बिहार में विकास की नई इबारत लिख रहे हैं नीतीश कुमार, जदयू प्रवक्ताओं ने बक्सर में गिनाई सरकार की उपलब्धियां

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा हाल ही में लिए गए फैसलों को लेकर जनता दल (यू) ने रविवार को बक्सर सर्किट हाउस में संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया। प्रदेश प्रवक्ता अंजुम आरा और जिलाध्यक्ष अशोक कुमार सिंह ने कहा कि “मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का एकमात्र उद्देश्य बिहार के 14 करोड़ लोगों का कल्याण है और उनका सुशासन मॉडल गरीबों, बेटियों और युवाओं के भविष्य को मजबूत करने के लिए लगातार कार्य कर रहा है।”

बिहार में विकास की नई इबारत लिख रहे हैं नीतीश कुमार, जदयू प्रवक्ताओं ने बक्सर में गिनाई सरकार की उपलब्धियां

केटी न्यूज/बक्सर

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा हाल ही में लिए गए फैसलों को लेकर जनता दल (यू) ने रविवार को बक्सर सर्किट हाउस में संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया। प्रदेश प्रवक्ता अंजुम आरा और जिलाध्यक्ष अशोक कुमार सिंह ने कहा कि “मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का एकमात्र उद्देश्य बिहार के 14 करोड़ लोगों का कल्याण है और उनका सुशासन मॉडल गरीबों, बेटियों और युवाओं के भविष्य को मजबूत करने के लिए लगातार कार्य कर रहा है।”

प्रवक्ताओं ने कहा कि एक अगस्त से 125 यूनिट तक बिजली मुफ्त देने का फैसला सिर्फ एक घोषणा नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री की जनसेवा और विश्वास की गारंटी है। इससे 1.67 करोड़ घरेलू उपभोक्ताओं को सीधा लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि जब राज्य में बिजली की स्थिति बेहद खराब थी, तब नीतीश कुमार ने संकल्प लिया था कि जब तक बिजली सुधार नहीं होगा, वोट नहीं मांगेंगे कृ और आज शहरी क्षेत्रों में औसतन 23.6 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 21 से 22 घंटे बिजली मिल रही है।

उन्होंने तेजस्वी यादव के उस बयान पर भी पलटवार किया जिसमें कहा गया था कि यह योजना उनके दबाव में लाई गई। जदयू प्रवक्ताओं ने स्पष्ट किया कि आरजेडी के 2020 के घोषणा-पत्र में मुफ्त बिजली का कोई वादा ही नहीं था, सिर्फ दरों में कटौती की बात थी। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि “जिनके शासन में अंधेरा राज करता था, वे आज रोशनी पर सवाल उठा रहे हैं।”

नीतीश सरकार की दूसरी बड़ी योजना ‘हर खेत तक बिजली-पानी’ और 56 लाख गरीब परिवारों को मुफ्त सोलर पैनल देने की योजना है, जिससे राज्य ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर हो रहा है। साथ ही 2025 से 2030 तक एक करोड़ युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य भी तय किया गया है। प्रवक्ताओं ने दावा किया कि पहले चरण में 10 लाख सरकारी नौकरियां और 39 लाख रोजगार पहले ही दिए जा चुके हैं।

पूर्ववर्ती लालू-राबड़ी शासन पर हमला करते हुए कहा गया कि उस दौर में नौकरी के लिए योग्यताएं नहीं, बल्कि सिफारिश और जमीन की रजिस्ट्री चलती थी। इसके उलट नीतीश सरकार में पारदर्शिता और योग्यता के आधार पर नियुक्ति हो रही है।

बेटियों की गरिमा को लेकर ‘मुख्यमंत्री कन्या विवाह मंडप योजना’ को नीतीश सरकार की सामाजिक संवेदनशीलता का उदाहरण बताते हुए कहा गया कि यह योजना दलित, पिछड़े और अति पिछड़े वर्ग की बेटियों की शादी को गरिमा और सम्मान देने की दिशा में क्रांतिकारी पहल है।

प्रेस वार्ता के दौरान जिलास्तरीय कई प्रमुख नेता, प्रवक्ता और कार्यकर्ता उपस्थित रहे। अंत में वक्ताओं ने कहा कि नीतीश कुमार की नीतियां और योजनाएं जन-विश्वास पर आधारित हैं, जबकि विपक्ष सिर्फ आलोचना और श्रेय की राजनीति में उलझा हुआ है।