एक शाम शहीदों के नाम डुमरांव में संगीत और सम्मान का संगम

डुमरांव के सर्किट हाउस परिसर में रविवार की शाम देशभक्ति से ओत-प्रोत एक भावपूर्ण आयोजन "एक शाम शहीदों के नाम" संपन्न हुआ। यह कार्यक्रम स्वतंत्रता संग्राम के अमर शहीदों की स्मृति को समर्पित था, जिसमें गीत, संगीत और कविता के माध्यम से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। आयोजन का उद्देश्य केवल सम्मान प्रकट करना नहीं, बल्कि नई पीढ़ी को वीरों के बलिदान की याद दिलाना भी था।

एक शाम शहीदों के नाम  डुमरांव में संगीत और सम्मान का संगम

केटी न्यूज़/डुमरांव 

डुमरांव के सर्किट हाउस परिसर में रविवार की शाम देशभक्ति से ओत-प्रोत एक भावपूर्ण आयोजन "एक शाम शहीदों के नाम" संपन्न हुआ। यह कार्यक्रम स्वतंत्रता संग्राम के अमर शहीदों की स्मृति को समर्पित था, जिसमें गीत, संगीत और कविता के माध्यम से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। आयोजन का उद्देश्य केवल सम्मान प्रकट करना नहीं, बल्कि नई पीढ़ी को वीरों के बलिदान की याद दिलाना भी था।

कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जिसे गृह विभाग के लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी सह क्षेत्रीय सैनिक कल्याण निगम अधिकारी राजेश वर्मा, डुमरांव एसडीएम राकेश कुमार और बीडीओ संदीप कुमार पांडेय ने संयुक्त रूप से किया। उद्घाटन के बाद मंच पर जब देशभक्ति गीत और कविताएं गूंजने लगीं, तो माहौल एकाएक भावनाओं से भर उठा।

एसडीएम राकेश कुमार ने अपने वक्तव्य में डुमरांव के ऐतिहासिक योगदान को रेखांकित करते हुए 16 अगस्त 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन की घटना का उल्लेख किया, जिसमें चार स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। उन्होंने कहा कि यह आयोजन उन वीरों को जीवंत स्मरण देने का सशक्त प्रयास है।

कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां अत्यंत प्रभावशाली रहीं। गायक बृजेश कुमार, साधना झा और अशोक कुमार ने लक्ष्मीकांत झा (आर्गन) और पप्पू राज (ढोलक) की संगत में देशभक्ति गीतों से श्रोताओं का मन मोह लिया। वहीं नृत्य कलाकार पवन कुमार की भावनात्मक प्रस्तुति ने दर्शकों को अभिभूत कर दिया।

कार्यक्रम का संचालन सरोज कुमार सुमन ने अत्यंत प्रभावशाली ढंग से किया, जिन्होंने अपनी ऊर्जावान शैली से मंच को जीवंत बनाए रखा। विशेष बात यह रही कि प्रशासनिक अधिकारी भी कलाकारों के रूप में मंच पर उतरे। एसडीएम राकेश कुमार और सिमरी बीडीओ लोकेंद्र नाथ यादव समेत कई अधिकारियों ने स्वयं गीत गाकर शहीदों को संगीतमय श्रद्धांजलि दी, जिससे आयोजन में एक अनूठी आत्मीयता जुड़ गई।

कार्यक्रम में नगर के गणमान्य नागरिकों, शिक्षकों, समाजसेवियों और बड़ी संख्या में आम जनता की उपस्थिति ने यह सिद्ध किया कि शहीदों की स्मृति अब भी जनमानस में गहराई से जीवित है।