टाटा 2024, वेलकम 2025....क्या है नए साल का इतिहास

पुराने साल 2024 को सभी ने अलविदा कह दिया और नए साल 2025 का आगाज हो गया है।हर साल 1 जनवरी के दिन को दुनिया भर में नए साल के तौर पर सेलिब्रेट किया जाता है।

टाटा 2024, वेलकम 2025....क्या है नए साल का इतिहास
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केटी न्यूज़/दिल्ली

पुराने साल 2024 को सभी ने अलविदा कह दिया और नए साल 2025 का आगाज हो गया है।हर साल 1 जनवरी के दिन को दुनिया भर में नए साल के तौर पर सेलिब्रेट किया जाता है। अलग-अलग देशों के लोग अपने-अपने अंदाज में न्यू ईयर का स्वागत करते हैं और जमकर जश्न मनाते हैं।पर क्या आप जानते हैं क्यों लोग 1 जनवरी को न्यू ईयर सेलिब्रेट करते हैं? 

पहले रोमन कैलेंडर मार्च महीने में शुरू होता था। मार्च का नाम मार्स ग्रह पर रखा गया है और इसमें सिर्फ 10 महीने होते थे, साथ ही 8 दिन का एक हफ्ता होता था।इसके बाद 46 ईसा पूर्व में जूलियस सीज़र के सत्ता में आने के बाद कैलेंडर में सुधार करने का प्रयास किया। इसके लिए उन्होंने अलेक्जेंड्रियन खगोलशास्त्री सोसिजेनस की सलाह ली। इस दौरान पता चला कि धरती 365 दिन और छह घंटे में सूर्य की परिक्रमा करती है। 

इसको देखते हुए जूलियन कैलेंडर में साल में 365 दिन कर दिए और 1 जनवरी से नए साल की शुरुआत की।शुरुआत के रोमन देवता जानूस को सम्मानित करने के लिए 1 तारीख को चुना गया था। माना ये भी जाता है कि 4000 साल पहले प्राचीन बेबीलोनियन सभ्यता के दौरान नया साल 11 दिन तक सेलिब्रेट किया जाता था। इस सेलिब्रेशन को अकितू कहा जाता था।