लक्ष्मीनारायण महायज्ञ की कलश यात्रा में उमड़ा जनसैलाब, दिखा भक्ति व उल्लास का संगम

नावानगर प्रखंड के बेलांव गांव में रविवार का दिन पूरी तरह भक्ति और आस्था के रंग में रंग गया। श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ को लेकर निकाली गई भव्य कलश यात्रा में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। हर ओर से “जय श्रीराम” और “हर हर महादेव” के गगनभेदी जयकारे गूंज उठे। गांव की गलियां पुष्पवर्षा से महक उठीं और वातावरण में भक्ति रस घुल गया।

लक्ष्मीनारायण महायज्ञ की कलश यात्रा में उमड़ा जनसैलाब, दिखा भक्ति व उल्लास का संगम

-- हाथी-घोड़े, बैंड-बाजा और पारंपरिक परिधानों से सजी महिलाओं ने बढ़ाई शोभा, जयकारों से गूंजा बेलांव गांव

केटी न्यूज़/नावानगर

नावानगर प्रखंड के बेलांव गांव में रविवार का दिन पूरी तरह भक्ति और आस्था के रंग में रंग गया। श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ को लेकर निकाली गई भव्य कलश यात्रा में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। हर ओर से “जय श्रीराम” और “हर हर महादेव” के गगनभेदी जयकारे गूंज उठे। गांव की गलियां पुष्पवर्षा से महक उठीं और वातावरण में भक्ति रस घुल गया।

श्री दास बृजेशजी महाराज के सानिध्य में निकली इस कलश यात्रा की शुरुआत यज्ञ स्थल से हुई। यात्रा बेलांव से होते हुए घुनसारी पुल, सिकरौल लाख और ठोरा नदी तट तक पहुंची। नदी किनारे वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच श्रद्धालुओं ने अपने-अपने कलश में पवित्र जल भरा। महिलाएं सिर पर कलश लिए कतारबद्ध होकर चल रही थीं, तो पुरुष भक्त जयकारों के साथ आगे बढ़ते हुए वातावरण को भक्तिमय बना रहे थे।

कलश यात्रा में शामिल हाथी-घोड़े, बैंड-बाजा और पारंपरिक वेशभूषा में सजी महिलाएं विशेष आकर्षण का केंद्र बनीं। रंग-बिरंगे परिधानों में सजी महिलाएं जब कलश लेकर आगे बढ़ीं तो दृश्य देखते ही बनता था। पूरे मार्ग पर भक्तों ने पुष्पवर्षा की और बैंड की मधुर धुनों के साथ यात्रा में उमंग का संचार होता रहा।

यज्ञ समिति के अध्यक्ष हरिहर साह ने बताया कि सोमवार से अरणी मंथन के साथ लक्ष्मीनारायण महायज्ञ का शुभारंभ होगा, जो सात दिनों तक चलेगा। इस दौरान प्रतिदिन संध्या समय कथा स्थल पर श्री दास बृजेश जी महाराज के मुखारविंद से राम कथा का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 11 अक्टूबर, शनिवार को पंचमी तिथि के अवसर पर पूर्णाहुति और भंडारे का आयोजन होगा, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है।

भक्ति, श्रद्धा और उल्लास से ओतप्रोत इस आयोजन ने न केवल बेलांव बल्कि आसपास के दर्जनों गांवों को धार्मिक उत्सव के रंग में रंग दिया है। हर कोई इस दिव्य महायज्ञ का हिस्सा बनने को आतुर दिखा। गांव की गलियां, मंदिर परिसर और यज्ञ स्थल सभी जगह भक्तिमय वातावरण ने ऐसा माहौल बना दिया मानो धरती पर स्वर्ग उतर आया हो।

-- मुख्य आकर्षण

कलश यात्रा का मुख्य आकर्षण सजाए गए हाथी-घोड़े और बैंड-बाजा के साथ हजारों श्रद्धालुओं की भागीदारी रही। कलशयात्रा में शामिल श्रद्धालुओं के से गूंजा पूरा क्षेत्र गूंजायमान हो उठा। वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच ठोरा नदी तट पर भरा गया पवित्र जल। सोमवार से यह महायज्ञ विधिवत आरंभ होगा तथा 11 अक्टूबर को पूर्णाहुति दी जाएगी।

भक्ति, सौहार्द और समर्पण की अनूठी मिसाल पेश करती यह कलश यात्रा आने वाले सप्ताह तक पूरे इलाके को आध्यात्मिक माहौल में डुबोए रखेगी।