बक्सर : डीएम के निर्देश पर अवैध अल्ट्रासाउंडों के खिलाफ चला अभियान बिना निबंधन के चल रहे दो जांच हुए सील, तीन से स्पष्टीकरण
डर - बक्सर में अल्ट्रासाउंडों वोर्ड को काला प्लासिट ढ़का गया
- चिकित्सा पदाधिकारी व बीडीओ ने चलाया था अभियान
- शहर में कुकुरमुत्तें की तरह उग आए है कई पैथोलॉजी सेंटर
केटी न्यूज/डुमरांव
सोमवार को डुमरांव में संचालित होने वाले पैथोलॉजी सेंटरों की जांच प्रशासन व स्वास्थ विभाग की टीम द्वारा की गई। इस जांच में बड़े पैमाने पर अनियमित तरीके से जांच घरों के संचालन की पुष्टि हुई। इस दौरान शहर के दो अल्ट्रा साउंड एंड पैथोलॉजी सेंटर बिना निबंधन के ही संचालित होते पाए गए। जिसके बाद उन्हें सील कर एफआईआर की तैयारी की जा रही है।
वही तीन ऐसे पैथोलॉजी सेंटर थे जो या तो प्रशासन के डर से अपना सेंटर बंद कर दिए थे या फिर जांच के दौरान उनके यहां कोई डाक्टर नहीं मिले। जिसके बाद तत्काल उनके लैब में ताला बंद कर स्पष्टीकरण पूछा गया हैं। प्रशासन व स्वास्थ विभाग की इस कार्रवाई से पैथोलॉजी संचालकों की मुश्किलें बढ़ी रही। कई पैथोलॉजी संचालक तो अपनी दुकान बंद कर फरार हो गए थे। हालांकि इस दौरान तीन लैब जांच में मानक पर खरें भी उतरे है। छापेमारी का नेतृत्व बीडीओ संतोष कुमार, चिकित्सा पदाधिकारी डा आरबी प्रसाद व डुमरांव थानाध्यक्ष बिंदेश्वर राम कर रहे थे।
जानकारी के अनुसार डीएम के निर्देश पर सोमवार को बीडीओ व चिकित्सा पदाधिकारी ने बारी बारी से शहर के सभी पैथोलॉजी सेंटरों की जांच की। इस दौरान अपोलो अल्ट्रा साउंड तथा पूजा पैथोलॉजी एंव जांच घर को बिना निबंधन के संचालित होते पाया गया। जिसे तत्काल सील कर दिया गया। दोनों जांच घरों पर एफआईआर दर्ज करने की तैयारी की जा रही थी। वही अराध्याया अल्ट्रा साउंड एंड पैथोलॉजिक सेंटर, न्यू मां अल्ट्रा साउंड तथा वैष्णवी अल्ट्रा साउंड के बिना मानक संचालित होने पर स्पष्टीकरण पूछा गया है। बताया जाता है कि इनमें किसी के यहां डाक्टर नहीं थे तो कोई जांच की डर से अपने संेटर को बंद कर दिया था। जिस कारण स्पष्टीकरण पूछा गया है। संतोषजनक जबाव नहीं देने वालों के लैब को सील कर एफआईआर दर्ज कराया जाएगा। जबकि सविता एक्सरे, इंडियन अल्ट्रासाउंड तथा अंबे अल्ट्रा साउंड को जांच में सही पाया गया। प्रशासन के इस अभियान से पैथोलॉजी सेंटर चलाने वालों में हड़कंप मच गया हैं। मंगलवार को प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में जांच अभियान चलाया जाएगा।
शहर में कुकुरमुत्ते की तरह उग आए है पैथोलॉजी सेंटर
बता दें कि डुमरांव में दो दर्जन से अधिक अल्ट्रासाउंड खुल गए है। आकड़ो की मानें तो सिर्फ 10 के पास ही निबंधन है। वही जिनके पास निबंधन है, वो भी मानक को पूरा नहीं करते है। जानकारों का कहना है कि अधिकांश लैब बिना डाक्टर व तकनीशियन के ही संचालित हो रहे है। जहां न तो मरीजों की ठीक से जांच की जा रही हैं और न ही उनके रिपोर्ट ही सही आ रहे हैं।
रोक के बावजूद हो रहा है भू्रण परीक्षण
जानकारों की मानें तो शहर में अवैध तरीके से संचालित हो रहे जांच घरों में रोक के बावजूद धड़ल्ले से भ्रूण परीक्षण किया जा रहा है। जो लैब संचालकों की गाढ़ी कमाई का मुख्य जरिया हैं। स्वास्थ विभाग व स्थानीय प्रशासन की चुप्पी से वर्षों से इना धंधा फल फूल रहा था। बता दें कि अधिकांश लैब शहर के मुख्य पथ स्टेशन रोड के किनारे ही संचालित होते है। लेकिन वर्षों से इनकी जांच नहीं की गई थी। जिस कारण ये मरीजों का जमकर शोषण कर रहे थे। जानकार बताते है कि यदि गहराई से जांच की जाए तो अभी कई और चौकाने वाली बातें सामने आ सकती है।
बिना निबंधन चलने वाले दो जांच घरों को सील कर दिया गया है। उनपर एफआईआर दर्ज कराया जाएगा। वही बिना डाक्टर संचालित हो रहे तथा जांच के दौरान बंद पाए गए लैब संचालकों से स्पष्टीकरण पूछा गया है। संतोषजनक जबाव नहीं मिलने पर उचित कार्रवाई की जाएगी। -
डा आरबी प्रसाद, चिकित्सा पदाधिकारी, डुमरांव पीएचसी