कवि सम्मेलन व मुशायरे ने राष्ट्रीय एकता व अखंडता का दिया संदेश

स्थानीय शहर के स्टेशन रोड स्थित एक सभागार में रविवार की देर शाम आल इंडिया कौमी एकता मुशायरा व कवि सम्मेलन आयोजन हुआ। मुशायरे में देश के विभिन्न क्षेत्रों से आये नामचीन शायरों, कवियों, गजलकारों ने अपनी शायरी, कविता, गीत, व गजल के माध्यम से देश की गंगा-जमुनी तहजीब की डोर को मजबूत करते हुए राष्ट्रीय एकता, भाईचारा व धर्मनिरपेक्षता का संदेश दिया।

कवि सम्मेलन व मुशायरे ने राष्ट्रीय एकता व अखंडता का दिया संदेश

केटी न्यूज/डुमरांव 

स्थानीय शहर के स्टेशन रोड स्थित एक सभागार में रविवार की देर शाम आल इंडिया कौमी एकता मुशायरा व कवि सम्मेलन आयोजन हुआ। मुशायरे में देश के विभिन्न क्षेत्रों से आये नामचीन शायरों, कवियों, गजलकारों ने अपनी शायरी, कविता, गीत, व गजल के माध्यम से देश की गंगा-जमुनी तहजीब की डोर को मजबूत करते हुए राष्ट्रीय एकता, भाईचारा व धर्मनिरपेक्षता का संदेश दिया। सम्मेलन का उद्घाटन स्थानीय विधायक डॉ अजीत कुशवाहा ने किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि आज के माहौल में ऐसे आयोजनों का महत्व बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि हमें आपसी भाईचारा के महत्व को कायम रखना चाहिए। किसी प्रकार का भेदभाव मन में नहीं आना चाहिए। कार्यक्रम के आयोजन को लेकर उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए आयोजन में शामिल बिहार के अलावा अन्य प्रांतों से आये हुए कलाकारों को बधाई दी व आभार प्रकट किया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रोफेसर डॉ उषा किरण ने किया। बिहार चम्पारण से आये मशहूर शायर जफर हबीबी की पहली पंक्ति पढ़ते ही श्रोताओं ने जमकर तालियां बजाई। दीवार है अना की उसे पहले तोड़िये, टूटे हुए दिलों को मुहब्बत से जोड़िये। वहीं स्थानीय कवि व शायर डॉ बीएल प्रवीण ने कहा कि उबलती उम्र को तुम्हारी छांव चाहिए, बहुत हो चुका शहर में अब गांव चाहिए। इनकी ग़ज़ल को काफी सराहना मिली। अन्य शायरों के अलावा औरंगाबाद से आयी शायरा अंजुम आरा ने भी प्यार मोहब्बत को लेकर बेहतरीन नज़्में सुनाईं। जिसे लेकर उन्होंने काफी वाहवाही लूटी। मीरा सिंह मीरा ने भी अपनी कविताओं का पाठ किया जिस पर लोगों ने तालियां बजायी। शायरों में बंगाल से असगर नदीम नेजामी, कुल्टी से परवेज कासमी, इमरान राकीम (कोलकाता), इरशाद मजहरी (किशनगंज), मोइन गीली डिहवी (गिरीडीह), फारूक कैफी (बक्सर), हाफिज अब्दुल्ला, फैजी (फैजाबाद), नुरुल इस्लाम आदि ने बेहतरीन प्रस्तुति दी जिसे श्रोताओं ने काफी देर तक सुना व महफ़िल का भरपूर आनंद लिया। मंच का कुशल संचालन गया से तशरीफ़ लाए मजाहिया शायर रहबर चोंच ग्यावी ने किया तथा समापन कार्यक्रम के संयोजक नसीम अख्तर ने किया। मौके पर शमीम हाशमी, शमीम मंसूरी, मनोज जायसवाल, नासिर हुसैन, अनुराग मिश्रा, मुस्ताक मंसूरी सहित अन्य मौजूद थे।