11 साल बाद आया चर्चित ’’चिल्हमरवा कांड’’ में बड़ा फैसला, माले के दो विधायक सहित 10 बरी

जिला कोर्ट ने 30 मार्च को ’’चर्चित चिल्हमरवा कांड’’ में माले के दो विधायक अमरजीत कुशवाहा और सत्यदेव राम को दोष मुक्त करार कर दिया

11 साल बाद आया चर्चित ’’चिल्हमरवा कांड’’ में बड़ा फैसला, माले के दो विधायक सहित 10 बरी
Chilhamarwa case

केटी न्यूज/सीवान 

जिला कोर्ट ने 30 मार्च को ’’चर्चित चिल्हमरवा कांड’’ में माले के दो विधायक अमरजीत कुशवाहा और सत्यदेव राम को दोष मुक्त करार कर दिया है। सीवान व्यवहार न्यायालय के एमपी, एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश नरेंद्र कुमार ने माले के दोनों विधायक समेत 9 लोगों को दोष मुक्त करार दिया। जीरादेई के विधायक अमरजीत कुशवाहा और दरौली विधायक सत्यदेव राम समेत 9 लोगों को बरी कर दिया है।इस फैसले के बाद माले कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर है।

क्या है पूरा मामला

सीवान जिला के गुठनी थाना क्षेत्र के चिल्हमरवा गांव में गैरमजरूआ भूमि को लेकर मामला शुरू हुआ था। चिल्हमरवा गांव निवासी संतोष तिवारी ने कथित तौर अपनी जमीन को गांव के ही लोगों से बेचना शुरू कर दी। तब भाकपा माले समर्थित कुछ लोगों ने उक्त जमीन को गैरमजरूआ करार देते हुए संतोष तिवारी को कब्जाने से रोक दिया। संतोष तिवारी उक्त जमीन पर अपना लगान रशीद सहित अन्य कागजात दिखाए । भाकपा माले समर्थित कार्यकर्ताओ ने डीसीएलआर को इसकी सूचना दी। जिला प्रशासन उक्त भूमि को गैरमजरूआ करार देने के बाद चिल्हमरवा गांव के माले समर्थित लोगों ने 5 जुलाई 2013 को उक्त भूमि पर झोपड़ी डालकर कर कब्जा कर लिया। इसके खिलाफ गांव के ही कुछ लोगों ने विरोध किया था। विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों पक्षों से गोलीबारी और बमबारी शुरू हो गई और दो लोगों की मौत हो गई थी।

जुलाई 2013 में घटी थी घटना

पुलिस तथा प्रशासन की मौजूदगी में भूमि विवाद को लेकर दोनो पक्षों में भीषण गोलीबारी हो गई थी।जुलाई 2013 में घटी इस घटना को जिला प्रशासन और पुलिस रोकने में असफल रही थी।  इस घटना में सोहगरा निवासी मुकेश सिंह तथा बेलौर पंचायत के तत्कालीन मुखिया अमर सिंह के पुत्र राजू सिंह की गोली लगने से मौत हो गई थी। इस मामले में माले नेता सह वर्तमान जीरादेई विधायक अमरजीत कुशवाहा और दरौली के विधायक सत्यदेव राम सहित 10 नामजद व 15 अज्ञातों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करवाई थी। सुनवाई के बाद आज 11 वर्ष बाद फैसला आया है।