एमबीबीएस की परीक्षा पास करते ही रितीक के परिवार में खुशी का माहौल

जब कुछ बनने की हौसला अंदर जागृत होती है तो उसे हासिल करने में कितनी ही परेशानियों का सामना करना पड़े, कोई घबड़ाता नहीं है। कुछ इसी तरह की कहानी है, बिते शुक्रवार को डाक्टरी की परीक्षा एमबीबीएस पास करने वाले रितीक राज की।

एमबीबीएस की परीक्षा पास करते ही रितीक के परिवार में खुशी का माहौल

- वर्ष 2019 में किया था नीट की परीक्षा पास, स्वामी विवेकानंद सुभारथी मेडिकल कॉलेज से किया एमबीबीएस डिग्री हासिल

केटी न्यूज/डुमरांव 

जब कुछ बनने की हौसला अंदर जागृत होती है तो उसे हासिल करने में कितनी ही परेशानियों का सामना करना पड़े, कोई घबड़ाता नहीं है। कुछ इसी तरह की कहानी है, बिते शुक्रवार को डाक्टरी की परीक्षा एमबीबीएस पास करने वाले रितीक राज की।

इसके पास करते ही घर में खुशी का माहौल तो था ही मोहल्ले और हीत-मित्रों में भी काफी उत्साह है। परिवार में जश्न मनाया जा रहा है। रीतीक के माता रंजू वर्मा और पिता बिनोद वर्मा का कहना है कि शुरू से ही इसमें पढ़ाई के प्रति काफी लगन था। यही कारण है कि हर परीक्षा को प्रथम श्रेणी से पास करता गया। फिर इंटर करने के बाद जब नीट की परीक्षा में बैठा तो पहले ही स्टेप में पास कर गया।

पास करने के बाद इसे स्वामी विवेकानंद सुभारथी मेडिकल कॉलेज, मेरठ में मिला जहां नामांकन हुआ। फिर एमबीबीएस की परीक्षाफल बिते शनिवार को घोषित हुआ तो इसका भी नाम दर्ज था। एमबीबीएस की परीक्षा पास करने के बाद इसने केटी न्यूज बात करने के दौरान बताया की मेरे सहयोगी के रूप में मेरे बड़े भाई प्रतीक नायर हमेशा साथ देते रहे।

उन्हीं की प्रेरणा से आज मैं डाक्टर बन पाया हूं। वैसे मेरे माता-पिता भी चाहते थे की मैं डाक्टरी की पढ़ाई करू। उन्होंने कहा कि डुमरांव में मेरा जेनरल सर्जरी करने के लिये काम करना है, इसका शहर में काफी अभाव है। भविष्य में ट्रामा सेंटर खोलने का विचार है, जहां लोगों को पैरवी की आवश्कयता नहीं पड़े।

इस ट्रामा सेंटर में इलाज के लिये इंतजार नहीं करना पड़ेगा। नौजवानों के लिये उन्होंने कहा की शुरू से ही पढ़ाई का एम बनाकर आगे बढ़ना चाहिए, मंजिल जरूर मिलेगी। एक सवल के जवाब में बोला की मैं विदेश में अन्य पढ़ाई के लिये जा सकता हूं, वहां बसने के लिये नहीं।