लखनऊ: रमाबाई अंबेडकर मतगणना स्थल पर सपा और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच हुई मारपीट, सपा कार्यकर्ता का सिर फटा

रमाबाई अंबेडकर मतगणना स्थल के बाहर समाजवादी पार्टी (सपा) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कार्यकर्ताओं के बीच जोरदार मारपीट हो गई। इस संघर्ष में सपा के एक कार्यकर्ता का सिर फट गया, जिसके बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई।

लखनऊ: रमाबाई अंबेडकर मतगणना स्थल पर सपा और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच हुई मारपीट, सपा कार्यकर्ता का सिर फटा

केटी न्यूज़, ऑनलाइन डेस्क: लखनऊ, रमाबाई अंबेडकर मतगणना स्थल के बाहर समाजवादी पार्टी (सपा) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कार्यकर्ताओं के बीच जोरदार मारपीट हो गई। इस संघर्ष में सपा के एक कार्यकर्ता का सिर फट गया, जिसके बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों को अलग किया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, मतगणना के दौरान चुनावी नतीजों को लेकर सपा और बीजेपी कार्यकर्ताओं में कहासुनी शुरू हो गई थी, जो बाद में हाथापाई में बदल गई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर लात-घूंसे चलाए, जिससे मतगणना स्थल के बाहर अफरातफरी का माहौल बन गया। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता के सिर पर गंभीर चोट आई, जिससे वह लहूलुहान हो गया।

घटना के बाद सपा कार्यकर्ताओं में भारी रोष फैल गया और उन्होंने बीजेपी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने तुरंत हस्तक्षेप किया और दोनों पक्षों को अलग-अलग किया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को शांत करने का प्रयास किया और घायल सपा कार्यकर्ता को तुरंत चिकित्सा सहायता के लिए अस्पताल भेजा गया।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि मतगणना के दौरान वोटों का मार्जिन कम होने और लगातार आ रहे रूझानों को लेकर दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं में तनातनी बढ़ गई थी। इसी बीच, बहस ने उग्र रूप ले लिया और मारपीट शुरू हो गई। घटना से मौके पर मौजूद अन्य लोगों में भी भय का माहौल उत्पन्न हो गया।

गौरतलब है कि लखनऊ के रमाबाई अंबेडकर स्थल पर मतगणना चल रही है, जहां सपा और बीजेपी के सैकड़ों कार्यकर्ता एकत्रित हुए थे। चुनावी नतीजों को लेकर दोनों दलों के कार्यकर्ताओं में पहले से ही तनाव की स्थिति थी, जो इस हिंसक घटना के रूप में सामने आई। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त बल बुलाया और मतगणना स्थल की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

इस घटना ने चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। समाजवादी पार्टी के नेताओं ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। वहीं, बीजेपी की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है और सभी संबंधित पक्षों से पूछताछ की जा रही है।

लखनऊ में ऐसी घटनाओं का होना न केवल लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए हानिकारक है, बल्कि इससे आम जनता में भी भय और असुरक्षा का माहौल बनता है। प्रशासन को इस तरह की घटनाओं पर कड़ी निगरानी रखते हुए तुरंत और प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

संपूर्ण घटना ने राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं के बीच बढ़ते तनाव और हिंसा की प्रवृत्ति को उजागर किया है, जो लोकतंत्र के लिए एक गंभीर चुनौती है। प्रशासन को सुनिश्चित करना होगा कि चुनावी प्रक्रिया शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से संपन्न हो सके।