किसी भी उचित कार्य का श्रेय अपने पर नहीं लेना चाहिए बल्कि अपने श्रेष्ठ को देना चाहिए- कथावाचक

किसी भी उचित कार्य का श्रेय अपने पर नहीं लेना चाहिए बल्कि अपने श्रेष्ठ को देना चाहिए- कथावाचक

केटी न्यूज/नावानगर 

श्रीराम के आदर्श, मधुरवाणी, विनम्रता एवं सरलता को अगर सभी अपनाते हैं तो घर-घर राम होंगे और देश में राम राज्य स्थापित होगी। उक्त बातें महावीर मंदिर सोनवर्षा परिसर में आयोजित पांच दिवसीय मां दुर्गा प्राण प्रतिष्ठा यज्ञ के दौरान प्रयागराज के ब्रजकिशोर चंद्र शास्त्री जी महाराज ने कहा। उन्होंने सीता स्वयंवर में श्रीराम एवं परशुराम के संवाद पर प्रकाश डालते हुए कहा कि  किसी भी उचित कार्य का श्रेय अपने पर नहीं लेना चाहिए बल्कि अपने श्रेष्ठ को देना चाहिए। जैसे धनुष टुटने के बाद परशुराम ने जब श्रीराम से पुछा कि धनुष किसने तोड़ा और तुम कौन हो?  तो श्रीराम ने विनम्रतापूर्वक कहा प्रभु धनुष तोड़ने वाला चला गया। मैं आपका दास हूं। इधर कथा श्रवण के लिए स्थानीय गांव के अलावा आस पास के श्रद्धालु पहुंचे हुए थे। बता दें कि महावीर मंदिर के उपरी तले पर नवनिर्मित मां दूर्गा मंदिर बनी है। जिसमें मां की प्रतिमा का प्राण प्रतिष्ठा के लिए बीते 18 जनवरी को जलभरी शोभायात्रा के साथ पांच दिवसीय यज्ञ की जा रही है। यज्ञ समिति के सदस्यों ने बताया कि पांच दिवसीय इस यज्ञ में रविवार को मां दुर्गा की नगर भ्रमण समेत जलाभिषेक का कार्य पूरा हो गया है। उन्होंने बताया कि आगामी 22 जनवरी को मां दुर्गा के प्राण प्रतिष्ठा एवं हवन की जाएगी। साथ ही 23 जनवरी को विशाल भंडारा के साथ प्राण प्रतिष्ठा यज्ञ संपन्न हो जाएगी।