खसरा रूबेला से बचाव के लिए टीका से वंचित बच्चों को किया जाएगा टीकाकृत

खसरा रूबेला से बचाव के लिए टीका से वंचित बच्चों को किया जाएगा टीकाकृत

- एमआर के प्रथम एवं दूसरे डोज से वंचित बच्चों को किया गया है चिह्नित
- जिले में 2200 के आसपास बच्चे एमआर वैक्सीन के प्रथम एवं दूसरे खुराक से हैं वंचित 

सासाराम | दिसम्बर 2023 तक देश से खसरा व रूबेला बीमारी को जड़ से मिटाने के लिए केंद्र सरकार के साथ-साथ रोहतास जिला स्वास्थ्य स्वास्थ समिति ने भी कमर कस ली है। रोहतास जिले में इसके लिए जनवरी 2023 के शुरुआती हफ्ते से ही कवायद शुरू कर दी गई है। इधर आशा कर्मियों के सहयोग से जिले में खसरा और रूबेला टीका से वंचित बच्चों को चिह्नित करने का के कार्य भी समाप्त कर लिया गया है। चिह्नित बच्चों की रिपोर्ट को संग्रहित करके राज्य स्वास्थ्य स्वास्थ समिति को भेजने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। इसके अलावा सर्वे के दौरान टीका से वंचित पाए गए बच्चों को टीकाकरण करने की भी प्रक्रिया जल्द शुरू कर दी जाएगी। जिला प्रतिरक्षण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 31 जनवरी तक सभी चिह्नित बच्चों को टीकाकरण करने की प्रकिया पूरी कर लेनी है। जिले में 2200 के आसपास वैसे बच्चों को चिह्नित किया गया है जो खसरा एवं रूबेला के प्रथम या दूसरे डोज से वंचित हैं। वैसे बच्चों को नियमित टीकाकरण के दौरान बच्चे के नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर टीकाकरण कराया जाएगा।

नियमित टीकाकरण के दौरान दिया जाता है टीका
पांच वर्ष के कम आयु के बच्चों को खसरा एवं रूबेला बीमारी से बचाने के लिए टीकाकरण किया जाता है। जो नियमित टीकाकरण में शामिल हैं। इसके जानकारी देते हुए यूनिसेफ के एसएमसी डॉ असजद इकबाल सागर ने बताया कि पांच साल के बच्चे बच्चो को  एम आर के दो टीके लगाए जाते हैं है। पहला टीका बच्चे के नौ माह पूर्ण होने पर दसवें दसवे महीने में लगाया जाता है। वहीं ही दूसरी खुराक 16 से 24 महीने के की बीच पड़ता है। दोनों टीका देने पर बच्चा पूरी तरह समूर्ण प्रतिरक्षित हो जाता है। 

बच्चों के लिए जानलेवा है खसरा एवं रूबेला
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ आरकेपी साहू ने बताया कि खसरा रूबेला बच्चों में होने वाली बीमारी है। इस बीमारी में बच्चों के शरीर पर लाल रंग के दाने आते हैं। उन्होंने बताया कि की अगर बच्चों के शरीर पर लाल रंग के दाने या फोड़े फुंसी जैसे लक्षण दिखाई दे तो उसे नजरंदान न करें। क्योंकि की यह खसरा का लक्षण हो सकता है। उन्होंने उन्हीने बताया कि ऐसे लक्षण दिखने पर तत्काल सरकारी अस्पताल में संपर्क करें अन्यथा यह बच्चों के लिए घातक साबित हो सकता है। 

एमआर से पीड़ित बच्चे मिलने पर किया जाएगा टीकाकरण 
डॉ आरकेपी साहू ने बताया कि दिसम्बर 2023 तक खसरा रूबेला को जड़ से मिटाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि की जिस क्षेत्र में खसरा एवं रूबेला से पीड़ित एक भी बच्चा पाया गया तो  उस क्षेत्र में अभियान चला कर आसपास रहने वाले वाले सभी बच्चों को एमआर का टीका दिया जायेगा ग ताकि इस बीमारी को जड़ से खत्म किया जा सके।