सावन से पहले रामरेखा घाट मार्ग पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई बनी टकराव का कारण, दुकानदारों में नाराजगी
सावन माह की शुरुआत से पूर्व बक्सर जिले में रामरेखा घाट तक जाने वाले मार्ग को अतिक्रमण मुक्त करने की प्रशासनिक कार्रवाई ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। यह घाट गंगा स्नान और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए प्रसिद्ध है, जहां सावन में हजारों की संख्या में श्रद्धालु जलाभिषेक के लिए पहुंचते हैं।

-- धार्मिक अनुष्ठानों के लिए प्रसिद्ध है रामरेखा घाट, सोमवारी पर जलाभिषेक करने के लिए रविार को दोपहर बाद से ही उमड़ी है श्रद्धालुओं की भीड़
केटी न्यूज/बक्सर
सावन माह की शुरुआत से पूर्व बक्सर जिले में रामरेखा घाट तक जाने वाले मार्ग को अतिक्रमण मुक्त करने की प्रशासनिक कार्रवाई ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। यह घाट गंगा स्नान और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए प्रसिद्ध है, जहां सावन में हजारों की संख्या में श्रद्धालु जलाभिषेक के लिए पहुंचते हैं।
ऐसे में श्रद्धालुओं की सुविधा और निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने शनिवार को अतिक्रमण हटाने की मुहिम शुरू की। नगर परिषद की टीम ने जेसीबी मशीन की मदद से सड़क किनारे लगे ठेले, टीन शेड और अन्य अस्थायी दुकानों को हटाया। हालांकि, यह कार्रवाई स्थानीय दुकानदारों को रास नहीं आई। उनका आरोप है कि बिना किसी पूर्व नोटिस या वैकल्पिक व्यवस्था के उनके व्यवसाय को नुकसान पहुंचाया गया है।
रविवार सुबह नाराज दुकानदारों ने रामरेखा घाट जाने वाले मुख्य मार्ग को जाम कर दिया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शन कर रहे दुकानदारों का कहना था कि अतिक्रमण हटाने के नाम पर सिर्फ छोटे व्यापारियों को ही निशाना बनाया जा रहा है, जबकि बड़े प्रतिष्ठानों को नजरअंदाज किया जा रहा है। दुकानदार अजय कुमार ने बताया कि वर्षों से उनका व्यवसाय इस मार्ग पर चल रहा है
और अचानक बिना चेतावनी के उनकी दुकान तोड़ दी गई, जिससे उनके परिवार की रोजी-रोटी पर संकट आ गया है। उन्होंने प्रशासन से वैकल्पिक स्थल प्रदान करने या उचित मुआवजे की मांग की। वहीं, प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि श्रद्धालुओं की सुविधा सर्वाेपरि है। सार्वजनिक रास्ते पर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण न केवल कानूनन गलत है,
बल्कि आमजन की परेशानी का कारण भी बनता है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई किसी के विरुद्ध व्यक्तिगत नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए की जा रही है कि सावन माह में श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।हालात को देखते हुए प्रशासन और दुकानदारों के बीच बातचीत की संभावना जताई जा रही है ताकि धार्मिक अवसर के दौरान शांति और सहयोग बना रहे।
-- सोमवारी पर बाबा ब्रह्मेश्वरनाथ को जलाभिषेक के लिए उमड़ती है भीड़
बता दें कि सावन के पावन महीने में कांवरिए शिवभक्त प्रत्येक रविवार को रामरेखा घाट से गंगाजल लेकर पैदल ब्रह्मपुर जा बाबा ब्रह्मेश्वरनाथ को जलाभिषेक करते है। इस कारण रविवार को दोहपर बाद से ही रामरेखा घाट पर श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगने लगता है।
हजारों की संख्या में श्रद्धालु रामरेखा घाट पहुंच गंगा स्नान के बाद जल लेकर ब्रह्मपुर के लिए निकलते है। जिस कारण रामरेखा घाट पर भारी भीड़ उमड़ी रहती है। वहीं, रास्ते में अतिक्रमण के कारण श्रद्धालुओं को अक्सर परेशानी का सामना करना पड़ता है। जिसे देखते हुए प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाया गया है।