हनुमान जी ने किया था ये व्रत

भगवान श्री गणेश को चतुर्थी तिथि समर्पित है।हर माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है।

हनुमान जी ने किया था ये व्रत
Sankashti Chaturthi fast

केटी न्यूज़/दिल्ली

भगवान श्री गणेश  को चतुर्थी तिथि समर्पित है।हर माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी  के नाम से जाना जाता है।पौराणिक ग्रन्थों के अनुसार इस व्रत को करने से भक्तों की सभी परेशानियां और दुख दूर होते हैं। कई दिनों से रुके मांगलिक कार्य संपन्न होते है। इस व्रत से जुड़ी हुई ये के कथा।

रावण के सीता हरण के बाद सीताजी के वियोग में श्रीराम सीता को ढूंढ़ते हुए ऋिष्‍यमूक पर्वत पर पहुंचे।वहां पर सुग्रीव से राम जी की दोस्ती हुई और उन्होंने सीता हरण तथा जटायु मरण की व्यथा कही।सुग्रीव ने हनुमान जी को बाकी वानर सेना के साथ सिया जी की खोज में भेजा।सम्पाती ने इस काज के लिए कहा कि भाई तुम सब धन्य हो, जिन्हें राम काज का कार्य मिला।समुद्र के उस पार राक्षसों की नगरी लंका है।उस लंका में अशोक वृक्ष के नीचे जानकी जी बैठी हुई हैं। मुझे सब दिखाई पड़ रहा है।तब उन्होंने  हनुमान जी से कहा इस कार्य को गणेश की कृपा से तुम ही कर सकते हो। हनुमान जी तुम संकटनाशक श्री गणेश चौथ व्रत करो। श्री गणेश की कृपा से तुम जगत का पता लगा सकोगे और क्षण भर में समुद्र पार हो जाओगे। हनुमानजी ने गणेश चौथ व्रत किया और उनकी कृपा से क्षण भर में सागर पार हो गए।यही व्रत श्री कृष्ण ने युधिष्ठिर को करने के लिए कहा था।युधिष्ठिर ने भी कृष्ण के आदेश पर इस व्रत को करने से अपने राज्य को प्राप्त किया था।

कब है व्रत

हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी 28 मार्च 2024 को शाम 6 बजकर 56 मिनट पर शुरू होगी।29 मार्च 204 को रात 8 बजकर 20 मिनट पर इसका समापन होगा।

 

व्रत के नियम

  • संकष्टी चतुर्थी के दिन स्नान करने के बाद व्रत करने का संकल्प लेना चाहिए।
  • गणेश स्तुति,गणेश चालीसा,ॐ गं गणपतये नम: मंत्र का जाप और संकट चौथ व्रत कथा पढ़नी चाहिए।
  • गणेश जी को तिल,लड्डू,गुड, दूर्वा,चंदन और मोदक अर्पित करें।
  • पूजा के बाद गणपति जी की आरती करें।
  • रात में चंद्रमा को अर्घ्य दे और फिर व्रत को खोले