ग्रामीण शिक्षा में डिजिटल क्रांति की शुरुआत, डुमरांव के 148 स्कूलों में बांटे गए टैबलेट
बिहार सरकार की डिजिटल शिक्षा को सशक्त बनाने की पहल अब धरातल पर उतरने लगी है। डुमरांव प्रखंड के राज हाई स्कूल में बुधवार को एक समारोह आयोजित कर टैबलेट का वितरण किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सुधांशु कुमार और राज हाई स्कूल के प्रधानाचार्य अनुराग मिश्र ने संयुक्त रूप से किया।

-- राज हाई स्कूल में समारोह आयोजित कर वितरित किया गया टैबलेट
केटी न्यूज/डुमरांव
बिहार सरकार की डिजिटल शिक्षा को सशक्त बनाने की पहल अब धरातल पर उतरने लगी है। डुमरांव प्रखंड के राज हाई स्कूल में बुधवार को एक समारोह आयोजित कर टैबलेट का वितरण किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सुधांशु कुमार और राज हाई स्कूल के प्रधानाचार्य अनुराग मिश्र ने संयुक्त रूप से किया।
योजना के तहत डुमरांव प्रखंड के 148 सरकारी विद्यालयों को तकनीकी संसाधनों से लैस किया जा रहा है। प्राथमिक और मध्य विद्यालयों को दो-दो टैबलेट प्रदान किए जा रहे हैं, जबकि माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों को छात्रों की संख्या के आधार पर दो से तीन टैबलेट दिए जा रहे हैं।
बीईओ सुधांशु कुमार ने बताया कि यह पहल केवल उपकरण वितरण तक सीमित नहीं है। शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों को टैबलेट के शैक्षणिक और तकनीकी उपयोग के लिए विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इस प्रशिक्षण में ई-कंटेंट निर्माण, डिजिटल लर्निंग ऐप्स का उपयोग, इंटरनेट की समझ और साइबर सुरक्षा जैसे विषय शामिल रहेंगे। उन्होंने कहा कि सही उपयोग की समझ के बिना कोई भी तकनीक अधूरी है।
राज हाई स्कूल के प्राचार्य अनुराग मिश्र ने कहा कि डिजिटल शिक्षा अब सिर्फ शहरी स्कूलों तक सीमित नहीं रहेगी। ग्रामीण स्कूलों में भी अब छात्र ऑनलाइन वीडियो, ई-बुक्स और डिजिटल पुस्तकालय जैसी सुविधाओं से जुड़ सकेंगे। इससे बच्चों की डिजिटल साक्षरता और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा।
वहीं, जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि आने वाले समय में राज्य सरकार स्कूलों में हाई-स्पीड इंटरनेट, स्मार्ट क्लासरूम और ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म लागू करने की दिशा में भी तेजी से कार्य कर रही है। टैबलेट योजना इसी व्यापक डिजिटल परिवर्तन का एक हिस्सा है।
समारोह में उपस्थित मध्य विद्यालय महावीर चबूतरा, डुमरांव की प्राचार्य मंजू कुमारी ने बताया कि अब ग्रामीण अभिभावक भी चाहते हैं कि उनके बच्चे तकनीक में निपुण हों। उन्होंने कहा कि यह पहल बच्चों के आत्मविश्वास को नई ऊंचाई देगी और उन्हें भविष्य की प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करेगी। वहीं, सरकारी विद्यालय भी अब डिजटल होंगे।