छठे दिन राम-सीता का विवाह, राजा जनक की विदाई और दशरथ का राम को वनवास का मंचन

400 वर्ष पुरानी नगर रामलीला समिति के तत्वाधान में आज छठे दिन राम-सीता के विवाह का आयोजन हुआ, जिसमें दर्शकों ने ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनने का अवसर पाया।

छठे दिन राम-सीता का विवाह, राजा जनक की विदाई और दशरथ का राम को वनवास का मंचन

केटी न्यूज/आरा

400 वर्ष पुरानी नगर रामलीला समिति के तत्वाधान में आज छठे दिन राम-सीता के विवाह का आयोजन हुआ, जिसमें दर्शकों ने ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनने का अवसर पाया। राजा जनक द्वारा सीता की विदाई के समय भावुकता से भरी आंखें और मंथरा द्वारा कैकई को भड़काते हुए राजा दशरथ से राम को वनवास देने की मांग करने का दृश्य विशेष रूप से आकर्षित किया। 

इस संपूर्ण नाटक का मंचन वृंदावन की मंडली द्वारा किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ विशेष अतिथियों और समिति के सदस्यों द्वारा दीप प्रज्वलित करके किया गया। अध्यक्ष सोनू राय ने कहा कि पुत्र मोह और अयोध्या के लालच में कैकई ने राम को वनवास दिया। उन्होंने समाज में भी ऐसे ही विखराव पर चिंता व्यक्त की और सभी को एक-दूसरे को जोड़ने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि हमारे परिवार और संस्कृति सुरक्षित रह सके। 

संरक्षक मंडल के हकीम प्रसाद ने अतिथियों का अभिवादन और आभार व्यक्त किया। रोटी बैंक के कार्यकर्ताओं ने भगवान राम के प्रसाद का भोग लगाया, जिसके बाद प्रसाद वितरण किया गया। मुख्य अतिथियों में डॉ. विजय सिंह (सर्जन), डॉक्टर अंकित सिंह (दंत चिकित्सक), यशवंत सिंह, प्रिंसिपल विमल यादव, संरक्षक श्री लाल दास राय, और अन्य प्रमुख सदस्य शामिल थे। मंच संचालन दिलीप गुप्ता ने किया, जबकि समिति के प्रवक्ता पंकज प्रभाकर ने कार्यक्रम की जानकारी दी।