केसठ में रबी फसल प्रबंधन को लेकर किसान गोष्ठी आयोजित, पराली न जलाने की अपील
कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण बक्सर के तत्वावधान में शनिवार को केसठ प्रखंड स्थित स्थानीय ई-किसान भवन के सभागार में रबी मौसम फसल प्रबंधन को लेकर किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी की अध्यक्षता प्रखंड कृषि पदाधिकारी शिवम वर्मा ने की, जबकि संचालन प्रखंड कृषि समन्वयक हरिश्चंद्र पासवान एवं प्रखंड तकनीकी प्रबंधक डॉ. प्रफुल्ल कुमार ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम में लेखापाल प्रफुल्ल कुमार, किसान सलाहकार अमरेंद्र प्रसाद, रितेश कुमार, विजय कुमार सहित अन्य कृषि कर्मी उपस्थित रहे। गोष्ठी में बड़ी संख्या में पुरुष एवं महिला किसानों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।
केटी न्यूज/केसठ।
कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण बक्सर के तत्वावधान में शनिवार को केसठ प्रखंड स्थित स्थानीय ई-किसान भवन के सभागार में रबी मौसम फसल प्रबंधन को लेकर किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी की अध्यक्षता प्रखंड कृषि पदाधिकारी शिवम वर्मा ने की, जबकि संचालन प्रखंड कृषि समन्वयक हरिश्चंद्र पासवान एवं प्रखंड तकनीकी प्रबंधक डॉ. प्रफुल्ल कुमार ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम में लेखापाल प्रफुल्ल कुमार, किसान सलाहकार अमरेंद्र प्रसाद, रितेश कुमार, विजय कुमार सहित अन्य कृषि कर्मी उपस्थित रहे। गोष्ठी में बड़ी संख्या में पुरुष एवं महिला किसानों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।

इस अवसर पर प्रखंड कृषि पदाधिकारी शिवम वर्मा ने किसानों को कृषि विभाग की विभिन्न लाभकारी योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने फसल अवशेष प्रबंधन पर विशेष चर्चा करते हुए किसानों से पराली न जलाने की अपील की। बताया कि पराली जलाने से वायु प्रदूषण बढ़ता है, मिट्टी के पोषक तत्व नष्ट होते हैं, सूक्ष्मजीवों का विनाश होता है तथा भूमि की उर्वरता घटती है, जिससे अगली फसल की पैदावार पर प्रतिकूल असर पड़ता है। यह पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य दोनों के लिए बेहद हानिकारक है। गोष्ठी में गेहूं-धान फसल चक्र के साथ उद्यानिकी फसलों जैसे ड्रैगन फ्रूट, अमरूद, केला आदि की खेती पर भी जानकारी दी गई। साथ ही गेहूं फसल उत्पादन की आधुनिक तकनीकों से किसानों को अवगत कराया गया।

किसानों से फार्मर रजिस्ट्री कराने का आग्रह करते हुए बताया गया कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लेने वाले पुराने एवं नए सभी किसानों के लिए फार्मर रजिस्ट्री अनिवार्य है। बिना रजिस्ट्री के किसान योजना के लाभ से वंचित रह सकते हैं। इसके लिए पंचायत के हल्का कर्मचारी, जन सेवा केंद्र या कृषि विभाग कार्यालय में जाकर पंजीकरण कराने की सलाह दी गई। इसके अलावा यंत्रीकरण योजना के तहत आवेदन प्रक्रिया की भी जानकारी दी गई। गोष्ठी के अंत में किसानों ने कृषि अधिकारियों से सवाल-जवाब कर अपनी समस्याएं रखीं। मौके पर बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे।
