पाथवेज वर्ल्ड स्कूल में हर्षाेल्लास से मना सावन उत्सव, बच्चों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने मोहा मन
डुमरांव के पूर्वी गुमटी के समीप स्थित पाथवेज वर्ल्ड स्कूल में शुक्रवार को सावन उत्सव बड़े ही पारंपरिक और सांस्कृतिक अंदाज में मनाया गया। विद्यालय परिसर पूरी तरह से हरे रंग की सजावट और बच्चों की मुस्कान से खिल उठा। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं ने भक्ति और सांस्कृतिक रंगों से सराबोर कार्यक्रमों की शानदार प्रस्तुति दी।

केटी न्यूज/डुमरांव
डुमरांव के पूर्वी गुमटी के समीप स्थित पाथवेज वर्ल्ड स्कूल में शुक्रवार को सावन उत्सव बड़े ही पारंपरिक और सांस्कृतिक अंदाज में मनाया गया। विद्यालय परिसर पूरी तरह से हरे रंग की सजावट और बच्चों की मुस्कान से खिल उठा। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं ने भक्ति और सांस्कृतिक रंगों से सराबोर कार्यक्रमों की शानदार प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम की शुरुआत स्कूल की छात्राओं द्वारा स्वागत गीत और नृत्य के साथ हुई, जिसने वातावरण को भक्तिमय बना दिया। इसके पश्चात एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए जिसमें शिव-पार्वती की झांकी, नृत्य नाटिका, सावन गीतों पर थिरकते कदम और विशेष तौर पर ष्सावन का झूलाष् आकर्षण का केंद्र रहा। बच्चों ने पारंपरिक परिधान पहन सावन के झूले का भरपूर आनंद लिया। स्कूल परिसर में लगे झूले पर बच्चों की चहक पूरे माहौल को जीवंत कर रही थी।
इस आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में बिहार सेंट्रल स्कूल बक्सर के डायरेक्टर इंजीनियर आरबी सिंह और सामाजिक कार्यकर्ता उर्मिला देवी शामिल हुए। कार्यक्रम का उद्घाटन पाथवेज वर्ल्ड स्कूल की प्रिंसिपल नेहा सिंह ने किया। संचालन रिंकी शर्मा ने किया। विद्यालय के डायरेक्टर इंजीनियर आर. राघवन ने कहा कि ऐसे आयोजनों से बच्चों में भारतीय संस्कृति, परंपरा और मूल्यों का बोध होता है, जो उनके सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक है।
कार्यक्रम में बच्चों ने पार्वती बोली भोले शंकर से, भोले तेरे रंग सांवला, मेरे भोले शंकर, छम-छम सावन में और सृष्टि को रचाया तूने जैसे भक्ति गीतों पर शानदार प्रस्तुतियां दीं। शिव-पार्वती के स्वरूप में सजे नन्हे-मुन्ने बच्चों की अदाएं देखकर उपस्थित माताएं अभिभूत हो उठीं।
इस कार्यक्रम में निशांत, जिज्ञासु, सूरज, अनन्या, रवि, धनु, अंशिका, पलक सहित जूनियर व सीनियर वर्ग के कई छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। समापन रेशम केशरी और शिवानी तिवारी ने किया। विद्यालय परिवार की ओर से बताया गया कि इस तरह के आयोजन न केवल बच्चों के रचनात्मक पक्ष को उजागर करते हैं, बल्कि सामाजिक और पारंपरिक जुड़ाव को भी मजबूत करते हैं। पूरे आयोजन में विद्यालय के शिक्षक, छात्र, अभिभावक और अन्य कर्मचारीगण मौजूद रहे और सभी ने इस सांस्कृतिक आयोजन का भरपूर आनंद लिया।