परिंदों को तालीम नहीं दी जाती है उड़ानों की...

परिंदों को तालीम नहीं दी जाती है उड़ानों की, वे खुद ही छू लेती है बुलंदिया आसमानों की...। इस उक्ति को चरितार्थ कर दिखाई है

परिंदों को तालीम नहीं दी जाती है उड़ानों की...

- प्रतिभा का परचम, बिना किसी कोचिंग के रानी ने क्वालीफाई की बीएसएसी नर्सिंग का एंट्रेस 

- नीट भी क्वालीफाई कर चुकी है रानी

- रानी की सफलता से खुश विद्यालय परिवार ने किया सम्मानित, उपस्थित थे माता-पिता

केटी न्यूज/डुमरांव

परिंदों को तालीम नहीं दी जाती है उड़ानों की, वे खुद ही छू लेती है बुलंदिया आसमानों की...। इस उक्ति को चरितार्थ कर दिखाई है मजदूर पिता की बेटी रानी गुप्ता ने। बिना किसी ट्यूशन या कोचिंग के रानी ने पहले इंजीनियरिंग की कठिन माने जाने वाली नीट का एंटेंªस एक्जाम क्वालीफाई की, फिर उसने बीएससी नर्सिंग का एंटेªंस एक्जाम पास कर अपनी प्रतिभा का लोह मनवा दिया। खरहाटांड़ पंचायत के छोटे से गांव भेड़िया की बेटी रानी अब वाराणसी के प्रतिष्ठित बीएचयू से बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई करेगी।

हालांकि उसका सपना इंजीनियर बनने का था, उसने नीट क्वालीफाई कर अपने सपनों को पंख भी दिया था, लेकिन नीट परीक्षा में 610 अंक मिलने के बाद उसे गुजरात के एक कॉलेज में दाखिला मिल रहा था। गरीब माता-पिता अपनी लाडली को इतना दूर पढ़ाई के लिए भेजने में सक्षम नहीं थे। बावजूद रानी न तो हार मानी और न ही निराश हुई, बल्कि वह लगे हाथ बीएससी नर्सिंग की परीक्षा भी दी, जिसमें सफल होने के बाद उसे बीचएचयू में दाखिला मिला है। लोगों के समझाने बुझाने के बाद उसके माता-पिता अब उसे बीएचयू में दाखिला दिलाने के लिए राजी हो गए है।

शुक्रवार को रानी की सफलता से खुश हो डुमरांव के टेक्सटाईल कॉलोनी में संचालित होने वाले ’जूनियर मॉर्डन इंगलिश स्कूल, डुमरांव के प्रांगण में रानी का सम्मानित किया गया। इस दौरान विद्यालय निदेशक संतोष ओझा, प्राचार्य विद्याभूषण चौबे आदि ने रानी को बुके, अंग वस्त्र, फूल माला तथा भागवद् गीता व रामचरित मानस जैसी ज्ञानवर्द्धक धार्मिक पुस्तकें दे सम्मानित किया और उसके उज्जवल भविष्य की कामना की। विद्यालय निदेशक संतोष ने कहा कि रानी गुप्ता बचपन से ही मेधावी है तथा वह एक दिन जरूर देश का नाम रौशन करेगी। मौके पर उसके पिता मनोज कुमार गुप्ता, माता उषा देवी, बड़ी बहन पूजा कुमारी, भाई राजू कुमार गुप्ता के अलावे शिक्षिक संतोष सिंह, कुमुद देवी, लवली देवी, नैनसी तिवारी, रूबी देवी समेत सैकड़ो लोग मौजूद थे। बता दें कि रानी की प्रारंभिक शिक्षा इसी स्कूल से शुरू हुई थी। 

पिता करते है मजदूरी तो गृहिणी है मां

रानी की यह सफलता भले ही आपकों बहुत छोटी लग रही हो, लेकिन जिन परिस्थितियों में उसने अपनी प्रतिभा का झंडा बुलंद किया है वह वाकई काबिले-तारीफ है। बता दें कि उसके पिता मनोज कुमार गुप्ता दिहाड़ी मजदूर है, तो मां उषा देवी गृहिणी है। बड़ा भाई राजू एमए तो बड़ी बहन पूजा बीएससी कर रही है। पिता की आय इतनी अधिक नहीं है कि वह अपने बच्चों को महंगे स्कूलों या कोचिंग में पढ़ाए। लिहाजा रानी की पढ़ाई की शुरूआत डुमरांव के टेक्सटाईल कॉलोनी स्थित एक छोटे से स्कूल जूनियर मॉडर्न इंगलिश स्कूल से हुई। इसके बाद उसने मैट्रिक तथा प्लस टू तक की पढ़ाई महारानी उषारानी बालिका उच्च विद्यालय से की। बिना किसी कोचिंग के रानी ने नीट व बीएससी नर्सिंग का एंटेंªस इग्जाम पास कर यह साबित कर दी है कि प्रतिभा किसी परिस्थिति की मोहताज नहीं होती है।