मानसिक बीमारियों को समझने के लिए सत्त अध्ययन की है जरूरत - डॉ. कुमारी अनुराधा

सोमवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकार के पैनल अधिवक्ता एवं पीएलबी का दो दिवसीय प्रशिक्षण का उद्घाटन किया गया। यह प्रशिक्षण जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है।

मानसिक बीमारियों को समझने के लिए सत्त अध्ययन की है जरूरत - डॉ. कुमारी अनुराधा

- पैनल अधिवक्ताओं एवं पैरा लीगल वॉलिंटियर्स का दो दिवसयी प्रशिक्षण शुरू  

केटी न्यूज/बक्सर 

सोमवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकार के पैनल अधिवक्ता एवं पीएलबी का दो दिवसीय प्रशिक्षण का उद्घाटन किया गया। यह प्रशिक्षण जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है। इस अवसर पर बतौर प्रशिक्षक डॉ. कुमारी अनुराधा, डॉ. अमलेश कुमार, सदर अस्पताल से मनोवैज्ञानिक एनएसजी अधिकारी दिनेश कुमार सिंह मौजूद थे। इस दौरान डॉ. कुमारी अनुराधा ने प्रशिक्षु अधिवक्ताओं को बताया कि मानसिक रोग काफी जटिल बीमारी है, इसके कई लक्षण होते है। इसे समझने के लिए सत्त अध्ययन करने की आवश्यकता है।

उन्होंने मानसिक रोगों को वर्गीकृत करते हुए कहा कि मानसिक बीमारियां कई कारणों से होती है। नशीले पदार्थों के अधिक सेवन, अवसाद या चोट लगने से भी मानसिक बीमारियां हो सकती है। किसी-किसी मरीज में यह जन्मजात भी होती है, जिसे ठीक करना काफी जटिल काम है। वही खंडित मानसिकता के अंतर्गत उत्तेजित होना, मारपीट गाली गलौज करना, खुद से बात करना, विचित्र अनुभव करना जैसे अदृश्य चीज देखने एवं असामान्य आवाज़ सुनना उसका लक्षण होता है। मानसिक के रोग के अंतर्गत उन्माद या उदास हो जाने के लक्षण देखे जाते हैं। 

जबकि डॉ. अमलेश कुमार ने कहा कि मानसिक बीमारियां लाईलाज नहीं है, बल्कि डॉक्टर की निगरानी में लंबे समय तक दवाओं का सेवन करा इसे जड़ से समाप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसा देखने को मिलता है कि कई बार मरीज दवा का लगातार सेवन नहीं करते हैं तथा बीच में छोड़ देते हैं ऐसे में इलाज ठीक ढंग से नहीं हो पाता है तथा रोगी में कुछ समय के बाद फिर से मानसिक रोग का लक्षण उभर आता है।

इस अवसर पर न्यायाधीश सह सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार नेहा दयाल, पैनल अधिवक्ता, पीएलबी के अलावे लोक अदालत के सहायक सुनील कुमार, पैनल अधिवक्ता डॉ. विष्णुदत्त द्विवेदी समेत दर्जनों अधिवक्ता उपस्थित थे।