गौशाला में रखी गईं 81 बेसहारा गायें, बजट और व्यवस्था पर उठे सवाल
शहर की आदर्श गौशाला में इन दिनों 81 असहाय, बीमार और बूढ़ी गायों को आश्रय दिया गया है। ये सभी गायें पशु क्रूरता से बचाकर प्रशासनिक आदेश पर गौशाला में लाई गई हैं।

- गौशाला कमेटी ने डीएम से की सहयोग की मांग, किराया मद पर उठे सवाल
केटी न्यूज/बक्सर
शहर की आदर्श गौशाला में इन दिनों 81 असहाय, बीमार और बूढ़ी गायों को आश्रय दिया गया है। ये सभी गायें पशु क्रूरता से बचाकर प्रशासनिक आदेश पर गौशाला में लाई गई हैं।
गौशाला कमेटी के सचिव अनिल मानसिंहका ने बताया कि एक गाय पर प्रतिदिन लगभग 100 रूपए का खर्च आता है, जिसमें दवा, चारा और देखभाल शामिल है। इसके बावजूद पशुपालन विभाग से सालाना मात्र तीन लाख रुपये की सहायता दी जाती है, जो नाकाफी साबित हो रही है।
गौशाला कमेटी ने जिलाधिकारी को एक आवेदन सौंपकर गायों की बेहतर देखभाल के लिए अतिरिक्त फंड, शेड निर्माण और भोजन की स्थायी व्यवस्था की मांग की है। सचिव ने यह भी बताया कि मौखिक आदेश पर प्रशासन और थाना प्रभारी गायों को गौशाला में छोड़ देते हैं, जबकि वहां जगह की कमी है।
हाल ही में कुछ बीमार गायों के इलाज में लापरवाही का मामला सामने आया, जिसकी जानकारी मिलते ही सदर एसडीएम अविनाश कुमार ने हस्तक्षेप किया। उन्होंने कमेटी से आय-व्यय समेत सभी संबंधित कागजात तलब किए, जिन्हें गौशाला प्रशासन ने सौंप भी दिया है।
जानकारों का कहना है कि गौशाला के पास मौजूद करीब 30 दुकानों से किराया वसूला जा रहा है, लेकिन उसका कितना हिस्सा गायों की देखभाल पर खर्च हो रहा है, इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है। सूत्रों के अनुसार, हर दुकान से प्रतिमाह तीन हजार रुपये से अधिक का किराया वसूला जाता है।
सदर एसडीएम एवं गौशाला कमेटी के अध्यक्ष अविनाश कुमार ने बताया कि पूरे मामले की जांच जारी है। सभी दस्तावेजों की समीक्षा के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकेगा। बैठक में रोहतास गोयल, पंकज मानसिंहका, दीपक अग्रवाल, सुरेश राय, मैनेजर समेत अन्य सदस्य भी उपस्थित रहे।