बैंक ट्रांजेक्शन ने हाउस कीपिंग एजेंसी फर्स्ट आइडिया पर चुप्पी का खुला राज: सांसद सहयोगी व उनके पत्नी समेत चार खातों में हुआ लाखों का ट्रांजेक्शन

बक्सर के शिक्षा विभाग में कार्यरत हाउस कीपिंग एजेंसी फर्स्ट आइडिया पर सांसद सहयोगी अरविंद सिंह के साथ ही अजय सिंह की चुप्पी का राज अब परत दर परत खुलने लगा है। इस मामले में केशव टाइम्स के पड़ताल में कई चौकाने वाले तथ्य सामने आए है जो फर्स्ट आइडिया पर सांसद सहयोगी की चुप्पी की पोल खोल रहे है। दरअसल सांसद सहयोगी अरविंद सिंह, उनकी पत्नी गीता सिंह समेत चार खातों में हाउस कीपिंग एजेंसी फर्स्ट आइडिया द्वारा लाखों रूपए के ट्रांजेक्शन के सबूत मिले है। यह ट्रांजेक्शन कलेक्ट्रेट स्थित केनरा बैंक से किया गया है। केशव टाइम्स की पड़ताल में जो सच्चाई सामने आई है उसके मुताबिक फर्स्ट आइडिया द्वारा एक अगस्त को अरविंद सिंह के खाते में 1.40 लाख तथा उसी दिन वर्षा सिंह के खाते में भी 1.40 लाख रूपए ट्रांसफर किया है। वहीं, 13 अगस्त को 78 हज़ार रुपए अरविंद सिंह, इनकी पत्नी गीता देवी, एवं शालू सिंह आदि के खातों में किया गया है

बैंक ट्रांजेक्शन ने हाउस कीपिंग एजेंसी फर्स्ट आइडिया पर चुप्पी का खुला राज: सांसद सहयोगी व उनके पत्नी समेत चार खातों में हुआ लाखों का ट्रांजेक्शन
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-डुमरांव विधायक डॉ. अजित कुमार सिंह ने फर्स्ट आईड़िया कार्यप्रणाली के खिलाफ दिशा की बैठक में उठाई थी आवाज

- बोले विधायक जांच के दौरान पेमेंट करना गलत होनी चाहिए कार्रवाई

-- फर्स्ट आइडिया पर सांसद सहयोगी के चुप्पी पर केशव टाइम्स प्रकाशित कर चुका है खबर

केटी न्यूज/बक्सर

बक्सर के शिक्षा विभाग में कार्यरत हाउस कीपिंग एजेंसी फर्स्ट आइडिया पर सांसद सहयोगी अरविंद सिंह के साथ ही अजय सिंह की चुप्पी का राज अब परत दर परत खुलने लगा है। इस मामले में केशव टाइम्स के पड़ताल में कई चौकाने वाले तथ्य सामने आए है जो फर्स्ट आइडिया पर सांसद सहयोगी की चुप्पी की पोल खोल रहे है। दरअसल सांसद सहयोगी अरविंद सिंह, उनकी पत्नी गीता सिंह समेत चार खातों में हाउस कीपिंग एजेंसी फर्स्ट आइडिया द्वारा लाखों रूपए के ट्रांजेक्शन के सबूत मिले है। यह ट्रांजेक्शन कलेक्ट्रेट स्थित केनरा बैंक से किया गया है। केशव टाइम्स की पड़ताल में जो सच्चाई सामने आई है उसके मुताबिक फर्स्ट आइडिया द्वारा एक अगस्त को अरविंद सिंह के खाते में 1.40 लाख तथा उसी दिन वर्षा सिंह के खाते में भी 1.40 लाख रूपए ट्रांसफर किया है। वहीं, 13 अगस्त को 78 हज़ार रुपए अरविंद सिंह, इनकी पत्नी गीता देवी, एवं शालू सिंह आदि के खातों में किया गया है, जिससे यह प्रमाणित होता है कि शिक्षा विभाग में गहरी पैठ बना चुके अरविंद सिंह तथा अजय सिंह केे इशारे पर ही फर्स्ट आइडिया पर शिक्षा विभाग के अधिकारी मेहरबान है तथा बिना काम कराए ही इस कंपनी को लाखों रूपए का भुगतान कर दिया जाता है। विभागीय जानकारों का कहना है कि बदले में फर्स्ट आइडिया हर महीने अरविंद सिंह तथा अजय सिंह को मोटी रकम की अदायगी करता है। यह रकम अजय सिंह के सहयोगी तथा अरविंद सिंह तथा उसके परिजनों के खाते में किया गया है। जानकारों का कहना है कि यदि हाउस कीपिंग एजेंसी फर्स्ट आइडिया के खाते के लेन देन की जांच करवाई जाए तो अभी और कई चौकाने वाले मामले सामने आएंगे। 

