शिक्षकों के सम्मान के लिए आजीवन संघर्ष करते रहे डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन
पूर्व राष्ट्रपति तथा देश के सर्वोच्च शिक्षक के रूप में गिने जाने वाले डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जयंती शिक्षक दिवस के मौके पर जिले के इकलौते डिजीटल न्यूज गु्रप केशव टाइम्स ने शिक्षकों के सम्मान में एक सम्मान समारोह का आयोजन किया।
- केशव टाइम्स न्यूज ग्रुप ने शिक्षकों के सम्मान में आयोजित किया सम्मान समारोह
- समारोह में सम्मान पा गदगद हुए शिक्षक, जताया आभार
- सम्मान समारोह में शामिल हुए दर्जनों शिक्षाविद्, शिक्षक व सामाजिक कार्यकर्ता
केटी न्यूज/डुमरांव
पूर्व राष्ट्रपति तथा देश के सर्वोच्च शिक्षक के रूप में गिने जाने वाले डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जयंती शिक्षक दिवस के मौके पर जिले के इकलौते डिजीटल न्यूज गु्रप केशव टाइम्स ने शिक्षकों के सम्मान में एक सम्मान समारोह का आयोजन किया। यह समारोह आनंद विहार होटल में आयोजित हुआ था। जिसकी अध्यक्षता डीके कॉलेज डुमरांव के राजनीति विभाग के पूर्व एचओडी प्रो. श्याम नारायण राय ने किया। जबकि कार्यक्रम में
बतौर मुख्य अतिथि बिहार सरकार के पूर्व मंत्री संतोष कुमार निराला, विशिष्ट अतिथि के तौर पर डुमरांव अनुमंडल पदाधिकारी राकेश कुमार, डीएसपी अफाक अख्तर अंसारी, प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. शैलेश कुमार, बिजली विभाग के एसडीओ राकेश कुमार, जदयू के प्रदेश महासचिव विनोद राय आदि मौजूद थे। अतिथियों ने सामूहिक रूप से दीप प्रज्जवलित कर तथा मां शारदे व सर्वपल्ली राधाकृष्णन के तैल्य चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया। उद्घाटन के मौके पर केशव टाइम्स के सीईओ अरविंद कुमार चौबे मौजूद थे।
कार्यक्रम की शुरूआत डुमरांव घराने की ऋतम दूबे व रूपम दूबे ने दीप प्रज्जवलित कर किया। इसके बाद दोनों बारी-बारी से शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुत कर आगत अतिथियों तथा उपस्थित लोगों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। इसके बाद केशव टाइम्स न्यूज ग्रुप द्वारा पहले आगत अतिथियों का स्वागत किया गया तथा इसके बाद अतिथियों के हाथों शिक्षकों को राधाकृष्णन सम्मान से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन इंगलिश गुरू के नाम से विख्यात मि. मनोज ने जबकि धन्यवाद ज्ञापन केशव टाइम्स के एडिटर इन चीफ अविनाश उपाध्याय ने किया।
इस मौके पर दो दर्जन से अधिक शिक्षकों को अंग वस्त्र, मोमेंटों तथा प्रतीक चिन्ह दिया गया। सम्मान समारोह में डुमरी मुखिया प्रेम सागर कुंवर, पत्रकार डॉ. शशांक शेखर, बंटी कुमार, चंद्रशेखर सिंह, अनिल कुमार ओझा, अमित कुमार ओझा, आलोक कुमार सिन्हा, अशोक कुमार, अमरनाथ केशरी, संजय कुमार, अमित कुमार, रजनीकांत दूबे, मनीष कुमार, नवीन पाठक, रंजन मिश्र, टुन्ना राम, सुगंध राम समेत सैकड़ो लोग मौजूद थे।
शिक्षक कभी सेवा निवृत नहीं होते - संतोष निराला
अपने संबोधन में सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि सह बिहार सरकार के पूर्व मंत्री संतोष कुमार निराला ने कहा कि शिक्षक कभी सेवा निवृत नहीं होते है। उन्होंने कहा कि एक कुशल शिक्षक वही है जो शिक्षा की अलख जगाते है। पूर्व मंत्री ने कहा कि समाज का कोई भी प्रबुद्धजन शिक्षकों की ही देन है। हमे शिक्षकों का आदर करना चाहिए।
पूर्व मंत्री ने कहा कि शिक्षक, शिक्षा और छात्र ही इस देश की धूरी है। देश कितना विकसित और मजबूत है, यह शिक्षकों और छात्रों को दख पता चल जाता है। उन्होंने इस आयोजन के लिए केशव टाइम्स न्यूज गु्रप को बधाई दी और कहा कि इस आयोजन से शिक्षकों को जो सम्मान मिला है, उसके लिए केशव टाइम्स की पूरी टीम बधाई की पात्र है।
चरित्र निर्माण में महत्वपूर्ण है शिक्षक की भूमिका - एसडीएम
केशव टाइम्स द्वारा आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में बतौर विशिष्ट अतिथि अपने उद्बोधन में डुमरांव एसडीएम राकेश कुमार ने कहा कि जीवन में चरित्र निर्माण के लिए अच्छे शिक्षक जरूरी है। उन्होंने कहा कि भले ही आज शिक्षा का स्वरूप बदल गया है, लेकिन शिक्षक की भूमिका आज भी नहीं बदली है। उन्होंने कहा कि पहले की शिक्षा जहां ज्ञान आधारित थी, वही आज के भौतिक युग में शिक्षा रोजगारपरक हो गई।
जिस कारण समाज का शिक्षकों के प्रति नजरिया बदला है। उन्होंने गुरूकुल की शिक्षा परंपरा से आज की आधुनिकी व तकनीकी तथा शिक्षा के बाजारीकरण पर काफी सारगर्भित बातें कही। अंत में उन्होंने कहा कि असली शिक्षा का मतबल चरित्र निर्माण ही है, इसके लिए छात्रों तथा समाज को शिक्षकों का आदर करना चाहिए।
शरीर के लिए जो महत्व प्राण का है, वही जीवन में शिक्षा का है - डीएसपी
राधाकृष्णनन सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए डुमरांव डीएसपी अफाक अख्तर अंसारी ने इस आयोजन के लिए केशव टाइम्स की टीम को धन्यवाद देते हुए कहा कि जीवन के लिए जो महत्व प्राण का है वही महत्व जीवन के लिए शिक्षा का है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा की महता हमेशा बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि जो शिक्षक ईमानदारी से काम करते है वे राष्ट्रनिर्माता होते है। उन्होंने कहा कि बदलते परिवेश में शिक्षा का महत्व बदल गया है। प्राचीन काल में जब गुरूकुल संचालित होते थे तब शिक्षा का मूल उदेश्य था कि जीवन कैसे जिया जाए। लेकिन, अब इसका उदेश्य ज्ञान के साथ ही रोजगार पाना भी हो गया है।
डीएसपी ने शिक्षा के तथ्य व मूल्य दोनों को विस्तार से समझाया और कहा कि शिक्षा का तथ्य शिक्षक बताते है जबकि उसका मूल्य हमारा परिवार व समाज तय करता है। उन्होंने लोगों से शिक्षकों का हमेशा आदर करने की सीख दी और कहा कि शिक्षका हमेशा सम्मान के पात्र होते है।