खाद की किल्लत से ब्लैक में बेचा जा रहा है यूरिया

किसान गेहूं का पटवन कर दिये हैं, अब उसमें खाद डालने के लिये बाजारों की दौड़ लगाने लगे हैं। इधर बाजारों में खाद की किल्लत बताकर दुकानदार अधिक कीमत पर बेच रहे हैं। मुश्किल में पड़े किसान उंची कीमत पर खाद खरीदने पर मजबूर हैं। दुकानदारों का कहना है

खाद की किल्लत से ब्लैक में बेचा जा रहा है यूरिया

- 260 रूपये प्रति बोरा बिकने वाला खाद ब्लैक में 450 तक बिक रहा है

 केटी न्यूज/डुमरांव 

किसान गेहूं का पटवन कर दिये हैं, अब उसमें खाद डालने के लिये बाजारों की दौड़ लगाने लगे हैं। इधर बाजारों में खाद की किल्लत बताकर दुकानदार अधिक कीमत पर बेच रहे हैं। मुश्किल में पड़े किसान उंची कीमत पर खाद खरीदने पर मजबूर हैं। दुकानदारों का कहना है

कि सासाराम से खाद लेकर बेचा जा रहा है, ऐसे में विक्रेताओं को अधिक खर्च पड़ जाता है। बावजूद किसानों को निराश नहीं कर उन्हें समय पर खाद उपलब्ध कराया जा रहा है। इस संबंध में जब अधिकारियों से बात की जाती है तो उनका कहना है कि जल्द ही जिले के लिये खाद एक सप्ताह के भीतर उपलब्ध हो जाएगा। खाद का रैक चल चुका है, बक्सर में पहुंचेगा।

इधर किसानों का कहना है कि अधिकारी गेहूं के फसल में कब खाद डालना जरूरी होता है, उन्हें मालूम है, फिर खाद क्यों विलंब से बक्सर में आ रहा है। अन्य जिलों में खाद समय पर किसानों का उपलब्ध करा दिया गया है। मालूम हो कि खाद की कीमत 260 रूपया है, लेकिन 450 में बेचा जा रहा है।

अधिकारियों को इस पर ध्यान देना चाहिए। सबसे अधिक परेशान गरीब किसान है, जो अधिक रेट पर खाद की खरीदारी करने पर मजबूर हैं। अधिकारियों को इन सब बातों पर ध्यान देते हुए, खाद सभी को समय और उचित मूल्य पर मिल जाए ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए।

कई किसानों ने बताया की हर साल यही हाल होता है। समय पर खाद नहीं उपलब्ध होने से पैदवार में असर पड़ता है। सरकार और अधिकारियों की यह जिम्मेवारी बनती है कि रबी फसल की पैदवार अच्छी होने का इंतजार लगाए बैठे किसानों को परेशानियों से जूझना नहीं पड़े।

यूरिया की किल्लत से परेशान किसान, फसल पर संकट

केटी न्यूज/चक्की 

चक्की प्रखंड क्षेत्र के किसान इन दिनों यूरिया खाद की भारी किल्लत से जूझ रहे हैं। गेहूं की फसल के लिए समय पर यूरिया खाद डालना बेहद जरूरी होता है, लेकिन सरकारी व निजी दुकानों पर खाद उपलब्ध नहीं होने से किसान परेशान हैं।

किसानों का कहना है कि यूरिया की कमी उनकी फसल की पैदावार पर भारी असर डाल सकती है। किसान जितेंद्र चौधरी, हरेंद्र कुशवाहा, अनिल यादव और नारायण सिंह ने बताया कि उन्होंने पहले ही खाद खरीदने की योजना बना ली थी, लेकिन सरकारी दुकानों से खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। निजी दुकानों पर भी यूरिया उपलब्ध नहीं है, जिससे हालात और बिगड़ गए हैं।

कई किसान दिनभर दुकानों के चक्कर काटने को मजबूर हो गए हैं। किसानों का कहना है कि अगर जल्द ही खाद की आपूर्ति नहीं की गई, तो उनकी गेहूं की फसल पर संकट खड़ा हो जाएगा।

खेती के इस महत्वपूर्ण समय में यूरिया की कमी किसानों के लिए गंभीर समस्या बन गई है। किसान प्रशासन से जल्द कार्रवाई की मांग कर रहे हैं ताकि समय रहते उन्हें खाद उपलब्ध हो सके और फसल को नुकसान से बचाया जा सके।