-- सांसद सहयोगी का धौंस जमा मोटी रकम की हो रही है उगाही

केनरा बैंक से फर्स्ट इंडिया के एकाउंट से अरविंद सिंह तथा उसके करीबियों के खाते में हुआ भुगतान इस बात के प्रमाण है कि सांसद सहयोगी का धौंस दिखा हाउस कीपिंग एजेंसियों का भयादोहन किया जा रहा है। यही नहीं विभागीय सूत्र बताते है कि इसके अलावे बेंच-डेस्क घोटाला, बर्तन खरीद तथा बोरिंग लगाने में भी लाखों रूपए का वारा-न्योरा सांसद सहयोगी तथा अजय के द्वारा किया गया है। इनके सांसद का करीबी होने सहित कई अन्य कारणों से विभागीय अधिकारी मंुह खोलने को तैयार नहीं है। जिस कारण शिक्षा विभाग में हर महीने लाखों रूपए की उगाही का खेल धड़ल्ले से जारी है। 

-- केशव टाइम्स प्रकाशित कर चुका है खबर

बता दें कि केशव टाइम्स 14 अगस्त के ही अपने अंक में ’’फर्स्ट आइडिया की कार्यप्रणाली पर सांसद सहयोगी चुप’’ शीर्षक से प्रमुखता से खबर प्रकाशित कर इस बाता की आशंका जताई थी कि सांसद सहयोगी तथा शिक्षाविभाग के तथाकथित अजय सिंह के संरक्षण में ही फर्स्ट आइडिया का काम संचालित हो रहा है। बावजूद शिक्षा विभाग के अधिकारियों तथा जिला प्रशासन की तंद्रा नहीं टूटी, लेकिन केशव टाइम्स के हाथ लगे बैंक खाते के ट्रांजेक्शन ने इस खबर पर मुहर लगा दी है कि फर्स्ट आइडिया की मनमानी सांसद सहयोगी अरविंद सिंह तथा अजय सिंह के इशारे पर पर ही चल रही है। 

-- विभागीय अधिकारियों पर भी उठ रहा है सवाल

इस पूरे प्रकरण में शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर भी कई सवाल उठ रहे है। बता दें कि पूर्व में नावानगर बीईओ तथा बीपीएम द्वारा नावानगर प्रखंड के स्कूलों में साफ सफाई के प्रति फर्स्ट आइडिया के खिलाफ निगेटिव रिपोर्टिंग की गई थी। वहीं, डुमरांव विधायक डॉ. अजित कुमार सिंह ने भी इस मामले को दिशा की बैठक में उठाया था, बावजूद शिक्षा विभाग द्वारा बिना जांच कराए ही फर्स्ट आइडिया को लाखों रूपए का भुगतान कर दिया गया है। जिससे विभागीय अधिकारियों की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़ा हो रहा है।

सूत्रों का कहना है कि यदि इस मामले की गंभीरता से जांच कराई जाए तो सांसद सहयोगी तथा अजय सिंह के साथ ही विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता है। अब देखना है कि जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग इस मामले में क्या कदम उठा रहा है।

-- सिर्फ मजदूरों का भुगतान करती है हाउस कीपिंग एजेंसी 

विीाागीय जानकारों की मानें तो स्कूलों की साफ सफाई तथा अन्य कार्यों में लगे मजदूरों या दैनिक वेतनभोगी कर्मियों के मानदेय का भुगतान ही हाउस कीपिंग एजेंसी को करना है। यह राशि बहुत कम होती है तथा कई खातों में इसका भुगतान करना पड़ता हैं, लेकिन इससे इतर सिर्फ चार खातों में हुए लाखों का ट्रांजेक्शन बड़े घोटाले की ओर इशारा कर रहे है।