होल्डिंग टैक्स को लेकर पुराना भोजपुर के लोगों ने किया विरोध

होल्डिंग टैक्स को लेकर विरोध शुरू हो गया है, गुरूवार को नगर परिषद के विस्तारित क्षेत्र पुराना भोजपुर में लोगों ने एकत्रित होकर इसका जमकर विरोध किया।

होल्डिंग टैक्स को लेकर पुराना भोजपुर के लोगों ने किया विरोध

- नप के विस्तारित क्षेत्र में शामिल है पुराना भोजपुर, मनमाने होल्डिंग टैक्स वूसली पर चहुंओर फुट रहे है विरोध के स्वर

केटी न्यूज/डुमरांव  

होल्डिंग टैक्स को लेकर विरोध शुरू हो गया है, गुरूवार को नगर परिषद के विस्तारित क्षेत्र पुराना भोजपुर में लोगों ने एकत्रित होकर इसका जमकर विरोध किया। विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों ने होल्डिंग टैक्स के नियमों को मनमाना बताकर नप को गरीब जनता पर आर्थिक बोझ लादने की बात कर रहे हैं। पुराना भोजपुर के लोगों का कहना है कि होल्डिंग टैक्स वसूलने वाली कंपनी को निर्धारित दर पर टैक्स देना लोगों के बलबूते के बाहर है।

वहीं लोगों ने यह भी बताया कि 2023 में नप में चुनाव हुआ, इसी साल बोर्ड का गठन भी हुआ, सिर्फ सफाई को छोड़कर बाकी विकास की योजनाएं 2023 के बाद से ही विस्तारित क्षेत्र को मिलनी शुरू हुई तो हम 2021 से होल्डिंग टैक्स आखिर क्यों दे? बता दें कि गुरुवार को नगर परिषद के कर्मियों ने लोगों के बीच होल्डिंग टैक्स को लेकर जागरूकता शिविर का आयोजन किया था, लेकिन स्थानीय लोगों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। इसके विरोध में कुछ वार्ड पार्षद भी उतर गए हैं।

 होल्डिंग टैक्स का विरोध कर रहे लोगों के साथ खड़े वार्ड संख्या 1 के पार्षद प्रतिनिधि धर्मेंद्र सिंह और वार्ड संख्या 14 के पार्षद प्रतिनिधि अमित चौरसिया भी मौजूद रहें। वार्ड पार्षदों ने भी एक स्वर में लोगों की इन मांगों का समर्थन किया। स्थानीय निवासी दीपू चौरसिया कह कहना है कि अभी तक मूलभूत सुविधाएं मिली ही नहीं और होल्डिंग टैक्स मनमाने तरीके से वसूली शुरू कर दिया गया। नगरवासियों को मोबाइल पर भेजे जा रहे हैं कि 31 जनवरी तक अपना टैक्स जमा कर दें अन्यथा 100 फीसदी का जुर्माना लगाकर आपकी संपति से टैक्स वसूला जाएगा।

यह जनता को सहूलियत देने वाली बात नहीं होकर टैक्स को उन पर लादना हो गया। हम इसका पुरजोर विरोध कर रहे हैं। इस संबंध में पुराना भोजपुर बाजार निवासी प्रशांत केशरी का कहना है कि 2023 के चुनाव के समय चेयरमैन सुनीता गुप्ता और उप चेयरमैन विकास ठाकुर ने अपने मैनिफेस्टो में शामिल किया था कि वर्ग फीट होल्डिंग टैक्स को कम करेंगे। बेहतर चुनावी वादों को देखते हुए ही हमने उन्हें भारी मतों से जिताया, लेकिन आज जनता की लड़ाई में जीते हुए जनप्रतिनिधि दूर दूर तक नजर नहीं आ रहे हैं। प्रशांत का कहना है

कि अभी जो रेट होल्डिंग टैक्स कंपनी द्वारा प्रति वर्ग फीट निर्धारित की गई है वो पुरानी ही रेट है। इसमें संशोधन जैसा कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि हमलोग किसान क्षेत्र से आते हैं, ऐसे में कम से कम जनप्रतिनिधियों को अपने मैनिफेस्टो का भी ख्याल रखते हुए जनता की समस्याओं की लड़ाई लड़नी चाहिए। उन्होंने बताया कि सुविधा के नाम पर अभी नगर परिषद का विस्तारित क्षेत्र अधिकतर विकास योजनाओं से अछूता है। वहीं मुसाफिर सिंह कहते हैं कि 2021 को बीते लगभग चार साल हुआ। 2021 में सिर्फ यह घोषणा हुई थी कि नगर परिषद क्षेत्र में पुराना भोजपुर और नया भोजपुर शामिल हुआ था।

विकास योजनाओं के नाम पर सिर्फ सफाई और ठेला दिखाकर 2021 से ही होल्डिंग टैक्स का तुगलकी फरमान जारी कर दिया गया। जनता टैक्स देने से मना नहीं कर रही है, लेकिन टैक्स वैसा होना चाहिए की गरीब जनता उसे दे सकें। प्रशासन और नप के अधिकारी हमारी मांगों पर विचार नहीं करेंगे तो हम इसे कदापि नहीं मानेंगे। अभी तो लड़ाई विरोध का शुरू हुई है, आगे धरना-प्रदर्शन से लेकर आमरण अनशन तक शुरू होगा। जिसकी सारी जवाबदेही नप की होगी। नगर परिषद के क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।

वही, बता दें कि डुमरांव में भी होल्डिंग टैक्स वसूली के खिलाफ विरोध के स्वर फूटने लगे हैं। लोगों का कहना है कि गली मोहल्ले में रहने वाले लोगों से भी प्रधान सड़क के नाम पर टैक्स वूसला जा रहा है। लोगों ने नगर परिषद प्रशासन से होल्डिंग टैक्स का रिव्यू करने की मांग भी की है।