बक्सर में महर्षि विश्वामित्र ने की थी गायत्री मंत्र की साधना - मनीष
- गायत्री शक्तिपीठ ने बक्सर में आयोजित किया युवा उत्कर्ष कार्यक्रम
केटी न्यूज/बक्सर
गायत्री शक्तिपीठ, बक्सर के द्वारा युवा उत्कर्ष ( यूथ एक्सपो )का आयोजन किया गया। जिसका उद्देश्य राष्ट्र के सांस्कृतिक उत्थान के साथ नैतिक, बौद्धिक और सामाजिक क्रांति द्वारा भारत को पुनः चक्रवर्ती और जगतगुरु राष्ट्र बनाने का संकल्पबद्ध अभियान प्रारंभ किया गया।
यह महापरिवर्तनकारी अभियान युवा शक्ति के बिना असंभव है। स्वस्थ, शालीन, परिश्रमी, स्वावलंबी और श्रेष्ठ युवा ही देश की रीढ़ और ऊर्जामय कड़ी मानी जाती है, जो भारत को पुनः अपने गौरवशाली रूप में विश्व मंच पर स्थापित कर सकता है। आज देश की तरुणाई ही भारत का स्वर्णिम इतिहास गढ़ सकता है। इस कार्यक्रम में जिलें के विभिन्न इलाकों से हजारों युवा ने भाग लिया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में देश के प्रसिद्ध मोटिवेशनल स्पीकर, लाखों युवाओं के प्रेरणास्त्रोत और मार्गदर्शक बिहार के हेड पीवाईपी मनीष कुमार मौजूद थे। युवाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बक्सर की धरती क्रांतिकारी और तपस्वी की धरती है। जहां पर विश्वामित्र ने गायत्री मंत्र की साधना की, यहां की मिट्टी असाधारण है।
उन्होंने कहा कि सफलता और असफलता का बीच का अंतर परिश्रम और मेहनत का है। प्रत्येक मनुष्य अपने भाग्य का निर्माता स्वयं है। जो जैसा सोचता है, जैसा करता है वैसा बन जाता है। जो व्यक्ति जितना कठिन परिश्रम करता है, वह उतना ही सफल जीवन में होता है और मनुष्य परिश्रम तभी कर सकता है जब उसका मन और मस्तिष्क में ऊर्जा हो।
उन्होंने कहा कि अध्यात्म से बड़ा कोई विज्ञान नहीं है। अध्यात्म व्यक्ति के अंदर शक्ति जागृत करता है। उन्होंने कहा कि विज्ञान को अपनाने का सही समय युवा अवस्था ही होता है और छात्र जीवन में युवाओं को खासकर आध्यात्मिक शक्ति की अनिवार्य रूप से आवश्यकता है। युवाओं को अपने अंदर के अंधकार को दूर करके अंदर ही ज्योति जलानी होगी। प्रत्येक युवा को अपना दीपक स्वयं बनाना चाहिए है। उन्होंने कहा कि मनुष्य को अपने आंतरिक प्रसुप्त शक्तियों को जगाने के लिए नियमित ध्यान और गायत्री मंत्र करना चाहिए, इससे मनुष्य के अंदर सकारात्मक ऊर्जा और सकारात्मक विचार की हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते है, जो व्यक्ति नियमित गायत्री मंत्र और सूर्य का ध्यान करता है उसका मस्तिष्कीय क्षमता का विकास होता है। इसके साथ मेमोरी पॉवर, आईक्यू, ईक्यू लेवल बढ़ता है। गायत्री मंत्र युवाओं को स्मार्ट बनाने का मंत्र है, जिससे युवाओं को सद्बुद्धि और सन्मार्ग मिलता है। वर्तमान समय में युवाओं को भटकाने वाले काफी साधन उपल्बध है जैसे कि फेसबुक, व्हाट्सएप, यू ट्यूब इत्यादि जो कम उम्र के युवाओं को निगेटिव रास्ते के तरफ अग्रसर कर रही है। कम उम्र के युवाओं में यह सोच विकसित नहीं हो पाता कि क्या अच्छा है और क्या बुरा। अगर उनकी सोच में साकारात्मकता लाई जाए तो जिस संसाधन का उपयोग सकारात्मक कार्यों के लिए होनी चाहिए वो कभी भी उनका उपयोग नकारात्मक क्षेत्र में नहीं करेंगे। कार्यक्रम में हजारों युवाओं ने भाग लिया और नियमित रूप से गायत्री मंत्र की साधना और सूर्य का ध्यान का करने का संकल्प लिया।