डॉक्टर की कमी से बंद पड़ा है भरियार व अरक का स्वास्थ्य उपकेंद्र
एक तरफ राज्य सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ावा दे रही है। पंचायत स्तर पर स्वास्थ्य उपकेन्द्र बनाए गए है। लेकिन, दियारा इलाके में शामिल चक्की प्रखंड के भरियार व अरक पंचायत के स्वास्थ्य उपकेन्द्र में डॉक्टरों की प्रतिनियुक्ति नहीं होने से इसका लाभ क्षेत्रिय लोगों को नहीं मिल रहा है। वही, दोनों स्वास्थ्य उपकेन्द्रों में जरूरी दवाओं का अभाव में मरीजों के परेशानी का कारण बना है।
केटी न्यूज/चक्की
एक तरफ राज्य सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ावा दे रही है। पंचायत स्तर पर स्वास्थ्य उपकेन्द्र बनाए गए है। लेकिन, दियारा इलाके में शामिल चक्की प्रखंड के भरियार व अरक पंचायत के स्वास्थ्य उपकेन्द्र में डॉक्टरों की प्रतिनियुक्ति नहीं होने से इसका लाभ क्षेत्रिय लोगों को नहीं मिल रहा है। वही, दोनों स्वास्थ्य उपकेन्द्रों में जरूरी दवाओं का अभाव में मरीजों के परेशानी का कारण बना है।
बताया जाता है कि भरियार स्वास्थ्य उपकेंद्र में सीएचओ संजय प्रसाद के तबादले के बाद से हालात और खराब हो गए हैं। ग्रामीणों के अनुसार, पिछले पंद्रह दिनों से इस केंद्र में कोई सीएचओ नहीं आया है। वहीं, अरक का स्वास्थ्य उपकेंद्र भी कभी-कभी ही खुलता है।
गांव के राम कुमार सिंह, सुधीर कुमार, और रामजी सिंह ने बताया कि महीने में शायद एक-दो बार उपकेंद्र खुलता है। ग्रामीणों का स्वास्थ्य इन केंद्रों पर निर्भर है, लेकिन डॉक्टरों की अनुपस्थिति और दवाओं की कमी ने स्थिति को और विकट बना दिया है। उन्होंने कहा, ष्सरकार की पहल तो सराहनीय है, लेकिन व्यवस्था की खामियों ने हमें निराश किया है।
उन्होंने कहा, सी एच ओ के भरोसे गांव के स्वास्थ्य कटघरे मे हैं। सरकार को डॉक्टर बहाल कर अच्छी स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करानी चाहिए। कब तक सी एच ओ के बदौलत स्वास्थ्य उपकेंद्र चलेगा। सरकार इसपर पहल करें। सी एच ओ समय पर नहीं आते, और जब आते भी हैं तो दवाएं उपलब्ध नहीं होतीं। ग्रामीणों ने बताया कि गंभीर बीमारियों के मामलों में इन्हीं केंद्रों पर इलाज की उम्मीद रहती है, लेकिन डॉक्टरों और दवाओं की कमी के चलते मरीजों को या तो बक्सर जाना पड़ता है
या फिर निजी क्लीनिकों का सहारा लेना पड़ता है। इससे आर्थिक बोझ भी बढ़ रहा है। सरकार ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के लिए प्रयासरत है, लेकिन स्थानीय स्तर पर लचर व्यवस्था और लापरवाही से योजनाएं जमीन पर असरहीन साबित हो रही हैं।