पीएचईडी की लापरवाही से हर दिन बर्बाद हो रहा है हजारों लीटर पेयजल, जर्जर हो गई कुछ माह पहले बनी सड़क
डुमरांव नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड 18 में सात निश्चय योजना के तहत पीएचईडी विभाग द्वारा बनवाया गया जलमीनार जलापूर्ति के बदले लोगों के परेशानी का सबव बन गया है। जलापूर्ति के लिए बिछाए गए पाइप के फटने से हर समय मुख्य पथ पर जलजमाव बना रहता है।
- नासूर बना जतकुटवा बस्ती के पास लगा मोटर पंप, फटे पाइप से मुख्य पथ बना झील
- वार्ड 18 के अंतर्गत आता है जतकुटवा बस्ती, बस्ती वालों का घर से निकलना हुआ मुश्किल
केटी न्यूज/डुमरांव
डुमरांव नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड 18 में सात निश्चय योजना के तहत पीएचईडी विभाग द्वारा बनवाया गया जलमीनार जलापूर्ति के बदले लोगों के परेशानी का सबव बन गया है। जलापूर्ति के लिए बिछाए गए पाइप के फटने से हर समय मुख्य पथ पर जलजमाव बना रहता है। आलम यह है कि अब इस पानी से जतकुटवा बस्ती के आधा दर्जन से अधिक घर घिर चुके है, जिससे लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है। इस कारण बस्ती वालों में व्यवस्था के प्रति गहरा आक्रोश है।
वही, मुख्य पथ पर पानी जमा रहने से कुछ माह पूर्व बनी यह सड़क भी जर्जर हो गड्ढें में तब्दील होने लगी है। जिससे आवागमन में कठिनाई हा रही है। इस जगह पर जलजमाव, कीचड़ व गड्ढें के कारण हर दिन बाइक चालक फिसलकर गिर रहे है। बस्ती वालों का कहना है कि पिछले एक पखवाड़े से यह स्थिति बनी हुई है। जिससे जीवन नारकीय बन गया है। बस्ती वालों ने बताया कि इसकी शिकायत नगर परिषद प्रशासन से की गई है। तीन दिन पूर्व मरम्मत के लिए मिस्त्री आए थे, लेकिन वे सिर्फ गड्ढा खोद उसे यूं ही छोड़ दिए है।
जिससे जलजमाव की समस्या से निजात नहीं मिल पा रही है। बस्ती के सुदर्शन गुर्जर ने बताया कि इसका पाइप काफी जर्जर है तथा हर कुछ दिन के बाद पाइप फट जाता है, जिससे जलजमाव की समस्या गंभीर हो जाती है। राजेश गुर्जर का कहना है कि इस भीषण ठंड के मौसम में घर के बाहर जलजमाव से बच्चों के स्वास्थ्य पर इसका असर पड़ रहा है। जबकि स्थानीय निवासी संटू मित्रा, मंटू सिंह, सुरेन्द्र पाल, सरीखे लोगों का कहना है कि पीएचईडी की लापरवाही से हर दिन हजारों लीटर पेयजल सड़क पर गिर बर्बाद हो रहा है तथा इससे सरकार की महत्वपूर्ण जल जीवन हरियाली योजना पर भी बट्टा लग रहा है। बता दें कि राज्य सरकार एक तरफ जल जीवन हरियाली योजना के तहत जल संरक्षण की कवायदे कर रही है तो दूसरी तरफ डुमरांव में नगर पीएचईडी की लापरवाही से हर दिन हजारों लीटर पानी जमीन पर गिर बर्बाद हो रहा है तथा इससे सड़क भी जर्जर हो रही है। जिस कारण लोगों में गहरा आक्रोश है।
निर्माण के बाद से ही घटिया मेटेरियल इस्तेमाल की हो रही है शिकायत
स्थानीय निवासिययों का कहना है कि सात निश्चय योजना के तहत इस इस जलग पर मोटर पंप पीएईडी विभाग द्वारा बनवाया गया था, लेकिन पंप के शुरू होते ही कुछ दिनों के बाद से ही जलापूर्ति वाले पाइप फटने लगे। जिससे जलजमाव की समस्या गंभीर होने लगी है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि जलापूर्ति के लिए बिछाए गए पाइप मानक के अनुरूप नहीं थे, जिस कारण पाइप बिछाने के साथ ही फटना शुरू हो गए थे। जिस कारण कुछ दिनों के बाद इस पंप से जलापूर्ति के दायरे को घटना सिर्फ जतकुटवा बस्ती तक ही सीमित कर दिया गया। जबकि पहले इस पंप से कमल नगर कॉलोनी व स्टेशन रोड में मंदिर के आस पास तक जलापूर्ति होती थी, लेकिन लगातार पाइप फटने की शिकायत के बाद विभाग द्वारा पाइप बदलने की बाजए इसका दायरा ही सिमटा दिया गया, बावजूद समस्या से निजात नहीं मिल सका।
मरम्मत भी नहीं कराता है पीएचईडी
स्थानीय निवासियों ने बताया कि यहां हर कुछ समय के बाद पाइप फटता है, लेकिन पीएचईडी विभाग कभी इसकी मरम्मत भी नहीं कराता है, बल्कि शिकायत करने पर नगर परिषद प्रशासन ही इसका मरम्मत कराता है। जबकि पीएचईडी द्वारा इसे नगर परिषद को हैंड ओवर भी नहीं किया गया है। जिससे मरम्मत की जिम्मेवारी पीएचईडी की है।
जलपुत्र ने जताई नाराजगी
जलपुत्र के नाम से विख्यात व नगर परिषद के स्वच्छता व जल जीवन हरियाली योजना के ब्रांड एंबेसडर बनाए गए अजय राय ने भी इस लापरवाही पर गहरी नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि पेयजल का हर बुंद अनमोल है। फटे पाइप के कारण कई दिनों से यहां पेयजल बर्बाद हो रहा है, यह गंभीर मामला है। संबंधित विभाग को इसे शीघ्र संज्ञान में ले पाइप को बदलना चाहिए। अजय ने कहा कि इसकी शिकायत जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल से की जाएगी।
कहते है ईओ
पीएचईडी द्वारा अभी इसे नगर परिषद को हैंड ओवर नहीं किया गया है। बावजूद कई बार नगर परिषद अपने संसाधन से इसकी मरम्मत कराते रहता है। जल्दी ही इसका मरम्मत कराया जाएगा। - मनीष कुमार, ईओ, नगर परिषद, डुमरांव