर, चांद, रामपुर, अधौरा, कुदरा, दुर्गावती, रामगढ़, नुआंव शामिल हैं। 
उक्त नौ प्रखंडों में बस स्टैंड नहीं होने के चलते सड़क पर ही वाहनों को खड़ा किया जाता है। इससे जाम की समस्या भी प्रतिदिन उत्पन्न होती है। जबकि भभुआ व मोहनियां में स्थित बस स्टैंड देखरेख के अभाव में बदहाल हैं। भभुआ नगर में दो बस स्टैंड बनाए गए हैं। 
भभुआ नगर के पूरब पोखरा के पास बना सोनहन बस स्टैंड निर्माण के बाद आज तक कभी यात्रियों के उपयोग में नहीं आ सका। बस स्टैंड में बना भवन हमेशा बंद रहता है। यहां पेयजल व शौचालय की सुविधा भी यात्रियों को नहीं मिल पाती। बस स्टैंड में काफी जगह होने के बाद भी सड़क पर ही बसें व सवारी वाहनों को चालक खड़ा करते हैं। यह बस स्टैंड नगर परिषद भभुआ के अधीन है। इसका उद्घाटन सीएम नीतीश कुमार ने पटना से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से किया था। इसके निर्माण पर लगभग दो करोड़ रुपये खर्च हुए। इसके बाद भी यह यात्रियों के काम नहीं आ सका। 
अखलासपुर बस स्टैंड में शेड और पेयजल ही नहीं
वही अखलासपुर बस स्टैंड अंतर राज्यीय है। यहां से कैमूर के अलावा बिहार के विभिन्न जिलों सहित झारखंड व बंगाल तक बसें जाती हैं। लेकिन बस स्टैंड में यात्रियों की सुविधा के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। इस बस स्टैंड में आज तक यात्रियों के लिए शेड का निर्माण नहीं कराया गया। पूर्व का बना एक शेड आज जर्जर स्थिति में है। इसकी देखरेख पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। यहां गंदगी का अंबार लगा हुआ है। पानी की समुचित व्यवस्था नहीं है। गर्मी के मौसम में लोग पानी के लिए इधर उधर भटक रहे हैं। 
यही हाल मोहनियां में स्थित बस स्टैंड का है। बस स्टैंड परिसर में गंदगी पसरी है। यहां यात्रियों के लिए भवन में अतिक्रमण है। पेयजल की समस्या है। वर्ष 2003 में मोहनियां में बस स्टैंड का उद्घाटन हुआ था। जिला परिषद के अधीन इस बस स्टैंड को बेहतर बनाने के लिए कोई पहल नहीं की जा रही है। 
स्टैंड नहीं होने से जाम की समस्या गंभीर: 
जिला मुख्यालय भभुआ नगर सहित मोहनियां के अलावा सभी प्रखंडों में जाम की समस्या गंभीर है। जिन प्रखंडों में स्टैंड नहीं है वहां की बात तो दूर भभुआ व मोहनियां में स्टैंड होने के बावजूद सड़क पर ही बसें व सवारी वाहन खड़ा किए जाते हैं। इसके अलावा सड़क पर जो जगह बचती है उसमें दुकानदार अतिक्रमण कर दुकान लगाते हैं। ऐसे में अन्य वाहनों को निकलने के लिए सड़क पर काफी कम जगह बचती है। इससे आए दिन जाम की समस्या उत्पन्न होती है।कभी-कभी जाम में पुलिस व प्रशासन ही नहीं जनप्रतिनिधियों के वाहन भी फंसते हैं। इसके बावजूद किसी के द्वारा जाम की समस्या को दूर करने के लिए पहल नहीं की जाती। 
बस स्टैंड बनने से आम लोगों को होगी सहूलियत 
जिले के नौ प्रखंडों में बस स्टैंड बनने व भभुआ तथा मोहनियां में स्थित बस स्टैंड को सुव्यस्थित करने से आम लोगों को कई तरह का लाभ होगा। बस स्टैंड बनने से सड़क पर लगने वाले जाम की समस्या काफी हद तक खत्म हो जाएगी। यात्रियों को बसों का इंतजार करने के लिए इधर-उधर नहीं भटकना होगा। साथ ही बस स्टैंड बनने से राजस्व में भी वृद्धि होगी।