सिंचाई संकट और बिजली कटौती के खिलाफ किसानों का फूटा गुस्सा, कोरानसराय चौक पर दिया धरना
डुमरांव प्रखंड के कोरानसराय प्रमुख चौक पर गुरुवार को स्थानीय किसानों और विद्युत उपभोक्ताओं ने सिंचाई व्यवस्था की बदहाली और बिजली की लगातार कटौती के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन करते हुए एकदिवसीय धरना दिया। यह विरोध प्रदर्शन सर्वदलीय किसान मोर्चा के बैनर तले आयोजित हुआ, जिसकी अध्यक्षता किसान नेता संतोष दुबे ने व संचालन अगस्त उपाध्याय ने किया।

केटी न्यूज/डुमरांव
डुमरांव प्रखंड के कोरानसराय प्रमुख चौक पर गुरुवार को स्थानीय किसानों और विद्युत उपभोक्ताओं ने सिंचाई व्यवस्था की बदहाली और बिजली की लगातार कटौती के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन करते हुए एकदिवसीय धरना दिया। यह विरोध प्रदर्शन सर्वदलीय किसान मोर्चा के बैनर तले आयोजित हुआ, जिसकी अध्यक्षता किसान नेता संतोष दुबे ने व संचालन अगस्त उपाध्याय ने किया।
धरने में उपस्थित दर्जनों किसानों ने सिंचाई विभाग के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आरोप लगाया कि डुमरांव सिकरौल राजवाहा और भोजपुर डुमरांव राजवाहा में महीनों से पानी नहीं छोड़ा गया है। इस कारण क्षेत्र के किसान धान की रोपनी नहीं कर पा रहे हैं, जबकि खेत सूखने की कगार पर हैं। किसानों ने बताया कि सिंचाई के लिए बनाए गए सरकारी नलकूप भी वर्षों से बंद पड़े हैं, जिससे उनकी परेशानियां कई गुना बढ़ गई हैं।
धरना स्थल पर मौजूद किसान नेता संतोष दुबे ने कहा कि किसान इस देश के अन्नदाता हैं, लेकिन सरकार की नीतिगत उपेक्षा और प्रशासनिक लापरवाही ने उन्हें आत्महत्या की कगार पर ला खड़ा किया है। जब नहरों से पानी नहीं छोड़ा जा रहा और नलकूप भी खराब हैं, तो किसान आखिर फसल कैसे लगाएं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही दोनों रजवाहों में पानी नहीं छोड़ा गया, तो आंदोलन को जिला मुख्यालय तक ले जाया जाएगा।
उधर, बिजली कटौती को लेकर भी उपभोक्ताओं ने जमकर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने बताया कि डुमरांव और आसपास के इलाकों में हर दिन घंटों बिजली गुल रहती है, जिससे आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। दुकानदार, मजदूर, किसान सभी इस उमस भरी गर्मी में बेहाल हैं।
धरने में उपस्थित अगस्त उपाध्याय ने कहा कि विभागों की लापरवाही अब बर्दाश्त से बाहर हो गई है। अगर जल्द ही बिजली आपूर्ति बहाल नहीं की गई और सिंचाई व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ, तो हम विद्युत कार्यालय का घेराव करेंगे।
धरने में कई स्थानीय ग्रामीण व किसान नेता शामिल हुए, जिनमें प्रमुख रूप से सुगम तिवारी, विष्णु पासवान, अयोध्या प्रसाद, मुन्ना सिंह, ओम प्रकाश राम, संतोष कुमार, मुतुन यादव, विनोद तिवारी, शुभम कुमार, चंदन कुमार, भरत तिवारी, कृष्णा गुण, हलचल प्रसाद, मनजीत सिंह, मुकेश कुमार, नारायण शाह, मुकेश वर्मा, कृष्णा सोनार और निरंजन दुबे शामिल रहे।
सभी प्रदर्शनकारियों ने एक स्वर में घोषणा की कि जब तक सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा। किसानों ने कहा कि उनकी लड़ाई केवल सिंचाई और बिजली की नहीं, बल्कि अपने अस्तित्व और भविष्य की है।