मां कालरात्रि के इस मंत्र से पूरी होती हैं सभी मनोकामनाएं
चैत्र नवरात्रि का आज सातवां दिन है और इस दिन मां दुर्गा के स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा की जाती है।
केटी न्यूज़/दिल्ली
चैत्र नवरात्रि का आज सातवां दिन है और इस दिन मां दुर्गा के स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा की जाती है।माता कालरात्रि को शुभंकरी, महायोगीश्वरी और महायोगिनी भी कहा जाता है।माता कालरात्रि की इस दिन विधि-विधान से पूजा करके व्रत रखने से मां अपने भक्तों की सभी बुरी शक्तियों से रक्षा करती हैं।माता की पूजा करने के बाद भक्तों को अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है।माता के इसी स्वरूप से सभी सिद्धियां प्राप्त होती हैं।इसलिए तंत्र मंत्र करने वाले माता कालरात्रि की विशेष रूप से पूजा अर्चना करते हैं।
मां कालरात्रि की कथा
तीनों लोकों में राक्षस शुंभ-निशुंभ और रक्तबीज ने हाहाकार मचा रखा था।सभी देवता चिंतित थे।सभी देवी देवता मिलकर भगवान शंकर के पास गए और रक्षा की प्रार्थना की,तब महादेव ने मां पार्वती से असुरों का अंत कर अपने भक्तों की रक्षा करने को कहा। इसके बाद माता पार्वती ने दुर्गा का रूप धारण किया और शुंभ-निशुंभ का वध कर दिया।माता के सामने असली चुनौती राक्षस रक्तबीज ने पेश की,जैसे ही मां दुर्गा रक्तबीज को मारती और उसका खून धरती पर गिरता तो उससे लाखों रक्तबीज पैदा हो जाते।इससे माता क्रोधित हो गईं और उनका वर्ण श्यामल हो गया। इसी स्वरूप से मां कालरात्रि का प्रकट हुई।मां कालरात्रि रक्तबीज पर वार करती और उसके शरीर से निकलने वाले रक्त को धरती पर गिरने से पहले ही पी जातीं। इस तरह से माता ने सभी राक्षसों का वध किया और धरती की रक्षा की।
मां कालरात्रि मंत्र
1-या देवी सर्वभूतेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
2-ॐ कालरात्र्यै नम:।
मां कालरात्रि की कैसे करें पूजा
माता को लाल रंग पसंद है इसलिए मां को लाल रंग का वस्त्र अर्पित करना चाहिए।मां को गुड़हल का फूल चढ़ाना चाहिए।मां को मिठाई, पंच मेवा और 5 प्रकार का फल अर्पित करना चाहिए।मां कालरात्रि को गुड़ और गुड़ से बनी चीजें पसंद हैं इसलिए नवरात्रि के सातवें दिन गुड़ से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है और माता को प्रसन्न किया जाता है। इससे भक्तों की सभी मनोकामना पूरी होती है।
मां कालरात्रि की पूजा का महत्व
शास्त्रों और पुराणों में बताया गया है कि मां कालरात्रि की पूजा व उपवास करने से सभी नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है और आरोग्य की प्राप्ति होती है। मां कालरात्रि अपने भक्तों को आशीष प्रदान करती है और बल व आयु में वृद्धि होती है। माता कालरात्रि की पूजा रात्रि के समय में भी की जाती है। रात को पूजा करते समय 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै नमः' मंत्र का सवा लाख बार जप करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।