डुमरांव में तेज हुआ बाईपास निर्माण का प्रयास, कराया गया मापी
डुमरांव में बहुप्रतिक्षित बाईपास सड़क निर्माण की प्रकिया तेज हो गई है। सोमवार को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत डुमरांव व भोजपुर कदीम मौजा के अंतर्गत आने वाले भू-भाग की मापी कराई गई। इस दौरान भू-अर्जन पदाधिकारी व डुमरांव सीओ के साथ ही दोनों विभागों के कई कर्मी मौजूद थे। मौके पर चिन्हित भूखंडों के कई रैयतदार भी पहुंचे थे।

- भू-अर्जन विभाग व अंचल प्रशासन के द्वारा कराया गया डुमरांव व भोजपुर कदीम मौजा की मापी, अबतक कुल 502 में मात्र 13 रैयतों ने दिए है आवेदन
केटी न्यूज/डुमरांव
डुमरांव में बहुप्रतिक्षित बाईपास सड़क निर्माण की प्रकिया तेज हो गई है। सोमवार को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत डुमरांव व भोजपुर कदीम मौजा के अंतर्गत आने वाले भू-भाग की मापी कराई गई। इस दौरान भू-अर्जन पदाधिकारी व डुमरांव सीओ के साथ ही दोनों विभागों के कई कर्मी मौजूद थे। मौके पर चिन्हित भूखंडों के कई रैयतदार भी पहुंचे थे।
मिली जानकारी के अनुसार मापी की शुरूआत डुमरांव मौजा से हुई। इस दौरान चिन्हित भू-भाग की मापी भू-अर्जन व अंचल के अमीनों द्वारा की गई। मौके पर अंचल कार्यालय के राजस्व कर्मचारी संजय कुमार यादव, भू अर्जन कार्यालय के अमीन अमलेश कुमार, जनार्दन सिंह, अंचल कार्यालय के अमीन गोपी कुमार और दीनबंधु मौजूद रहें। राजस्व कर्मचारी ने बताया कि बनकट और पुरैनी मौजा भूखंडों के मापी की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। डुमरांव और भोजपुर कदीम मौजा के भूमि की मापी जल्द ही पूरी कर इसकी रिपोर्ट वरीय पदाधिकारियों को दे दी जाएगी।
बता दें कि टेढ़की पवुल से बनकट, महरौरा, खिरौली व भोजपुर कदीम के बाधार से होता हुआ करीब साढ़े पांच किलोमीटर लंबा बाईपास सड़क पुराना भोजपुर के पास जाकर एनएच 922 से मिल जाएगा। यह बाईपास सड़क डुमरांव शहर को बाईपास करते हुए एनएच 120 को एनएच 922 से जोड़ने का काम करेगा। इसका निर्माण कार्य पूरा होने के बाद शहर में लगने वाले भयंकर जाम से जहां मुक्ति मिल जाएगी, वहीं, ट्रक तथा अन्य वाहन चालकों को भी पूरे दिन नो इंट्री टूटने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। माना जा रहा है
कि बाईपास सड़क का निर्माण कार्य पूरा होने से शहर की टैªफिक व्यवस्था सुदृढ़ होगी तथा शहरवासियों व स्थानीय व्यवसायियों को जाम के झाम से मुक्ति मिल जाएगी। यही कारण है कि बाईपास निर्माण की प्रक्रिया शुरू होते ही शहरवासियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। शहरवासी पिछले दो दशक से एक अदद बाईपास सड़क की मांग कर रहे थे। बाईपास के अभाव में स्टेशन रोड में हर दिन घंटो जाम लगता था।
अभी भी उदासीन बने हुए है रैयतदार
भले ही इस बाईपास सड़क की मांग शहरवासी पिछले दो दशक से करते आ रहे है, लेकिन इसके निर्माण के प्रति रैयतदार उदासीन बने हुए है। प्रशासन का कहना है कि यदि रैयतदारों ने सहयोग किया होता तो अबतक इस महत्वपूर्ण सड़क का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया होता है।
रैयतदारों की उदासीनता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अबतक कुल 502 रैयतदारों में से मात्र 13 ने ही अपनी जमीन के मुआवजा के लिए आवेदन दिया है। शेष किसान उदासीन बने हुए है। हालांकि, प्रशासन द्वारा अब उनकी परवाह छोड़ मापी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
सीओ शमन प्रकाश ने बताया कि भोजपुर मौजा के चिन्हित सभी भूखंडों के सीमांकन का कार्य पूरा कर लिया गया है। मापी की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जिसके बाद रैयतदारों का हिस्से की मापी की जाएगी। सभी प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद इसकी रिपोर्ट वरीय पदाधिकारियों को सौंप दी जाएगी। हालांकि भूखंडों के सीमांकन में कुछ बाधाएं अंचल कार्यालय के सामने आ रही हैं।
कई रैयतदारों की रशीद सर्वे से कट रही है, जबकि चक संपुष्ट नहीं हुआ है। ऐसे में अंचल प्रशासन इन सभी समस्याओं का निदान करने में जुटा हुआ है। सीओ ने बताया कि भूमि मापी की प्रक्रिया में आने वाली सभी बाधाओं को दूर कर इसकी सटीक रिपोर्ट विभाग को सौंपना अंचल प्रशासन की प्राथमिकता है।
वर्ष 2020 में ही दाउदनगर से डुमरांव तक एनएच 120 के चौड़ीकरण के क्रम में एनएच डिविजन के द्वारा इस सड़क पर बाईपास की स्वीकृति दी गई गई थी। इसे सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा स्वीकृत करते हुए भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना प्रकाशित करने के बाद भूमि अधिग्रहण के लिए मार्च 2023 में ही राशि भी उपलब्ध करा दी गई थी,
लेकिन भूखंड चिन्हित होने के बावजूद रैयतदारों ने कम रेट का हवाला दे मुआवजे की राशि कम होने की बात कहकर आवेदन नहीं दिया था।