बक्सर जिले में एक ऐसी पंचायत जहां आठवी के बाद हाई स्कूल की पढ़ाई करने दूसरे प्रखंड में जाते है आधा दर्जन गांवों के बच्चें
राज्य सरकार गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मिशन को धरातल पर उतारने के लिए कई प्रयास कर रही है। खासकर छात्राओं को उच्च शिक्षित बनाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी पंचायतों में हाई स्कूल खुलवाए है, यही नहीं अब छात्रों के खेल कौशल को निखारने के लिए पंचायत स्तर पर खेल मैदान का निर्माण कर खेल संसाधन भी मुहैया कराए जा रहे है,
- हाई स्कूल दूर होने से असमय बंद हो जा रही है दर्जनों छात्रों की पढ़ाई
- दुर्गम मार्ग पार कर पढ़ाई करते है रामपुर मठिया, परमानपुर, इंग्लिशपुर, रमधनपुर, चकनी, खैरा आदि गांवों के बच्चें
- 10 से 12 किलोमीटर दूर है पंचायत मुख्यालय, पांच से छह किलोमीटर दूरी तय कर नया भोजपुर आते है छात्र-छात्राएं
केटी न्यूज/डुमरांव
राज्य सरकार गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मिशन को धरातल पर उतारने के लिए कई प्रयास कर रही है। खासकर छात्राओं को उच्च शिक्षित बनाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी पंचायतों में हाई स्कूल खुलवाए है, यही नहीं अब छात्रों के खेल कौशल को निखारने के लिए पंचायत स्तर पर खेल मैदान का निर्माण कर खेल संसाधन भी मुहैया कराए जा रहे है, लेकिन अनुमंडल मुख्यालय से सटे व सिमरी प्रखंड के अंतर्गत आने वाले आधा दर्जन से अधिक गांवों के बच्चों को ये दोनों सुविधाएं मयस्सर नहीं हो पा रही है। अलब्ता उन्हें हाई स्कूल की पढ़ाई के लिए जहां डुमरांव प्रखंड में स्थित नया भोजपुर जाना पड़ता है तो मैदान के अभाव खेल प्रतिभाएं भी दम तोड़ रही है। जिससे कई सवाल खड़े हो रहे है। वही, इस गंभीर समस्या के प्रति स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों की चुप्पी व शासन-प्रशासन की बेफिक्री से हर साल दर्जनों छात्र-छात्राएं असमय पढ़ाई छोड़ने पर मजबूर हो रहे है।
भौगोलिक स्थिति भी है जिम्मेवार, 10-12 किलोमीटर दूर पड़ता है पंचायत मुख्यालय
बता दें कि इन आधा दर्जन गांवों में तीन पंचायत के अंतर्गत गांव आते है। जिनमें सबसे अधिक मझवारी पंचायत के परमानपुर, रामपुर मठिया, मुकुंदपुर व इंग्लिशपुर गांव शामिल है। इसके अलावे गायघाट पंचायत का रमधनपुर व काजीपुर पंचायत का चकनी गांव शामिल है। खुद काजीपुर पंचायत का हाई स्कूल भी जमीन के अभाव में गांव से करीब चार-पांच किलोमीटर दूर दुरासन मध्य विद्यालय में संचालित हो रहा है।
यहां बता दें कि मझवारी पंचायत के अंतर्गत आने वाले गांवों की पंचायत मुख्यालय से दूरी 10-12 किलोमीटर हो जा रही है। मझवारी से इन गांवों के बीच कोलिया ताल व भोजपुर नदी बहती है। जिस कारण ग्रामीणों को पंचायत मुख्यालय जाने के लिए नया भोजपुर से पुराना भोजपुर होकर जाना पड़ता है। यही कारण है कि इस पंचायत के बच्चें अपने पंचायत के हाई स्कूल में नहीं पढ़ पाते है। यही हाल गायघाट पंचायत के अंतर्गत आने वाले रमधनपुर से भी पंचायत मुख्यालय की दूरी बहुत अधिक है, जबकि काजीपुर पंचायत में आने वाले चकनी से दुरासन की दूरी भी बढ़ जाती है। जिस कारण इन गांवों के छात्र नया भोजपुर स्थित उच्च विद्यालय और एपी शर्मा उच्च विद्यालय में पढ़ाई करने जाते है। जिन्हें आने जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
