हाईकोर्ट ने लगाई बिहार में जातीय जनगणना पर रोक, चीफ जस्टिस का आदेश तत्काल प्रभाव से रोक
केटी न्यूज/ पटना
बिहार की नीतीश सरकार को बड़ा झटका लगा है। पटना हाईकोर्ट ने दो दिन के सुनवाई के बाद बिहार में जातीय जनगणना पर रोक पूर्णतः रोक तत्काल प्रभाव से लगा दी है। इस मामले में अगली सुनवाई 3 जुलाई को होगी। चीफ चीफ जस्टिस विनोद चन्द्रन ने यह आदेश पारित किया है। 24 अप्रैल को ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को पटना हाईकोर्ट जाने को कहा था। इसके बाद 2 और 3 मई को हाईकोर्ट में इस मामले में सुनवाई हुई थी। जिसके बाद चीफ चीफ जस्टिस विनोद चन्द्रन ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था। जिसे उनके द्वारा गुरूवार को सुनाया गया। गुरुवार को नीतीश कुमार ने कहा है कि जाति आधारित गणना सर्वसम्मति से कराई जा रही है। हम लोगों ने केंद्र सरकार से इसकी अनुमति ली है। हम पहले चाहते थे कि पूरे देश में जाति आधारित जनगणना हो, लेकिन जब केंद्र सरकार नहीं मानी तो हम लोगों ने जाति आधारित गणना सह आर्थिक सर्वे कराने का फैसला लिया। वहीं नीतीश सरकार के जातिगत जनगणना कराने के फैसले के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में 6 याचिकाएं दाखिल की गई थीं। इन याचिकाओं में जातिगत जनगणना पर रोक लगाने की मांग की गई थी। बिहार सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहा गया था कि तीन दिन में सुनवाई कर पटना हाई कोर्ट इस मामले में अंतरिम आदेश दे। बिहार सरकार की ओर से महाधिवक्ता पीके शाही पटना हाई कोर्ट में अपनी दलील रख रहे थे। बुधवार को हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के विनोद चंद्रन व जस्टिस मधुरेश प्रसादकी बेंच ने इनपर सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था।