गंगा कटाव की समस्य का शीघ्र कराया जाएगा समाधान - डीएम
गंगा में कटाव की समस्या काफी गंभीर है। बाढ़ के पानी घटने के बाद यह कटाव तेज हुआ है। इसका समाधान निकाला जा रहा है, किसानों तथा दियारावासियों को जल्द ही इस समस्या से छुटकारा मिलेगा। गुरूवार को उक्त बातें बक्सर डीएम अंशुल अग्रवाल ने सिमरी प्रखंड के केशोपुर के पास स्थित फूली मिश्र के डेरा गांव के पास गंगा के कटाव का निरीक्षण करने के बाद कही। उन्होंने स्थानीय निवासियों से बात कर कटाव के संबंध में जानकारी ली तथा यह भी पूछा कि कटाव से कितने एकड़ खेत गंगा में विलीन हुआ है।
- डीएम ने केशोपुर के पास स्थित फूली मिश्र के डेरा के पास कटाव का किया निरीक्षण, मौजूद रहे डीडीसी, डुमरांव एसडीएम समेत कई अधिकारी
केटी न्यूज/बक्सर
गंगा में कटाव की समस्या काफी गंभीर है। बाढ़ के पानी घटने के बाद यह कटाव तेज हुआ है। इसका समाधान निकाला जा रहा है, किसानों तथा दियारावासियों को जल्द ही इस समस्या से छुटकारा मिलेगा। गुरूवार को उक्त बातें बक्सर डीएम अंशुल अग्रवाल ने सिमरी प्रखंड के केशोपुर के पास स्थित फूली मिश्र के डेरा गांव के पास गंगा के कटाव का निरीक्षण करने के बाद कही। उन्होंने स्थानीय निवासियों से बात कर कटाव के संबंध में जानकारी ली तथा यह भी पूछा कि कटाव से कितने एकड़ खेत गंगा में विलीन हुआ है।
निरीक्षण के दौरान डीएम ने बाढ़ नियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता को कटाव रोकने के लिए हर संभव उपाय करने को कहा। उन्होंने कहा कि कटाव से किसानों के खेत गंगा में विलीन हो रहे है। उन्होंने कहा कि कटाव से कोईलवर तटबंध के करीब के गांवों के लोगों की चिंता बढ़ गई है। उन्होंने लोगों को आश्वस्त किया कि जल्दी ही इस समस्या का समाधान निकाल लिया जाएगा।
इस दौरान उनके साथ डीडीसी डॉ. महेन्द्र पाल, डुमरांव एसडीएम राकेश कुमार, सिमरी सीओ भवानी शंकर पांडेय, बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारी समेत कई अन्य अधिकारी मौजूद थे।
डीएम के निरीक्षण करने तथा किसानों को आश्वासन देने के बाद स्थानीय लोगों में इस बात की उम्मीद जगी है कि जल्दी ही उन्हें इस गंभीर समस्या से छुटकारा मिलेगा।
केशोपुर से नैनीजोर तक हो रहा है कटाव
दियारावासियों का कहना है कि इस बार बाढ़ का पानी उतरने के साथ ही कटाव तेज हो गया है। कटाव सिमरी प्रखंड के केशोपुर से लेकर ब्रह्मपुर प्रखंड के नैनीजोर के प्रबोधपुर व ढाबी तक हो रहा है। दियारावासियों ने बताया कि कटाव तेज गति से हो रहा है तथा अबतक कई एकड़ खेत गंगा में विलीन हो गए है। हर दिन हो रहे कटाव से यह दायरा बढ़ते ही जा रहा है। गंगा के इस रूख को देख दियारावासी सहमे हुए है। उनका कहना है कि यदि कटाव का यही सिलसिला जारी रहा तो जल्दी ही गंगा कोईलवर तटबंध के करीब भी आ सकती है। हालांकि, अभी कोईलवर तटबंध से कटाव का क्षेत्र काफी दूर है, लेकिन जिन जगहों पर गंगा के करीब गांव बसे है, वहां खतरा और चिंता दोनों बढ़ गया है।
दियारे के भूगोल को बदलने पर आमादा है गंगा
इस वर्ष गंगा में बाढ़ आई थी, हालांकि बक्सर इलाके में बाढ़ का प्रकोप बहुत कम था, सिर्फ तटबंध के उत्तरी हिस्से के करीब तक पानी आया था। बाढ़ का प्रकोप कम होने तथा जल्दी पानी घटने से दियारावासी इस बार खुश थे। उन्हें लगा था कि इस वर्ष गंगा मईया ने कृपा की है, लेकिन बाढ़ कम होते ही दियारावासियों को कटाव की समस्या झेलनी पड़ रही है। जिससे उनकी चिंता बढ़नी लाजिमी है।
कटाव से सबसे अधिक प्रभावित सिमरी प्रखंड का फूली मिश्र का डेरा, लाल सिंह का डेरा, यूपी के हिस्से में आने वाला शिवपुर दियर, ब्रह्मपुर प्रखंड के प्रबोधपुर, नैनीजोर ढाबी आदि प्रभावित है। जानकारों का कहना है कि बाढ़ के बाद गंगा ने अपनी दिशा बदल दी है। अब गंगा के बहाव की दिशा यूपी के बलिया की अपेक्षा बक्सर जिले के दियारा क्षेत्र की तरफ मुड़ गया है। यूपी के इलाके में काफी चौड़ाई में रेत आ गया है, जबकि नदी दूसरी तरफ प्रवाहित होने लगी है। जानकारों का कहना है कि नदी के बहाव का दिशा बदलने के कारण ही इस इलाके में कटाव हो रहा है। दियारावासियों का कहना है कि बहाव की दिशा बदलने से गंगा दियारे की भूगोल बदल रही है।
बदलते रही है गंगा की स्थिति
युगों पुरानी मां गंगा कई बार अपनी धारा बदल चुकी है। इतिहास के जानकारों का कहना है कि हजारों वर्ष पूर्व गंगा भोजपुर ताल के इलाके में बहती थी। धीरे-धीरे इसका बहाव उत्तर दिशा की ओर होते गया तथा यह वर्तमान में यूपी के बलिया के करीब तक पहुंच गई है। बलिया के करीब गंगा के पहुंचने के कारण ही पिछले डेढ़ दो दशक के दौरान बाढ़ आने पर बक्सर से अधिक बलिया में तबाही मची है, लेकिन इस बार बाढ़ के बाद नदी ने अपना रास्ता बदल लिया है। केशोपुर से लेकर नैनीजोर तक अब यह यूपी से दूर खिसकती चली आई है। जिस कारण इस पार के इलाके में कटाव की समस्या आ खड़ी हुई है।
डीएम के निरीक्षण के बाद देखना है कि अब प्रशासन इस कटाव को रोकने में कितना संजीदा हो पाता है तथा उसे इस काम में कितनी सफलता मिलती है।