कोलिया ताल को पार करने का खतरा मोलते है बच्चें
सड़क मार्ग से रामपुर मठिया से नया भोजपुर गांव की दूरी चार से पांच किलोमीटर है, लेकिन रामपुर के ठीक सामने से कोलिया ताल होकर नवरत्न गढ़ किला तक एक कच्चा मार्ग है, जिसके बीच में नदी पर बनी पुलिया का एक रेलिंग भी टूट गया हैं। यह मार्ग काफी कठिनाई वाला है तथा अक्सर इसमें कीचड़ उत्पन्न हो जाता है। बावजूद अधिकतर छात्र-छात्राएं इसी मार्ग से होकर हाई स्कूल की पढ़ाई करने जाते है।
क्या कहती है छात्राएं
सोमवार को केशव टाइम्स की टीम ने इस गंभीर मुद्दे पर छात्रों तथा उनके अभिभावकों से बात की। इस दौरान रमधनपुर से नया भोजपुर उच्च विद्यालय जा रही छात्राएं सोनम कुमारी, माधुरी कुमारी, अंशु कुमारी, अंजली कुमारी, अनिशा कुमारी व प्रिती कुमारी आदि ने बताया कि उनके गांव से नया भोजपुर की दूरी करीब आठ किलोमीटर है। हर दिन यह दूरी तय करनी पड़ती है। छात्राओं ने कहा कि यदि उनके गांव के आस पास हाई स्कूल होता तो पढ़ाई में सुविधा होती। छात्राओं ने बताया कि उनके गांव की कई छात्राएं आठवी के बाद पढ़ाई छोड़ देती है। कुछ ऐसी ही बातें रामपुर की सोनी, गुड़िया, मनीषा आदि ने बताया।
क्या कहते है लोग
1 - प्रभुनाथ यादव - गांव में रामपुर मठिया के नाम पर करीब 337 बीघा की सार्वजनिक जमीन है, जो भू-मॉफियाओं के कब्जे में है। फिलहाल इसका मामला कोर्ट में चल रहा है। इस जमीन की मापी करा इस पर हाई स्कूल व खेल मैदान बनाया जा सकता है। - प्रभुनाथ यादव
2 - बिहारी सिंह - हाई स्कूल व खेल मैदान के अभाव में हमारे गांव सहित आधा दर्जन गांवों के छात्र व युवाओं में कुंठा है। खासकर लड़कियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए काफी दूरी तय करनी पड़ रही है। यदि गांव के आस पास हाई स्कूल बन जाता तो यह समस्या दूर हो जाती। - बिहारी सिंह
3 - गोरख यादव - आधा दर्जन गांवों में हाई स्कूल नहीं होना, शासन प्रशासन तथा शिक्षा विभाग के लिए चुनौती है। यह इलाका कोलिया ताल के कारण पंचायत मुख्यालयों से काफी दूर है, जिस कारण इस इलाके के लिए एक हाई स्कूल व एक खेल मैदान होना चाहिए। - गोरख यादव
4- मुन्ना खरवार - गांव में हाई स्कूल नहीं होने से बच्चियों की पढ़ाई बाधित हो रही है। अधिकांश अभिभावक अधिक दूरी के कारण अपनी बच्चियों को आठवी के बाद पढ़ाई बंद करा देते है। गांव से नया भोजपुर जाने में हमेशा डर बना रहता है। गांव के आस पास हाई स्कूल होने से छात्राओं की पढ़ाई में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। - मुन्ना खरवार
कहते है डीईओ
सभी पंचायतों में कम से कम एक हाई स्कूल बनवाया गया है। पंचायत मुख्यालय से दूरी के कारण अगर छात्र-छात्राओं को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है तो इसकी जांच करा विभाग को इसकी जानकारी दी जाएगी। विभागीय निर्देश के आलोक में हाई स्कूल बनवाया जाएगा। - अमरेन्द्र कुमार पांडेय, जिला शिक्षा पदाधिकारी, बक्सर