भगवत भक्ति से प्राप्त होती है शक्ति, शुद्ध होता है मन - सुदीक्षा कृष्णा

भगवत भक्ति से प्राप्त होती है शक्ति, शुद्ध होता है मन - सुदीक्षा कृष्णा

केटी न्यूज/डुमरांव 

श्रीमद्भागवत के भक्ति से मनुष्य को शक्ति प्राप्त होती है और मन शुद्ध होता है। वह सत्कर्म की ओर अग्रसर होता है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। उक्त बातें शनिवार को डुमरांव के बड़ी संगत उदासीन मठ में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के दौरान कथा व्यास दीदी सुदीक्षा कृष्णा जी ने महायज्ञ में भागवत कथा के महत्व का जिक्र करते हुए करते हुए कही। उन्होंने कहा कि मनुष्य इस संसार में मोहमाया के चक्कर में पड़ा रहता है।

इसीलिए समय निकालकर श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण करना चाहिए। सत्संग व कथा के माध्यम से मनुष्य भगवान की शरण में पहुंचता है। उन्होंने बताया कि कथा की सार्थकता तब सिद्ध होती है जब इसे हम अपने व्यवहार में अपनाएं। भागवत पुराण की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यह हिन्दुओं के 18 पुराणों में से एक है। इसका मुख्य विषय भक्ति योग है, जिसमें श्रीकृष्ण को सभी देवों के देव या स्वयं भगवान के रूप में चित्रित किया गया है।

इस पुराण में रस भाव की भक्ति का निरूपण भी है। श्रीमद्भागवत मोक्ष दायिनी है। इसके श्रवण से परीक्षित को मोक्ष की प्राप्ति हुई और कलियुग में आज भी इसका प्रत्यक्ष प्रमाण देखने को मिलता है। इसके श्रवण से प्राणी को मुक्ति प्राप्त होती है। यहां भागवत रूपी रास चलता है पर लोग दर्शन करने को नहीं आते। भगवान कथा के दर्शन का संयोग हर किसी को प्राप्त नहीं होता है कलियुग में भागवत साक्षात श्रीहरि का रूप है। पावन हृदय से इसके स्मरण मात्र से पुण्य की प्राप्ति होती है हर प्राणी का कल्याण हो जाता है। 

इस मौके पर आयोजन समिति के अध्यक्ष विकास ठाकुर, बब्लू जायसवाल, अरविंद श्रीवास्तव, विनोद केशरी, कन्हैया तिवारी, मुन्ना जी, बिहारी यादव, मनीष मिश्रा, राजेश यादव, मनीष यादव, अमित मिश्रा, देवेंद्र सिंह, सोनू ठाकुर, सुड्डू प्रसाद, मो. एकराम, रामजी प्रसाद, सुनील मिश्रा सहित अन्य मौजूद रहे।