श्रीमद्भागवत कथा सुनने से मिलता है मोक्ष- सुदीक्षा कृष्णा
इस कलियुग में श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण से मोक्ष की प्राप्त होती है। भागवत कथा के सुनने और सुनाने मात्र से व्यक्ति भवसागर से पार हो जाता है। श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण से ही गोकर्ण के भाई धुंधकारी को प्रेत योनी से मुक्ति मिली थी। पितृ व प्रेतों की मुक्ति का भागवत ही सशक्त माध्यम है।
केटी न्यूज/डुमरांव
इस कलियुग में श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण से मोक्ष की प्राप्त होती है। भागवत कथा के सुनने और सुनाने मात्र से व्यक्ति भवसागर से पार हो जाता है। श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण से ही गोकर्ण के भाई धुंधकारी को प्रेत योनी से मुक्ति मिली थी। पितृ व प्रेतों की मुक्ति का भागवत ही सशक्त माध्यम है।
प्राणी मात्र के प्रति प्रेम, करुणा, दया व मैत्री भाव रखने से परमात्मा शीघ्र प्रसन्न होते हैं। परमात्मा को प्रसन्न करने का सहज उपाय भागवत में बताया गया है। उक्त बातें शहर के शक्ति द्वार के समीप बड़ी संगत उदासीन मठिया में गुरुवार को कथावाचिका दीदी सुदीक्षा कृष्णा जी ने कही। उन्होंने कहा कि भगवान की लीला अपरंपार है। वे अपनी लीलाओं के माध्यम से मनुष्य व देवताओं के धर्मानुसार आचरण करने के लिए प्रेरित करते हैं।
भागवत कथा में जीवन का सार तत्व मौजूद है आवश्यकता निर्मल मन और स्थिर चित्त के साथ कथा श्रवण करने की है। भागवत श्रवण से मनुष्य को परमानंद की प्राप्ति होती है। भागवत श्रवण प्रेतयोनि से मुक्ति मिलती है। उन्होंने कहा कि भागवत भाव प्रधान और भक्ति प्रधान ग्रंथ है। भगवान पदार्थ से परे है, प्रेम के अधीन है। प्रभु को मात्र प्रेम ही चाहिए। अगर भगवान की कृपा दृष्टि चाहते हैं तो उसको सच्चाई की राह पर चलना चाहिए।
भगवान का दूसरा नाम ही सत्य है। सत्यनिष्ठ प्रेम के पुजारी भक्त भगवान के अति प्रिय होते हैं। कलयुग में कथा का आश्रय ही सच्चा सुख प्रदान करता है। इस आयोजन से शहर में भक्तिरस की अविरल धारा प्रवाहित हो रही है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु हर दिन कथामृत का पान करने पहुंच रहे है।
मौके पर आयोजन समिति के अध्यक्ष विकास ठाकुर, बब्लू जायसवाल, अरविंद श्रीवास्तव, विनोद केशरी, कन्हैया तिवारी, सचिन कुमार, मुन्ना जी, बिहारी यादव, मनीष मिश्रा, राजेश यादव, मनीष यादव, अमित मिश्रा, देवेंद्र सिंह, राजेंद्र केशरी, डब्लू मिश्रा, सोनू ठाकुर, सुड्डू प्रसाद, मो. एकराम, रामजी प्रसाद, सुनील मिश्रा सहित अन्य उपस्थित थे।