जापानी इंसेफेलाइटिस का रोगी मिलने से बलिया में हड़कंप
दिल्ली से आया था मरीज, 10 मई को तबियत हुई थी खराब- 20 लोगों का लिया गया सैंपल, क्षेत्र को घोषित किया गया अति संवेदनशील
केटी न्यूज/बलिया
जिले के दयाछपरा क्षेत्र के आलम राय के टोला में संचारी रोग जेई (जापानी इंसेफलाइटिस) के रोगी मिलने से चिकित्सा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। बुधवार के दिन सीएचसी कोटवा के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर आरबी सिंह के नेतृत्व एक टीम आकर आलम राय के टोला में रोगी के परिवारी जनों के साथ ही अगल-बगल के लोगों का 20 सैंपल लिया और साथ में सफाई कर्मियों को साफ सफाई की विशेष हिदायत दी। इस घटना से ग्राम सभा में एक भय का माहौल कायम हो गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत गोपालपुर के आलम राय के टोला निवासी विशाल कुमार सिंह 24 वर्ष पुत्र स्वर्गीय सत्यदेव सिंह दिल्ली से 28 अप्रैल को गांव आगरा के टोला आए हुए थे। जिनके घर में 5 मई को मुंडन संस्कार था मुंडन संस्कार के बाद 10 मई को विशाल कुमार सिंह का तबीयत खराब हुई। शरीर में चकता, खुजलाहट के साथ ही बुखार हो गया। जिसका सदर
स्पताल बलिया में इलाज कराते रहे फिर भी कोई राहत न मिलने पर जून के महीने में इलाज कराने के लिए बलिया से डॉ राम मनोहर लोहिया चिकित्सालय लखनऊ चले गए। लखनऊ में इलाज के दौरान 28 जून को विशाल का सैंपल मेडिकल कॉलेज में जांच के लिए भेजा गया। जहां से 3 जुलाई को जांच रिपोर्ट में विशाल कुमार सिंह को जेई रोग पाया गया। यह खबर ज्यों ही बलिया चिकित्सालय में आई वहां हड़कंप मच गया। बलिया चिकित्सालय ने कोटवा चिकित्सालय के प्रभारी डॉक्टर आरबी सिंह को सैंपल एवं जांच के लिए मौके पर भेजा। डॉक्टर आरबी सिंह ने बताया कि इस रोग का टीका 1 वर्ष से 15 वर्ष
आयु तक के लिए है। जो 9-9 महीना पर दो टीका लगता है। परंतु 15 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए न तो कोई टीका है, ना कोई इलाज। यह रोग मच्छरों एवं गंदगी के द्वारा फैलता है। एएनम को टीका लगाने के लिए निर्देशित कर दिया गया है। टीकाकरण चालू हो गया और परिवारों के साथ ही ग्रामीणों को जो सैंपल लिया गया है वह जांच के लिए भेजा जाएगा। पॉजिटिव मिलने पर अन्य लोगों का भी जांच किया जाएगा। डॉक्टरों की टीम प्रभारी चिकित्सा अधिकारी के अलावे लैब टेक्नीशियन
उपेंद्र प्रसाद, विशाल कश्यप, एएनम कविता निगम, आरती देवी, सीमा वर्मा, संचारी रोग नोडल अधिकारी राकेश कुमार, चीफ फार्मासिस्ट अजय सिंह शामिल रहे। चिकित्सक ने बताया कि कुल 20 आदमी का सैंपल लेते हुए उस मोहल्ले को अतिसंवेदनशील माना गया है।