मां सिद्धिदात्री की पूजा के साथ नवरात्रि का आज है समापन

चैत्र नवरात्रि के नौवें दिन मां दुर्गा के स्वरूप सिद्धिदात्री की पूजा होती है।

मां सिद्धिदात्री की पूजा के साथ नवरात्रि का आज है समापन

केटी न्यूज़/दिल्ली

चैत्र नवरात्रि के नौवें दिन मां दुर्गा के स्वरूप सिद्धिदात्री की पूजा होती है। मां सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना से सभी तरह की सिद्धियां प्राप्त होती है और लौकिक-परलौकिक सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति भी होती है। मान्यता है कि माता की पूजा करने से सभी कार्य सिद्ध हो जाते हैं और घर में धन-धान्य की कमी नहीं होती।

मां सिद्धिदात्री की कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान शिव ने मां सिद्धिदात्री की कठोर तपस्या कर आठों सिद्धियों को प्राप्त किया था। मां सिद्धिदात्री की अनुकंपा से ही भगवान शिव का आधा शरीर देवी हो गया था और वह अर्धनारीश्वर कहलाएं।मां दुर्गा के नौ रूपों में यह रूप अत्यंत ही शक्तिशाली रूप है।कहा जाता है कि, मां दुर्गा का यह रूप सभी देवी-देवताओं के तेज से प्रकट हुआ है।कथा में वर्णन है कि जब दैत्य महिषासुर के अत्याचारों से परेशान होकर सभी देवतागण भगवान शिव और भगवान विष्णु के पास पहुंचे।तब वहां मौजूद सभी देवतागण से एक तेज उत्पन्न हुआ और उसी तेज से एक दिव्य शक्ति का निर्माण हुआ, जिसे मां सिद्धिदात्री कहा जाता है।

मां सिद्धिदात्री के मंत्र

1-ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:।

2-या देवी सर्वभूतेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

मां सिद्धिदात्री की कैसे करें पूजा

स्नान कर साफ कपड़े पहने।इसके बाद पूजा स्थल को गंगाजल से पवित्र करें।मां की मूर्ति को स्नान कराएं और उन्हें वस्त्र अर्पित करें।मां को सिन्दूर, अक्षत, फूल, माला, फल, मिठाई आदि चढ़ाएं।मां के मंत्रों का जप करें।मां सिद्धिदात्री को तिल का भोग लगाएं और कमल का फूल चढ़ाएं।इसके बाद मां सिद्धिदात्री की आरती करें।मां दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री को हलवा-पूड़ी और चना,खीर और नारियल का भोग लगाया जाता है।इन चीजों का भोग लगाने से माता प्रसन्न होती हैं।पूजा के बाद हवन करें और कन्या पूजन करें।कन्या पूजन के बाद प्रसाद ग्रहण कर अपना व्रत खोलें।मां के इस भोग या प्रसाद को कन्याओं और ब्राह्मणों में बांटना बहुत शुभ माना जाता है।ऐसा करने से मां प्रसन्न होती हैं और साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं।

मां सिद्धिदात्री की पूजा का महत्व

इनकी उपासना से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। भक्त इनकी पूजा से यश, बल, कीर्ति और धन की प्राप्ति करते हैं। मां की उपासना से भक्तों को संसार में धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है।